म्यूचुअल फंड निवेश में कहीं आप भी तो ये गलती नहीं कर रहे; इसे हल्के में कतई न लें

म्यूचुअल फंड और कंपनियों के बीच संवाद को बनाए रखने के लिए मोबाइल नंबर और ई-मेल ID का अपडेटेड होना बहुत ज्यादा जरूरी है.

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म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट्स (RTAs) ने हाल ही में अपने कस्टमर्स से नियमों को पूरा करने के लिए नो योर कस्टमर (KYC) को पूरा करने के निर्देश दिए थे. निवेशकों के बीच में, जो म्यूचुअल फंड के जरिए अपना पैसा शेयर बाजार में डालते हैं, उनके बीच इसे लेकर थोड़ी चिंता बनने लगी है.

KYC से जुड़ी जानकारी जुटाने और जमा करना तो एक बात हुई. वहीं कई निवेशकों को ये भी नहीं पता है कि उनके पास पूरी जानकारी नहीं है. इस समस्या को सुलझाने के लिए और म्यूचुअल फंड और कंपनियों के बीच संवाद को बनाए रखने के लिए मोबाइल नंबर और ई-मेल ID का अपडेटेड होना बेहद जरूरी है.

KYC डिटेल्स

म्यूचुअल फंड रजिस्ट्रार को KYC की प्रक्रिया के दौरान डॉक्यूमेंट और पूरी जानकारी देने के साथ ये भी जरूरी है कि सिस्टम में भी ये सब पूरी तरह से अपडेटेड हो. अगर किसी भी कारण से ऐसा नहीं हो पा रहा है, तो आने वाले भविष्य में फंड ट्रांजैक्शन में परेशानी हो सकती है. एक दूसरा मुद्दा जो KYC प्रक्रिया के दौरान गाहे बगाहे आ जाता है, वो है डॉक्यूमेंट का टाइप.

संभव है कि KYC भरने के दौरान किसी समय भेजे गए डॉक्यूमेंट का टाइप आगे इस्तेमाल में नहीं लिया जाए. अगर आप फिर से वो डॉक्यूमेंट भेजें, तो KYC को फिर से भरने का निर्देश मिल सकता है. ये कई बार चुनौती भरा हो जाता है क्योंकि बार-बार बदलाव करने के बाद भी KYC की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती.

E-mail ID

सारी जानकारी में ई-मेल ID की सही जानकारी देना भी प्रक्रिया का एक जरूरी हिस्सा है. ई-मेल ID से एक चीज सुनिश्चित होती है, वो ये कि आने वाले समय में म्यूचुअल फंड से जुड़ी कोई भी जानकारी आसानी से शेयर की जा सकती है. फर्ज करिए, अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए निवेशक के पास OTP भेजा जाता है.

ये OTP निवेशक की ई-मेल ID पर भी आता है ताकि वो इसे भरकर ट्रांजैक्शन को पूरा कर सके. किसी भी ट्रांजैक्शन के बाद अकाउंट स्टेटमेंट ई-मेल ID पर भेजे जाते हैं, ताकि निवेशक के पास स्टेटमेंट से जुड़ी पूरी जानकारी हो.

आपको भी आसानी से समझ में आ गया होगा कि अपडेटेड ई-मेल ID का होना कितना जरूरी है. ये नहीं होने की सूरत में तमाम ई-मेल आप या तो देख नहीं पाएंगे या फिर इग्नोर कर देंगे.

अपडेटेड मोबाइल नंबर

निवेशकों से ट्रांजैक्शन से जुड़ा कोई OTP शेयर करने या फिर म्यूचुअल फंड से जुड़ा कोई संवाद करने के लिए मोबाइल नंबर का होना बहुत जरूरी है. आमतौर पर ट्रांजैक्शन से जुड़ी जानकारी मोबाइल नंबर पर आती है. इसलिए कुछ भी ऐसी जानकारी हो, जिसको निवेशक तक पहुंचाना जरूरी हो, मोबाइल नंबर के जरिए पहुंचाया जा सकता है.

आजकल तो कई सारे म्यूचुअल फंड अपनी जानकारी व्हाट्सऐप नंबर तक पहुंचाने लगे हैं ताकि संवाद और बेहतर हो. हो सकता है कि मोबाइल नंबर पहले रजिस्टर नहीं किया गया हो, क्योंकि उस समय मोबाइल नंबर की इतनी जरूरत महसूस नहीं की गई हो. लेकिन आज के वक्त इसकी बहुत जरूरत है और म्यूचुअल फंड के पास आप अपनी डिटेल्स अपडेट कर सकते हैं.

वेरिफिकेशन सबसे जरूरी

एक जरूरी चीज, जो हर निवेशक को पता होनी चाहिए कि म्यूचुअल फंड के पास अपने मोबाइल नंबर और ई-मेल ID की जानकारी दे देना ही काफी नहीं है. बल्कि इसके साथ-साथ वेरिफिकेशन भी बहुत जरूरी है.

अगर आप अपना फोन नंबर या फिर ई-मेल ID बदल भी रहे हैं, तो इसका अपडेशन भी जरूरी है. वेरिफिकेशन की ये प्रक्रिया OTP के जरिए पूरी होती है. जब ये OTP अपडेशन में भर दिया जाता है, तब जाकर वेरिफिकेशन पूरा होता है.

वेरिफिकेशन से तय होता है कि ई-मेल और मोबाइल नंबर एक्टिव हैं और जितना भी जरूरी संवाद है, वो आसानी से किया जा सकता है.

अर्णव पंड्या

(लेखक Moneyeduschool के फाउंडर हैं)

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