कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections) की गहमागहमी के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), महंगाई से लेकर अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी जैसे मुद्दों पर छात्राओं से बात की. ये कार्यक्रम थिंकर्स फोरम कर्नाटक नेआयोजित किया था. FM ने NEP के अलावा रुपये सहित GST को लेकर भी अपनी बात रखी.
वित्त मंत्री ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को NEP फिर से पढ़ने की जरुरत है ताकि मालूम किया जा सके कि ये संस्थानों के लिए कैसे बेहतर और अनुकूल हो सकता है.
NEP पर FM ने क्या कहा
वित्त मंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मैनेजमेंट, शिक्षक और छात्रों को नई शिक्षा नीति यानी NEP पर ध्यान देना चाहिए और इसे समझने की भी जरुरत है. छात्रों को NEP से ज्यादा से ज्यादा लाभ हो यही सबका उद्देश्य होना चाहिए.
'विदेशों में भारतीय रुपये का बढ़ा कद'
रुपये पर बोलते हुए वित्त मंत्री, सीतारमण ने कहा कि विदेशों में भारत की करेंसी, रुपये से खरीदारी करना अब संभव हो गया है. भारतीय रुपया पहले से ज्यादा स्थिर हुआ है इसकी मान्यता भी बढ़ी है. FM ने बताया कि कतर और दुबई के हवाई अड्डे, ड्यूटी फ्री इंडियन करेंसी में भुगतान स्वीकार करते हैं.
दुबई एयरपोर्ट 1 जुलाई, 2019 से रुपये में भुगतान स्वीकार कर रहा है.
फ्यूल (ईंधन) की ऊंची कीमतों और GST पर छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि फ्यूल और यहां तक कि फर्टिलाइजर्स का इंपोर्ट किया जाता है क्योंकि देश में इसकी खपत, घरेलू उत्पादन से कहीं ज्यादा है. सरकार ने जहां भी संभव हुआ सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी घटाई है.
पिछले साल मई में केंद्र सरकार ने तेल की बढ़ती कीमतों के बाद पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी.
GST पर वित्त मंत्री ने और क्या कहा
GST के बारे में FM ने कहा कि राजस्व तटस्थ दर (Revenue neutral rate) करीब 11% है और ये उस स्तर पर नहीं है, जो होनी चाहिए.
वित्त मंत्री ने बताया कि GST दरों में बदलाव पर लंबे समय से बातचीत चल रही है और अब कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता वाली GST परिषद में मंत्रियों का समूह (GoM) इस मामले की समीक्षा कर रहा है.
वित्त मंत्री ने सोलर एनर्जी की यूनिट कॉस्ट में कमी की ओर भी ध्यान आकर्षित किया, जो रिन्युएबल एनर्जी पर फोकस करने से संभव हुआ है.
उन्होंने कहा कि PLI स्कीम से सेमीकंडक्टर, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा उपकरण (मेडिकल इक्विपमेंट) और रिन्युएबल एनर्जी जैसे अन्य उभरते क्षेत्रों पर भी ध्यान दिया गया है.