Berkshire Annual Meet 2024: AI के खतरे से लेकर भारत में बनते निवेश, मार्केट आउटलुक और एप्पल तक, वॉरेन बफे ने क्या कहा

बर्कशायर की सालाना बैठक में कई मुद्दों पर बात हुई, इसमें अमेरिकी कर्ज और महंगाई भी थी. वॉरेन बफे अमेरिका पर कर्ज की बजाय वित्तीय घाटे को लेकर ज्यादा चिंता जताई.

Source: Reuters

हर साल बर्कशायर की सालाना बैठक होती है, इस बार भी हुई और जिसमें में वॉरेन बफे, ग्रेग एबेल और अजीत जैन सभी थे, लेकिन एक कमी सबको खली, बर्कशायर के वाइस चेयरमैन और वॉरेन बफे के पुराने दोस्त चार्ली मंगर इस बैठक में नहीं थे, उनका देहांत पिछले साल नवंबर में 99 वर्ष की उम्र में हो गया था.

बर्कशायर हैथवे की सालाना बैठक 2024

बर्कशायर की सालाना बैठक 2024 में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, भारत में मौके, शेयर बाजार का आउटलुक, AI, एप्पल के शेयरों में कटौती, ग्लोबल निवेश जैसी तमाम बातें शामिल रहीं. निवेशकों के सवालों के जवाब भी दिए गए.

जब एक शेयरहोल्डर ने पूछा कि क्या बर्कशायर भारतीय इक्विटी बाजार में मौके तलाश रहा है, तो बफे ने कहा कि उन्हें यकीन है कि बहुत सारे अवसर हैं लेकिन, 'सवाल ये है कि क्या बर्कशायर को उन बिजनेसेज से कोई फायदा या उनकी पहचान है.' ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि 'उस क्षेत्र में कोई अवसर जरूर तलाशा जा सकता है और उस पर ध्यान दे सकते हैं' लेकिन उन्होंने ये भी जोड़ा कि मैं 'ऐसा करने वालों में से नहीं हूं'.

चार्ली मंगर अब इस दुनिया में नहीं रहे, उनकी गैर-मौजूदगी के बावजूद बफे का ध्यान और परख सारे कामों पर बनी रही. बफे ने 61 साल के ग्रेग एबेल को अपनी कुर्सी सौंपने का ऐलान कर दिया है, उन्हें स्टॉक पोर्टफोलियो समेत सभी निवेश के फैसलों की जिम्मेदारी सौंप दी है.

ब्लूमबर्ग रिपोर्ट के मुताबिक पहली तिमाही के अंत में कंपनी की जमा पूंजी बढ़कर 189 बिलियन डॉलर हो गई, जो साल के अंत में बनाए गए रिकॉर्ड में सबसे ज्यादा है. साथ ही कंपनी ने पहली तिमाही में 11.2 बिलियन डॉलर की ऑपरेशनल आय दर्ज की है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 8.07 बिलियन डॉलर थी.

अमेरिका पर कर्ज और महंगाई

बर्कशायर की सालाना बैठक में कई मुद्दों पर बात हुई, इसमें अमेरिकी कर्ज और महंगाई भी थी. वॉरेन बफे अमेरिका पर कर्ज की बजाय वित्तीय घाटे को लेकर ज्यादा चिंता जताई. उन्होंने मॉनिटरी पॉलिसी से ज्यादा फिस्कल पॉलिसी को लेकर ध्यान देने की बात कही. उन्होंने बेकाबू महंगाई की वजह से पैदा होने वाले वैश्विक आर्थिक खतरे को लेकर आगाह किया और फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के काम की तारीफ भी की.

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को लेकर पूरी दुनिया बंट गई है. लेकिन बफे इसको अलग ही नजरिए से देखते हैं. उन्होंने कहा कि अनुमान लगाया कि AI घोटाला भविष्य में एक आकर्षक उद्योग बन सकता है. बफे ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से व्यक्तिगत लड़ाई का हवाला देते हुए इससे पैदा होने वाले खतरे और तरक्की दोनों के बार में चेतावनी दी. उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की दक्षता की वजह से बर्कशायर के पोर्टफोलियो के भीतर श्रम से जुड़े सेक्टर्स में व्यवधान की आशंका जताते हुए इसके असर की तुलना परमाणु हथियारों के आगमन से की. बफे ने कहा कि

'जाहिर सी बात ही है कि AI में अच्छी चीजों की भी क्षमता है, लेकिन मुझे लगता है, एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो इसके बारे में कुछ भी नहीं समझता है, इसमें अच्छे के लिए बहुत संभावनाएं हैं और नुकसान के लिए भी बहुत संभावनाएं हैं - और मुझे नहीं पता कि ये कैसे काम करता है.'

मौजूदा मार्केट पर नजरिया

बफे ने S&P500 के वैल्युएशन पर कहा कि ये निवेश के लिए ठीक समय नहीं है. उन्होंने पिछले मौकों पर विचार किया और अपने, ग्रेग एबेल और दूसरे मैनेजर्स के बीच अधिग्रहण रणनीतियों में कभी-कभी असमानताओं की ओर भी इशारा किया.

भारत में निवेश

बफे से जब भारतीय बाजारों और भारत में बर्कशायर के निवेश के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने नए मौकों की संभावना को स्वीकार किया. हालांकि, उन्होंने सवाल किया कि क्या बर्कशायर हैथवे के पास प्रोफेशनल एसेट मैनेजर्स पर प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त है जो एसेट्स की बजाय अपनी खरीदने की रणनीति से मुनाफा कमाते हैं.

एप्पल में हिस्सेदारी घटाई

बर्कशायर हैथवे ने लगातार दूसरी तिमाही में एप्पल में अपनी हिस्सेदारी घटाई है. जिससे कंपनी में पहली तिमाही में उसका निवेश लगभग 13% कम हो गया. बफे ने कहा कि जब तक पूंजी आवंटन में महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होंगे तब तक वे एप्पल को अपने पास रखेंगे, जो कि मंगर की निवेश रणनीति में बदलाव को उजागर करता है.

हमारे पास अमेरिकन एक्सप्रेस, कोका-कोला हैं, जो गजब के बिजनेस हैं, और एप्पल भी उनमें से एक है. पिछली कुछ तिमाहियों में हिस्सेदारी में कटौती के बावजूद, एप्पल बर्कशायर की सबसे बड़ी होल्डिंग है.

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