कारोबार की दुनिया में नई ऊंचाइयां छूने और करोड़ों लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए, इंडिया टुडे मैगजीन ने अदाणी ग्रुप (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अदाणी (Gautam Adani) को चुना है-'न्यूजमेकर ऑफ द ईयर'. इस मौके पर इंडिया टुडे ग्रुप को दिए एक इंटरव्यू में गौतम अदाणी ने अपने कारोबार के सफर, चुनौतियों, उम्मीदों और जीवन-दर्शन पर खुलकर बात की.
"असाधारण रहा साल 2022"
इंडिया टुडे के ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर(पब्लिशिंग) राज चेंगप्पा को दिए इंटरव्यू में गौतम अदाणी ने कहा, "2022, कई मायनों में एक असाधारण साल रहा है. इस साल हमने अदाणी विल्मर (Adani Wilmar) की कामयाब लिस्टिंग देखी. हमने एक ऐसा बिजनेस मॉडल खड़ा किया है जहां हम जीरो से शुरू करते हैं, उसे प्रॉफिट में लाते हैं और फिर IPO का रुख करते हैं. इस साल हम भारत के दूसरे सबसे बड़े सीमेंट उत्पादक भी बने जब हमने $10.5 बिलियन डॉलर में ACC और अंबुजा का अधिग्रहण किया."
इंफ्रास्ट्रक्चर और दूसरे नए कारोबार में अदाणी ग्रुप के विस्तार के बारे में पूछे जाने पर गौतम अदाणी ने कहा कि उनका जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ. उन्होंने 1970 और 80 के दशक में बिजली, सड़क और पानी को लेकर संघर्ष देखा है. ये वो दौर था जब चीन इंफ्रा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा था और भारत काफी पिछड़ा हुआ था. इन चीजों ने उनमें भारत को आगे ले जाने और मजबूत करने का जज्बा जगाया.
"देश की तरक्की में योगदान, वेल्थ रैंकिंग से ज्यादा संतोषजनक"
गौतम अदाणी देश के सबसे अमीर और दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं. उनसे जब पूछा गया कि पैसा उनके लिए क्या मायने रखता है तो उन्होंने कहा, "ये रैंकिंग और नंबर मेरे लिए मायने नहीं रखते. मैं पहली पीढ़ी का उद्यमी हूं जिसने सब जीरो से शुरू किया है. मुझे चुनौतियों का सामना करने में रोमांच आता है. जितनी बड़ी चुनौती, उतनी ज्यादा खुशी. मेरे लिए लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने का अवसर और देश की तरक्की में योगदान, किसी वेल्थ रैंकिंग की तुलना में कहीं ज्यादा संतोष देने वाला है."
अदाणी ग्रुप को मिली भारत के बराबर सॉवरेन रेटिंग
अदाणी ग्रुप पर भारी कर्ज से जुड़े सवालों पर भी गौतम अदाणी ने बेबाकी से जवाब दिया. उन्होंने कहा, "हम आर्थिक तौर पर मजबूत और सुरक्षित हैं. ये शोर दो तरह के लोग कर रहे हैं. पहले वो जो हमारी आर्थिक स्थिति और कर्ज की पूरी जानकारी नहीं रखते. अगर वो ये बात समझ लेंगे तो कर्ज की सारी गलतफहमी दूर हो जाएगी. दूसरे वो लोग हैं जो अपने निहित स्वार्थों की वजह से जबरदस्ती का भ्रम पैदा कर रहे हैं.
बीते 9 साल में हमारा मुनाफा, हमारे कर्ज से दोगुनी रफ्तार से बढ़ा है. Debt to EBITDA रेश्यो 7.6 से घटकर 3.2 पर आ गया है. इससे हमारे जैसे बड़े ग्रुप की वित्तीय हालत पता चलती है. यही वजह है कि राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भी हमें भारत की सॉवरेन रेटिंग के बराबर रेटिंग दी है. भारत में किसी दूसरे ग्रुप के पास सॉवरेन रेटिंग वाली इतनी कंपनियां नहीं है."गौतम अदाणी, चेयरमैन, अदाणी ग्रुप
इसके अलावा भारतीय बैंकों के ग्रुप को ओवरएक्सपोजर के सवाल पर उन्होंने आंकड़ों को सामने रखते हुए कहा कि लोग बिना पुष्टि के चिंता जाहिर करते हैं. 9 साल पहले हमारे कर्ज में 86% भारतीय बैंकों से था. अब ये घटकर 32% रह गया है. आज हमारे कर्ज का 50% इंटरनेशनल बॉन्ड से है.
"ये सदी भारत के नाम"
गौतम अदाणी ने देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि ये सदी भारत के नाम रहेगी.
उन्होंने आंकड़ों के जरिए बताया कि किस तरह आजादी के बाद 75 साल में से 58 साल लगे 1 ट्रिलियन डॉलर GDP तक पहुंचने में. 2 ट्रिलियन पहुंचने में 12 साल लगे. लेकिन अगला ट्रिलियन सिर्फ 5 साल में जुड़ा और देश 3 ट्रिलियन डॉलर GDP तक पहुंच गया. उन्होंने विश्वास जताया कि अब हर साल से डेढ़ साल में हम GDP में एक ट्रिलियन जोड़ेंगे. भारत 30 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनेगा.
NDTV के बारे में संपादकीय स्वतंत्रता के प्रश्न पर उन्होंने कहा, " मैं आपको बताना चाहूंगा कि NDTV एक विश्वसनीय, स्वतंत्र और ग्लोबल नेटवर्क होगा. मैनेजमेंट और संपादकीय के बीच एक 'लक्ष्मण रेखा' रहेगी. वक्त के साथ ये साफ हो जाएगा, हमें थोड़ा वक्त दें."
2023 में ग्लोबल मंदी के सवाल पर गौतम अदाणी ने 2008 का उदाहरण याद दिलाया. उन्होंने कहा कि मैं बहुत आशावादी हूं और कभी उम्मीद नहीं छोड़ता. 2008 में भी ऐसे हालात बने थे. लेकिन भारत ने इसे गलत साबित किया. मैं आशा करता हूं कि अगला बजट इन सब पर ध्यान देगा. कैपिटल एक्सपेंडिचर, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा पर फोकस रहेगा.
"प्रधानमंत्री मोदी ने देश को दिया प्रगतिशील नेतृत्व"
प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व शैली के बारे में पूछने पर गौतम अदाणी ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को एक प्रगतिशील नेतृत्व दिया है. उनकी नीतियों ने हर भारतीय की जिंदगी में बदलाव किया है. सिर्फ अर्थव्यवस्था ही नहीं बल्कि सामाजिक विकास की भी लगातार कोशिश में वे लगे हुए हैं. आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया ने व्यापार और उत्पादन के नए मौके बनाए और करोड़ों लोगों को रोजगार दिया. स्वच्छ भारत, जनधन योजना, डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर और आयुष्मान भारत ने देश में परिवर्तन की नई दिशा दिखाई."
कौन से सामाजिक कार्य हैं गौतम अदाणी के दिल के करीब?
कारोबार से इतर जब उनसे दिल के करीब रहने वाले सामाजिक कार्यों पर सवाल किया गया तो उनका कहना था कि ये साल उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा साल रहा. उन्होंने बताया, "इस साल मैंने अपना 60वां जन्मदिन मनाया. इस मौके पर मेरे परिवार ने अदाणी फाउंडेशन के लिए 60,000 करोड़ रुपये दान देने की घोषणा की. ये मुख्य तौर पर तीन सामाजिक कार्यों के लिए है - शिक्षा,स्वास्थ्य और स्किल डेवलपमेंट. ये तीनों मकसद मेरे दिल के बहुत करीब है. इससे जो संतुष्टि और खुशी मिली वो किसी पेशेवर उपलब्धि से कहीं बड़ी है."