हर दूसरे दिन नए रिकॉर्ड बनाता भारतीय शेयर बाजार पहले से ही हाई वैल्यूएशन पर है. लेकिन बीते कुछ दिनों में गर्मियों की आहट ने निवेशकों के लिए इस ओवरवैल्यूड मार्केट में कुछ शेयरों की तरफ इशारा किया है, जो अगले कुछ महीने में शानदार रिटर्न दे सकते हैं.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि इस साल जून महीने तक देश में भीषण गर्मी पड़ सकती है. एयर कूलर बनाने वाली कंपनियों से लेकर पावर जेनेरेटर कंपनियों के शेयरों ने ये खबर सुनते ही रफ्तार पकड़ी.
बाजार में रिकॉर्ड हाई बनाने के बाद बड़े इक्विटी इंडेक्स की रफ्तार कुछ सुस्त पड़ गई थी, जिस बीच पावर जेनेरेटर और कूलर शेयर चढ़ गए.
इस बात को भी नहीं भूलना चाहिए कि ये साल चुनावी है. करोड़ों लोग लोकसभा चुनाव में वोट डालेंगे. भाषण, रैली और जनता से जुड़ने के तमाम कार्यक्रमों के बीच गर्मी से बचाने वाले इन प्रोडक्ट्स की डिमांड बढ़ेगी.
भीषण गर्मी के बीच कई सेक्टर को फायदा हो सकता है. हालांकि, इससे पानी की कमी और फसल बर्बाद होने की भी आशंका है जिससे खाने की चीजें महंगी होंगी. इसके चलते रिजर्व बैंक ब्याज दरों पर कटौती करने के फैसले को आगे बढ़ा सकता है.
ऊर्जा को लेकर डिमांड बढ़ेगी, तो कई इलाकों को पावर शॉर्टेज का भी सामना करना पड़ेगा.
इन सेक्टरों पर रख सकते हैं नजर
एयर कूलिंग
एयर कंडीशनर बनाने वाली कंपनियां, कूलर्स और पंखे आने वाली गर्मी के बीच अपने भाव बढ़ा सकते हैं. एयर कूलिंग प्रोडक्ट्स बनाने वाली 8 कंपनियों के ग्रुप में इस हफ्ते 8% की तेजी देखने को मिली है.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के स्ट्रैटेजिस्ट गौरांग शाह ने कहा, 'कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और घर में इस्तेमाल होने वाली चीज की डिमांड में बढ़ोतरी होगी. ये न केवल मेट्रो शहरों में होगी, बल्कि सेमी-अर्बन और ग्रामीण शहरों में भी नजर आएगी'.
NSE निफ्टी50 इंडेक्स पर नजर डालें तो बीते 5 ट्रेडिंग सेशन में इसमें 1% के करीब उछाल आया है. वहीं, एयर कंडीशनर बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में जोरदार उछाल देखने को मिला है.
इन शेयरों में वोल्टास लिमिटेड, ब्लू स्टार लिमिटेड, हैवल्स इंडिया, जॉनसन की हिताची एयर कंडीशनिंग इंडिया और पंखे बनाने वाली क्रॉम्पटन ग्रीव्स कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल्स शामिल हैं.
दौलत कैपिटल मार्केट में एनालिस्ट निखत कूर ने कहा, 'हम एयर कंडीशनर शेयरों पर पॉजिटिव हैं'. उन्होंने बताया कि रेसिडेंशियल घरों, कमर्शियल प्रोजेक्ट्स में बढ़ोतरी, कंज्यूमर फाइनेंस के बढ़ते विकल्प के चलते डिमांड में बढ़ोतरी का अनुमान है.
निखत कूर ने अपने नोट में लिखा, 'डीलर्स मई महीने में 15% से 20% की सेल्स ग्रोथ का अनुमान जता रहे हैं'.
एनर्जी सेक्टर
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का मानना है कि इस साल हीटवेव देश के अलग-अलग इलाकों में 10 से 20 दिन तक रह सकती है. बीते सालों में ये 4 से 8 दिन तक रहा करती थीं. देश में कई जगहों पर पारा 45 डिग्री सेल्सियस के आंकड़े को भी पार कर सकता है.
ऊर्जा मंत्रालय ने बताया है कि इस दौरान 250 GW तक पावर डिमांड का प्रोजेक्शन है. मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान किसी भी तरह की लोकल सप्लाई को पूरा करने के लिए प्लांट में कोयले का इंपोर्ट किया जाएगा.
थर्मल पावर प्लांट शेयर जैसे अदाणी पावर और रिलायंस पावर के शेयरों में इस हफ्ते 15% से ज्यादा का उछाल देखने को मिला है.
कंज्यूमर गुड्स
सोडा, आइसक्रीम और दूसरे दूध वाले प्रोडक्ट्स की खपत में गर्मियों में तेज उछाल दिखाई पड़ सकता है. ऐसे में हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) और ITC जैसी कंपनियां ग्रामीण इलाकों में अपनी डिमांड बनाने के लिए कम कीमत वाले सस्ते प्रोडक्ट्स पर फोकस कर सकती हैं.
इस हफ्ते वरुण बेवरेजेज शेयर में 6% से ज्यादा का उछाल देखने को मिला है. इस साल शेयर में करीब 20% का उछाल नजर आया है.
इसके साथ ही, डेयरी कंपनी हैटसन एग्रो प्रोडक्ट, पराग मिल्क फूड्स और आइसक्रीम बनाने वाली वादीलाल इंडस्ट्रीज शेयरों में भी तेजी आ सकती है.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के गौरांग शाह ने बताया, 'गर्मियों के चलते बेवरेज की डिमांड में अच्छा उछाल देखने को मिल सकता है'.
उन्होंने आगे कहा, 'कंपनियां कंज्यूमर ग्रुप को टारगेट करने के लिए नए प्रोडक्ट्स बाजार में लॉन्च कर सकती हैं'.
एनालिस्ट ने नवरत्न तेल बनाने वाली कंपनी इमामी लिमिटेड पर फोकस किया है.
मौसम की चिंता
बाजार तो चलिए एक तरफ जा रहा है, लेकिन गर्मी का असर भारत के एनर्जी सेक्टर पर पड़ सकता है. इससे फसल के भी बर्बाद होने का खतरा है.
अभी गर्मी अपने चरम पर पहुंची नहीं है और बेंगलुरु में पानी का संकट पैदा हो गया है.
2022 में भी हीटवेव में ऊर्जा की बढ़ती खपत के चलते प्रदेशों को ब्लैकआउट से गुजरना पड़ा था. पानी के स्रोत सूखे थे, पौधों की ऑपरेटर कंपनियों को अपना काम बंद करना पड़ा था.
MIB सिक्योरिटीज इंडिया के CEO जिगर शाह ने कहा, 'खराब होते मौसम के बीच रिस्क तो जुड़ा ही हुआ है'. उन्होंने कहा, 'जैसे कि संकेत मिल रहे हैं कि इस बार गर्मी पहले के मुकाबले ज्यादा दिन रह सकती है, तो इससे उन इंडस्ट्रीज पर ज्यादा असर पड़ेगा जो ग्राउंड वॉटर और उसकी सप्लाई चेन पर निर्भर हैं'.