गो फर्स्ट की आपदा में टाटा, इंडिगो के लिए अवसर, कंपनी के विमानों पर नजर

सप्लाई में रुकावट और महामारी से ट्रैवल सेक्टर में उम्मीद से तेज रिकवरी की वजह से नए कमर्शियल जेटलाइनर की किल्लत हो गई है

Source: Twitter/Go First

आपदा में अवसर. कुछ ऐसा ही पल आ सकता है, भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (Indigo) और सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप टाटा के लिए. गो फर्स्ट (Go First) एयरलाइन मुश्किल में है. उसके विमान जमीन पर हैं. ब्लूमबर्ग के मुताबिक, इंडिगो और टाटा दोनों, गो एयरलाइंस इंडिया लिमिटेड से एयरबस SE प्लेन्स लेने की तैयारी कर रहे हैं.

गो एयरलाइंस प्राइवेट लिमिटेड ने इन्सॉल्वेंसी के लिए फाइल किया है और उसे DGCA की ओर से टिकटों की बिक्री रोकने का भी आदेश दिया गया है. टाटा ग्रुप (Air India) और इंडिगो, गो एयर के विमानों को लेकर उसके लेसर्स (वो कंपनियां जो लीज पर विमान देती हैं) से अलग-अलग बातचीत कर रहे हैं. इसके साथ वे एयरपोर्ट ऑपरेटर्स के साथ लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट की भी चर्चा कर रहे हैं. इनमें दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट शामिल हैं.

आकासा एयर भी रेस में शामिल

गो एयर को लीज पर विमान देने वाली कंपनियां अपने 36 एयरक्राफ्ट को दोबारा हासिल करने की कोशिश कर रही है. ये जानकारी एविएशन रेगुलेटर के डेटा में दिखती है. कुछ दूसरी एयरलाइंस ने भी एयरपोर्ट स्लॉट में रूचि दिखाई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें नई एयरलाइन आकासा एयर भी शामिल है. गो एयर के एसेट्स को लेने की दूसरी एयरलाइंस की ये कोशिश गो एयर के दोबारा सेवाओं को शुरू करने के प्लान में रोड़ा बन सकती है.

देश के एविएशन रेगुलेटर, DGCA ने एयरलाइन को सोमवार से टिकटों की बिक्री करने से रोक दिया है. ये पूरा वाकया, विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस की याद दिलाता है. करीब एक दशक पहले उसे भी ऐसा करने को कहा गया था. इसके बाद वो कभी भी दोबारा उड़ान नहीं भर सकी. अगले दो हफ्तों में इसे लेकर फैसला होना है कि क्या गो एयर का ऑपरेटिंग लाइसेंस बना रहेगा या नहीं. गो एयर के सबसे बड़े लेसर्स में स्काई हाई XCV लीजिंग लिमिटेड, ACG एयरक्राफ्ट लीजिंग आयरलैंड लिमिटेड और SMBC एविएशन कैपिटल लिमिटेड शामिल हैं.

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गो फर्स्ट के सामने आई थी ये परेशानी

गो एयर की शुरुआत साल 2005 में उद्योगपति नुस्ली वाडिया ने की थी. गो एयर ने कहा था कि उसके A320 नियो एयरक्राफ्ट पर मौजूद इंजन उम्मीद से जल्दी खराब हो गए थे और समय से पहले उन्होंने काम करना बंद कर दिया था. एयरलाइन ने कहा कि उसे 2016 और फरवरी 2023 के बीच 500 से ज्यादा प्रैट GTF इंजन को बदलना पड़ा. इससे प्लेन आउट ऑफ सर्विस हो गए और 1.3 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा.

इससे पहले प्रैट एंड व्हिटनी ने कहा था कि गो एयर के मामले को अदालतें देख रही हैं और वे ग्राहकों के लिए डिलीवरी शिड्यूल को प्राथमिकता दे रहे हैं.

सप्लाई में रुकावट और महामारी से ट्रैवल सेक्टर में उम्मीद से तेज रिकवरी की वजह से नए कमर्शियल जेटलाइनर की किल्लत हो गई है. इसलिए गो एयर के संकट ने टाटा और इंडिगो को अपनी फ्लीट बढ़ाने का एक नया मौका दिया है.

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