प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति और उनकी कार्यशैली को लेकर जे पी मॉर्गन के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) जेमी डिमॉन हमेशा से ही प्रभावित रहे हैं. मंगलवार को एक इवेंट के दौरान उन्होंने एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ में कसीदे गढ़े हैं.
ब्लूमबर्ग में छपी खबर के मुताबिक द इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क (ECNY) की ओर से आयोजित एक वेबीनार में जेमी डिमॉन ने कहा भारत को ऊपर उठाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अविश्वसनीय काम किया है. उन्होंने मोदी सरकार के पिछले कई रिफॉर्म्स की भी जमकर तारीफ की. डिमॉन ने कहा, 'भारत में बहुत से अमेरिकी सरकारी अधिकारी इस बात को सोच रहे हैं, कि हमें अपना देश कैसे चलाना चाहिए'
PM मोदी की तारीफ में बोले डिमॉन
PM मोदी ने बेहतरीन काम किया है
लिबरल प्रेस उनकी बहुत निंदा करती है
उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है
भारत हमारे साथ ट्रेड करना चाहता है, तो हम उन्हें बातें सुनाते हैं
हम देशों को लेक्चर देते हैं कि कैसे क्लाइमेट, लेबर इन सब पर काम करें
लेकिन भारत में 40 करोड़ लोगों के पास शौचालय भी नहीं है
जनधन,आधार से लेकर GST तक....
डिमॉन ने जनधन अकाउंट और आधार को लेकर कहा कि भारत में हर एक नागरिक को हाथ से या आंख की पुतली से या उंगली से पहचाना जाता है, उनके पास 70 करोड़ लोगों का बैंक खाता है, जिनमें भुगतान किया जा रहा है. डिमॉन ने कहा, भारत में अविश्वसनीय शिक्षा प्रणाली है और एक अविश्वसनीय इंफ्रास्ट्रक्चर है.
जनधन और आधार की तरह ही उन्होंने बिना नाम लिए GST की भी तारीफ की, डिमॉन ने कहा कि इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम ने कई राज्यों में अलग अलग टैक्स व्यवस्थाओं में पैदो होने वाले भ्रष्टाचार को दूर कर दिया है. डिमॉन PM मोदी के काम करने की शैली की तारीफ करते हुए कहते हैं कि मोदी पुराने ब्यूरोक्रेटिक सिस्टम को तोड़ने के मामले में काफी सख्त हैं, और हमें यहां पर इसकी थोड़ी जरूरत है.
डिमॉन ने न्यूयॉर्क को चेताया
डिमॉन ने न्यूयॉर्क में आयोजित इस वेबीनार में तमाम मुद्दों पर बात की, उन्होंने इसी इवेंट में न्यूयॉर्क शहर को हल्के से चेताया भी. डिमॉन ने कहा कि न्यूयॉर्क शहर दुनिया का वित्तीय केंद्र है, लेकिन इस खिताब को बनाए रखने के लिए उसे कंपटीटिव बने रहने की जरूरत है. डिमॉन ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य पर भी बात की और कहा कि जब सॉफ्ट लैंडिंग की बात होती है, तो वह सतर्क हैं, लेकिन अगर मंदी होती है, तो भी अमेरिकी उपभोक्ता बेहतर हालात में हैं.