इक्विटी, डेट या गोल्ड? FY24 में किसका प्रदर्शन रहा शानदार

वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान MCX गोल्ड में 12.5% और और इंटरनेशनल गोल्ड में 13% रिटर्न मिला है. MCX गोल्ड में लगातार 7वें साल पॉजिटिव रिटर्न मिला, जबकि इंटरनेशनल गोल्ड में लगातार चौथे साल तेजी रही.

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वित्त वर्ष 2024 निवेशकों के लिए काफी बेहतर रहा है. हर एसेट क्लास चाहे वह इक्विटी हो या डेट या गोल्ड सभी ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिया. कहीं रिटर्न उम्मीद के अनुसार रहा तो कहीं उम्मीद से कहीं बेहतर. इन सभी एसेट क्लास में इक्विटी ने आउट-परफॉर्म किया है. बीते वित्त वर्ष में सबसे अधिक रिटर्न निफ्टी इंडेक्स ने दिया है. जबकि चांदी में निवेशकों को बाकी एसेट्स की तुलना में कम रिटर्न मिला है. गोल्ड ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया तो डेट स्कीम एक बार फिर फोकस में आती दिखी हैं.

इक्विटी निवेशकों की चांदी

वित्त वर्ष 2024 के दौरान मैक्रो इकनॉमिक कंडीशन में लगातार सुधार के चलते इक्विटी मार्केट में रैली देखने को मिली. इस रैली में घरेलू निवेशकों की भागीदारी लगातार बनी रही, जबकि विदेशी निवेशकों की ओर से भी बेहतर रिस्पांस मिला. भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत आउटलुक के चलते निवेशक घरेलू इक्विटी मार्केट की ओर आकर्षित हुए.

इक्विटी मार्केट में तेजी के चलते इक्विटी म्यूचुअल फंड के निवेशकों को भी जमकर फायदा हुआ है. म्यूचुअल फंड की कैटेगरी लार्जकैप फंड का औसत रिटर्न 41%, मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों का औसत रिटर्न 53% रहा है. लार्ज एंड मिडकैप फंड का औसत रिटर्न 44%, जबकि ELSS का 39% रहा है. मल्टीकैप ने भी औसत 46% रिटर्न दिया.

सोने में बनी रही सेफ हैवन डिमांड

वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान MCX गोल्ड में 12.5% और और इंटरनेशनल गोल्ड में 13% रिटर्न मिला है. MCX गोल्ड में लगातार 7वें साल पॉजिटिव रिटर्न मिला, जबकि इंटरनेशनल गोल्ड में लगातार चौथे साल तेजी रही. बीते साल जियो पॉलिटिकल टेंशन के चलते गोल्ड लगातार सुरक्षित निवेश का जरिया बना रहा. इजरायल-हमास या रूस-यूक्रेन जंग के बीच यह निवेश के लिए सेफ हैवन बना रहा.

फोकस में डेट स्कीम

वित्त वर्ष 2024 के मध्य से अंत तक डेट स्कीम एक बार फिर फोकस में रहीं. जहां तक भारत की बात है, ग्रोथ मजबूत है और कोर इन्फ्लेशन भी कम हुआ है. जिससे RBI को इस साल के अंत तक दरों में कटौती की गुंजाइश मिल गई है. वहीं यू एस फेड भी लगातार रेट कट के संकेत दे रहा है. ऐसे में डेट मार्केट में तेजी आने की उम्मीद में इस कैटेगरी में निवेश बढ़ा है. दरें जब नीचे आती हैं तो डेट स्कीम या बॉन्ड मार्केट का रिटर्न बढ़ता है. लॉन्ग ड्यूरेशन बॉन्ड, मिड से लॉन्ग टर्म वाली डेट स्कीम, डायनेमिक बॉन्ड फंड और गिल्ट फंड खासतौर से फोकस में हैं.

FY24 में डॉलर के मुकाबले रुपया हुआ कमजोर

वित्त वर्ष 2023-24 में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ. 1 अप्रैल 2023 को डॉलर के मुकाबले रुपया 82.32 के लेवल पर था. वहीं वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी ट्रेडिंग डे पर यह 83.44 के लेवल पर बंद हुआ. इस अवधि में रुपया डॉलर के मुकाबले करीब 1.36% कमजोर हुआ यानी यह अंतर करीब 1.12 रुपये का है.

(Source: BSE, NSE, Value Research, Brokerage Blog)

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