टैक्स बचाने के लिए निवेश करना हो तो मार्च का महीना इसका आखिरी मौका है. लिहाजा इस दौरान बहुत से लोग टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट ऑप्शन की तलाश में रहते हैं. म्यूचुअल फंड्स की इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) भी ऐसे ही विकल्पों में शामिल है, जिन्हें टैक्स सेविंग के हिसाब से काफी बेहतर स्कीम माना जाता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि ELSS सिर्फ टैक्स बचाने के लिए ही बेहतर हैं. दरअसल, इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम का पिछला प्रदर्शन लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देने के मामले में भी काफी अच्छा रहा है.
3, 5 और 10 साल में बेहतर रिटर्न देने वाले ELSS फंड
यहां हम आपको कुछ ऐसे ही ELSS फंड्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने पिछले 3 साल, 5 साल और 10 साल के दौरान निवेशकों को काफी अच्छा रिटर्न दिया है. हमने इस सूची में उन्हीं टॉप ELSS फंड्स को शामिल किया है, जो पिछले 3, 5 और 10 साल के प्रदर्शन के लिहाज से अव्वल हैं और जिनका एसेट अंडर मैनेजमेंट 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
हमने यहां सभी स्कीमों की डायरेक्ट प्लान का रिटर्न दिया है, जो आम तौर पर रेगुलर प्लान के मुकाबले बेहतर रहता है. जैसा कि नीचे दिए आंकड़ों से साफ हो जाएगा, इस लिस्ट में शामिल टॉप फंड ने पिछले 3 साल में 34% से ज्यादा और 10 साल के दौरान 27% से अधिक औसत सालाना रिटर्न दिया है.
ELSS में निवेश और मुनाफे पर कैसे लगता है टैक्स
टैक्स सेविंग इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम में तीन साल या उससे ज्यादा वक्त के लिए निवेश करने पर इनकम टैक्स में कई तरह से छूट मिलती है. सबसे पहले तो टैक्स सेविंग ELSS में हर साल 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है.
इसके बाद अगर 3 साल तक होल्ड करने के बाद आपने अपनी यूनिट को बेचा, तो इस पर एक वित्त वर्ष के दौरान अधिकतम 1 लाख रुपये तक के मुनाफे को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) माना जाता है और उस पर कोई टैक्स नहीं लगता.
अगर एक वित्त वर्ष के दौरान आपका प्रॉफिट 1 लाख रुपये से ज्यादा हो, तो भी उस पर सिर्फ 10% के रेट से LTCG टैक्स देना होता है. टैक्स पेयर के स्लैब के हिसाब से टैक्स नहीं लगता.