SEBI ने टेलीग्राम चैनल 'सेफबुल्स' पर की कार्रवाई, बोर्ड की मीटिंग में भी कई अहम फैसले

60 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर्स वाले टेलीग्राम चैनल 'सेफबुल्स' के एडमिन ने इन्‍वेस्‍टर्स को कुछ शेयर खरीदने की सलाह देकर गैरकानूनी तरीके से प्रॉफिट बनाया.

Source: NDTV Profit

शेयर मार्केट में शेयरों के मैनिपुलेशन और बेसिर पैर का 'ज्ञान' बांटने पर कड़ी नजर रखने वाले मार्केट रेगुलेटर SEBI ने एक बार फिर एक टेलीग्राम चैनल पर कार्रवाई की है. SEBI ने इस बार टेलीग्राम चैनल सेफबुल्स (Safebulls) के खिलाफ ऑर्डर जारी किया है.

60 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर्स वाले टेलीग्राम चैनल सेफबुल्स के एडमिन ने इन्‍वेस्‍टर्स को कुछ शेयर खरीदने की सलाह देकर गैरकानूनी तरीके से प्रॉफिट बनाया. एडमिन ने अपना इंटरेस्ट बताए बिना शेयरों के दाम बढ़ाने के लिए उन पर 'BUY' कॉल जारी किया और फिर शेयर बेचकर मुनाफा कमाया.

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

SEBI पहले भी कुछ सोशल मीडिया चैनल्‍स के खिलाफ कार्रवाई कर चुका है. इसी साल जनवरी में SEBI ने टेलीग्राम चैनल 'बुल रन' के खिलाफ कार्रवाई की थी.

चैनल चलाने वाले लोग, भारी मात्रा में स्मॉलकैप कंपनियों के शेयर खरीदते थे और फिर लोगों को इसमें पैसा लगाने की सलाह देते हैं. इसके बाद इन शेयरों के भाव चढ़ने के बाद इन्‍हें बेच डालते थे और मोटा मुनाफा कमा लेते थे.

टेलीग्राम चैनल चलाने वाले 6 लोगों ने ऐसा करके 2.84 करोड़ रुपये का अवैध मुनाफा कमाया था. SEBI ने जांच के बाद इसके खिलाफ कार्रवाई की और इन्‍हें शेयर मार्केट से बाहर का रास्‍ता दिखाया.

SEBI की बोर्ड मीटिंग में अहम फैसले

मुंबई में बोर्ड की 205वीं मीटिंग में SEBI ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को फ्रंट रनिंग और अन्‍य मार्केट फ्रॉड रोकने के लिए मैकेनिज्‍म बनाने को कहा. मीटिंग के दौरान मार्केट रेगुलेटर ने इक्विटी पैसिव फंड्स के लिए ग्रुप फर्म इन्‍वेस्‍टमेंट नॉर्म्‍स में भी ढील दी.

MFs में फ्रॉड ट्रेड की रोकथाम

फ्रंट-रनिंग के हालिया केसेस को ध्‍यान में रखते हुए SEBI ने मौजूदा रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के विस्‍तार के लिए संशोधनों को मंजूरी दे दी है. इसके लिए फंड हाउसों को सिक्‍योरिटीज में फ्रंट-रनिंग और फ्रॉड ट्रेड सहित संभावित मार्केट एब्‍यूज की पहचान और रोकथाम के लिए मैकेनिज्‍म डेवलप करने की जरूरत होगी.

पैसिव फंड्स के लिए मानदंड

SEBI ने इक्विटी पैसिव फंड्स के लिए ग्रुप फर्म निवेश मानदंडों को आसान बना दिया है. इसने ग्रुप फर्म्स में 25% निवेश सीमा से इक्विटी पैसिव फंड को बाहर कर दिया है.

NCDs के लिए लोअर फेस वैल्‍यू

मार्केट रेगुलेटर ने निजी तौर पर रखे गए नॉन-कन्‍वर्शिबल डिबेंचर और प्रिफेरेंस शेयरों के लिए लोअर फेस वैल्‍यू की अनुमति दी है. कंपनियां अब मर्चेंट बैंकर की नियुक्ति के अधीन, निजी तौर पर 10,000 रुपये के फेस वैल्‍यू के बॉन्‍ड रख सकती हैं.

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