देखते-देखते कैसे बदल गए देश की दिग्गज IT कंपनियों के टॉप बॉस

2023 देश की दूसरी दिग्गज आईटी कंपनियों के लिए बदलावों की फेहरिस्त लेकर तैयार है. इनमें से कई ऐसे हैं जिन्होंने दो दशक तक उस कंपनी को सींचा है और अपनी काबिलियत और मेहनत के दम पर नई ऊंचाई पर पहुंचाया

गुरुवार देर शाम जब ये खबर आई कि राजेश गोपीनाथन ने TCS के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) के पद से अपना इस्तीफा दे दिया है. इस चौंकाने वाली खबर के लिए कोई तैयार नहीं था.

TCS में दो दशक से ज्यादा की लंबी पारी खेलने के बाद गोपीनाथन ने अपना रास्ता अलग चुनने का फैसला किया. अपने इस्तीफे को लेकर 52 साल के गोपीनाथन ने लिखा कि 'मैंने 22 साल तक TCS में काम किया, इस दौरान चंद्रा (टाटा संस चेयरमैन एन चंद्रशेखरन) के साथ जुड़कर काम करना मेरे लिए बहुत खुशी की बात रही, जिन्होंने मुझे हमेशा सलाह दी.'

उन्होंने कहा कि 'इस प्रतिष्ठित संगठन का नेतृत्व करने के पिछले छह साल सबसे अधिक समृद्ध और संतोषजनक रहे हैं, रेवेन्यू में $10 बिलियन से ज्यादा जोड़ा और मार्केट कैप में $70 बिलियन से ज्यादा की ग्रोथ हुई.'

हालांकि राजेश गोपीनाथन इकलौते टॉप बॉस नहीं हैं, जो इतना लंबा दौर एक संस्थान में गुजारने के बाद अपनी नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं. साल 2023 देश की दूसरी दिग्गज आईटी कंपनियों के लिए बदलावों की फेहरिस्त लेकर तैयार है. इनमें से कई ऐसे हैं जिन्होंने दो दशक तक उस कंपनी को सींचा है और अपनी काबिलियत और मेहनत के दम पर नई ऊंचाई पर पहुंचाया है. एक नजर उन पर भी डाल लेते हैं.

TCS

Outgoing TCS CEO Rajesh Gopinathan. (Photo: BQ Prime)
Outgoing TCS CEO Rajesh Gopinathan. (Photo: BQ Prime)

सबसे पहले बात राजेश गोपीनाथन की ही कर लेते है. जब एन चंद्रशेखरन TCS के CEO थे, तब राजेश गोपीनाथन कंपनी के CFO का काम देख रहे थे, इसके बाद जब चंद्रा जी को टाटा ग्रुप की पैरेंट कंपनी टाटा संस जिम्मेदारी दी गई तो गोपीनाथन को फरवरी 2017 में TCS का CEO बनाया गया. CEO के रूप में उन्होंने कई उतार चढ़ाव देखे, कुल मिलाकर 40 तिमाहियों तक उन्होंने कंपनी की कमान संभाले रखी.

अब जब राजेश गोपीनाथन TCS को अलविदा कह चुके हैं, तो उनकी जगह कृति कृतिवासन को CEO की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसमें कोई शक नहीं कि कृति एक बेहद काबिल शख्स हैं, TCS में वो पिछले 34 साल से काम कर रहे हैं.

इंफोसिस (Infosys)

Cognizant CEO Ravi Kumar S. (Source: Twitter)
Cognizant CEO Ravi Kumar S. (Source: Twitter)
Mohit Joshi, outgoing Infosys president and CEO designate at Tech Mahindra. (Photo source: Infosys)
Mohit Joshi, outgoing Infosys president and CEO designate at Tech Mahindra. (Photo source: Infosys)

देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस के लिए बीते 6 महीने काफी उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं. उसके दो प्रेसिडेंट रवि कुमार एस और मोहित जोशी ने कंपनी का साथ छोड़ दिया, इनमें से कुमार ने इंफोसिस के कड़े कंपटीटर कॉग्नीजेंट टेक्नोलॉजी का दामन थाम लिया तो मोहित जोशी ने टेक महिंद्रा का, दोनों ही इन कंपनियों में CEO हैं.

इन दोनों के पास आईटी और BFSI क्षेत्र का एक बेहद लंबा अनुभव है, ऐसे ही अनुभव की तलाश कॉग्नीजेंट टेक्नोलॉजीज और टेक महिंद्रा को हमेशा से ही रही है, क्योंकि ये दोनों कंपनियां इस मामले में हमेशा से ही पीछे रही हैं. मोहित जोशी की लीडरशिप में इंफोसिस ने BFSI के क्षेत्र में कमाल का प्रदर्शन किया है और साल 2016 से 2022 तक सालाना 9% की ग्रोथ हासिल की है.

उनका जाना निकट अवधि के लिए जोखिम पैदा करता है और अगली दो तिमाहियों में मिड-सीनियर लेवल में एट्रीशिन का रिस्क भी बढ़ाता है. मोहित जोशी ने इंडस्ट्री के दिग्गज सी पी गुरनानी की जगह ली है, जो कि इस साल के अंत तक रिटायर हो रहे हैं. जबकि रवि कुमार ब्रायन हम्फ्रीज की जगह लेंगे, जिनका कॉग्निजेंट में कार्यकाल विवादास्पद और अप्रभावी रहा है.

HCL टेक

Xoriant new CEO Sukamal Banerjee. (Photo: Company)
Xoriant new CEO Sukamal Banerjee. (Photo: Company)

27 साल तक HCL टेक्नोलॉजी में काम करने के बाद सुकमल बैनर्जी ने कंपनी को अवलिदा कह दिया और अमेरिका की एक डिजिटल इंजीनियरिंग कंपनी जोरिएंट सॉल्यूशंस (Xoriant Solutions Pvt.) का दामन थाम लिया.

बैनर्जी का HCL टेक में एक लंबा करियर रहा, वो इस कंपनी में कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट के पद तक पहुंचे. इस रोल में वो ग्लोबल ऑपरेशंस का काम देखते थे, उनकी 20,000 इंजीनियर्स की टीम 30 देशों में फैली हुई थी, जिसको वो लीड करते थे. जोरिएंट सॉल्यूशंस को अमेरिका की एक प्राइवेट इक्विटी फर्म क्रिसकैपिटल (ChrysCapital) चलाती है, अब सुकमल बैनर्जी इस कंपनी में CEO के पद पर काम करेंगे.

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