SEBI Board Meet: ASBA, ESG डिस्क्लोजर, म्यूचुअल फंड्स, समेत ये हैं SEBI बोर्ड के 10 बड़े फैसले

इसमें स्टॉक ब्रोकर्स के फ्रॉड रोकने से लेकर म्यूचुअल फंड्स में स्पॉन्सर और ASBA जैसे फ्रेमवर्क के ऐलान शामिल हैं. उन फैसलों में से 10 बड़े फैसले आपको बता रहे हैं.

Source: BQ Prime

मार्केट रेगुलेटर SEBI की आज अहम बोर्ड बैठक हुईं, जिसमें लिस्टेड कंपनियों, ब्रोकर्स और निवेशकों के हितों से जुड़े कई बड़े फैसले लिए हैं. इसमें स्टॉक ब्रोकर्स के फ्रॉड रोकने से लेकर म्यूचुअल फंड्स में स्पॉन्सर और सेकेंडरी मार्केट में ASBA जैसे फ्रेमवर्क के ऐलान शामिल हैं. उन फैसलों में से 10 बड़े फैसले आपको बता रहे हैं.

1- कॉर्पोरेट डेट मार्केट डेवलपमेंट फंड

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने कॉरपोरेट डेट मार्केट डेवलपमेंट फंड की स्थापना के लिए संशोधन पेश किए. कॉर्पोरेट डेट मार्केट डेवलपमेंट फंड का मैनेजेंट SBI म्यूचुअल फंड की ओर से किया जाएगा. माधबी पुरी बुच ने बताया कि म्यूचुअल फंड से फंड जुटाया जाएगा.

कॉर्पोरेट डेट मार्केट में भरोसा पैदा करने और सेकेंडरी मार्केट में लिक्विडिटी को बढ़ाने के लिए सेबी ने ये फैसला लिया है. कॉरपोरेट डेट मार्केट डेवलपमेंट फंड बाजार के मुश्किल दिनों में निवेश-ग्रेड कॉर्पोरेट डेट खरीदने के लिए बैकस्टॉप सुविधा के रूप में काम करेगा.

कॉर्पोरेट डेट फंड 3000 करोड़ रुपये का होगा, सरकार ने इसका 10 गुना लीवरेज यानी 30,000 करोड़ रुपये को भी मंजूरी दी है, इस 30,000 करोड़ रुपये को NCGTC की गारंटी मिलेगी, जो कि सरकार की तरफ से गारंटी देती है. अगर किसी फंड ने 10% का योगदान फंड में दिया है तो वो उससे 10 गुना तक राशि को एक्सेस कर सकेगा.

2- सेकेंडरी मार्केट में ASBA जैसी सुविधा

सेबी की बोर्ड बैठक में सेकेंडरी मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ASBA जैसी सुविधा के लिए फ्रेमवर्क को मंजूरी मिली है.इस सुविधा के तहत UPI के जरिए सेकेंडरी मार्केट में ट्रेडिंग के लिए फंड को ब्लॉक कर सकेंगे. ये सुविधा निवेशकों और स्टॉक ब्रोकर्स के लिए ऑप्शनल होगी. फ्रेमवर्क का फायदा ये होगा कि जबतक की पैसा कट नहीं जाता क्लाइंट को ब्लॉक अमाउंट पर सेविंग अकाउंट में ब्याज मिलता रहेगा. इस फ्रेमवर्क में क्लाइंट का क्लियरिंग कॉर्पोरेशन के साथ डायरेक्ट सेटलमेंट होगा.

3- ESG डिस्क्लोजर के लिए BRSR कोर

ESG (environmental, social, and governance) डिस्क्लोजर को बढ़ावा देने के लिए BRSR कोर को लागू किया जाएगा. BRSR का मतलब है Business Responsibility & Sustainability Report. BRSR कोर मुख्य परफॉर्मेंस इंडिकेटर्स का एक सीमित सेट होगा, ये वित्त वर्ष 2023-24 से टॉप 150 लिस्टेड कंपनियों पर लागू होगा, बाद में इसे 2026-27 तक बढ़ाकर 1000 लिस्टेड कंपनियों तक लेकर जाएंगे. कोर BRSR 49 प्रमुख पैरामीटर्स तक सीमित है

4- म्यूचुअल फंड्स ESG की ज्यादा स्कीम ला पाएंगे

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने कहा कि म्यूचुअल फंड्स अब अलग-अलग ESG स्कीम लॉन्च कर सकेंगे. माधबी पुरी बुच ने कहा कि म्यूचुअल फंड्स एक सीमा तक ही स्कीम्स लेकर आ सकते हैं. हमने अब ESG कैटेगरी की शुरुआत की है, मतलब आगे चलकर आपको और ज्यादा ESG स्कीम देखने को मिलेंगी. अभी SEBI के नियम म्यूचुअल फंड को प्रति कैटेगरी केवल एक स्कीम शुरू करने की इजाजत देते हैं

5- क्लियरिंग कॉर्पोरेशन में पोर्टेबिलिटी

सेबी क्लियरिंग कॉर्पोरेशन में पोर्टेबिलिटी को लागू करने की तैयारी कर रहा है. माधबी पुरी बुच ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ये साइबर सुरक्षा जोखिमों को कम करने का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि कौलेटरल पर भी पोर्टेबिलिटी लागू होगी, इसे अगले वित्त वर्ष से लागू करने की योजना है.

6- ब्रोकर्स के फ्रॉड पर शिकंजा

माधबी पुरी बुच ने कहा कि कुछ ब्रोकर्स अवैध अकाउंट खोलने और बाजार में गलत तरीके से ट्रेडिंग करने में शामिल हैं. सेबी बोर्ड ने एक फ्रेमवर्क को मंजूरी दी है, जिसमें स्टॉक ब्रोकर्स की ओर से किए जाने वाले फ्रॉड को पकड़ने और उसकी रोकथाम के लिए संस्थागत मैकेनिज्म मुहैया कराया जाएगा

7- MF स्पॉन्सर के लिए नियमों में लचीलापन

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने अलग अलग संस्थाओं जैसे प्राइवेट इक्विटी फर्मों (PE)को म्यूचुअल फंड का स्पॉन्सर बनने के वैकल्पिक रास्तों को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा सेल्फ स्पॉन्सर्ड असेट मैनेजमेंट कंपनी को भी स्थापित करने को हरी झंडी दे दी है. सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा कि हम MF इंडस्ट्री में और अधिक इनोवेशन चाहते हैं. उन्होंने कहा कि AMCs को केवल शेयरधारकों के हित पर ध्यान केंद्रित करने की बजाय यूनिटहोल्डर्स के हितों की रक्षा करनी चाहिए. इसके लिए अब उनके पास एक यूनिटहोल्डर्स कमेटी होनी चाहिए.

8- इंडेक्स प्रोवाइडर्स के लिए फ्रेमवर्क मंजूर

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने इंडेक्स प्रोवाइडर्स के लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को मंजूरी दी है. अभी इंडेक्स प्रोवाइडर्स को रेगुलेट करने के लिए मौजूदा कानूनों के तहत कोई प्रावधान नहीं है.

9- कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर सख्ती

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने लिस्डेट कंपनियों में बड़े पदों जैसे- कंप्लायंस अधिकारी, डायरेक्टर, CEO और CFO की भर्तियों के लिए तीन महीने का वक्त दिया है. सेबी ने कंपनियों में कॉरपोरेट गवर्नेंस के नियमों को मजबूत करने के लिए कंपनियों के बोर्ड्स में स्थायी सीटों वाले व्यक्तियों की प्रैक्टिस को खत्म करने का फैसला किया है

10- अक्टूबर से अफवाहों का करना होगा खुलासा

सेबी ने कहा है कि लिस्टेड टॉप 100 कंपनियां अधिक पारदर्शिता लाने और "भौतिक घटनाओं" का समय पर खुलासा सुनिश्चित करने के लिए शेयर की कीमतों को प्रभावित करने वाली बाजार की अफवाहों की पुष्टि या खंडन करेंगी, ताकि ज्यादा पारदर्शिता लाई जा सके. ये नियम 1 अक्टूबर से लागू कर दिया जाएगा, इसके बाद 1 अप्रैल, 2024 से टॉप 250 कंपनियों को इसके दायरे में लाया जाएगा.

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