गौतम अदाणी (Gautam Adani) ने बुधवार को एक निजी कार्यक्रम में कहा कि पिछले साल अदाणी ग्रुप (Adani Group) का अमेरिकी शॉर्ट सेलर के हमले से रिकवर होना उसकी मजबूती और बुरे से बुरे दौर से वापसी की क्षमता को दिखाता है. उन्होंने कहा कि 'हमारी बुनियाद को हिलाने के लिए हुईं कोशिशों के बावजूद हम मजबूती से खड़े रहे. हमने न सिर्फ अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा की. बल्कि ये भी सुनिश्चित किया कि हमारा फोकस अपने ऑपरेशंस पर रहे.'
नए निवेशकों को जोड़कर नुकसान की भरपाई की: गौतम अदाणी
उन्होंने कहा कि 'अदाणी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के एक साल के अंदर वापसी की. उसने नए निवेशकों को जोड़कर नुकसान की भरपाई की और सुप्रीम कोर्ट से भी उसे राहत मिली. मजबूती के लिए आलोचना को सहन करने की क्षमता विकसित करने की जरूरत होती है.'
उनके मुताबिक 'जितना आप आगे बढ़ते हैं, उतने ज्यादा बेहतर तरीके से खुद को आलोचना झेलने के लिए तैयार करते हैं. लेकिन उससे प्रगति को रोकने देने के बजाय आपको मजबूत बने रहना चाहिए.'
कंपनी ने झेला भारी विरोध: गौतम अदाणी
गौतम अदाणी ने ऑस्ट्रेलिया में Carmichael माइन प्रोजेक्ट का उदाहरण दिया और कहा कि 'ऐसे देश में जो अपने बड़े कोयला निर्यात के लिए जाना जाता है, कंपनी ने कई प्रेशर ग्रुप्स के भारी विरोध का सामना किया जो उसकी प्रतिष्ठा को निशाना बना रहे हैं.'
अदाणी ने कहा कि 'इसमें से कुछ का विरोध राजनीतिक, कुछ वैचारिक और कुछ तो सिर्फ बदले की भावना के साथ विरोध कर रहे थे. लेकिन फिर भी ये भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने में प्रोजेक्ट की अहम भूमिका में मेरा दृढ़ विश्वास है जिससे मैं अपनी महत्वकांक्षाओं को आगे बढ़ा सका और आलोचनाओं को झेल पाया.'