SEBI ने रद्द किया एमके कॉमोट्रेड का रजिस्ट्रेशन, NSEL से जुड़ा है मामला

एमके कॉमोट्रेड पर ये आरोप था कि उसने अपने क्लाइंट्स को नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (NSEL) पर अवैध 'पेयर्ड कॉन्ट्रैक्ट्स' (Paired Contracts) में ट्रेड करने दिया

Source: Reuters

कैपिटल मार्केट्स रेगुलेटर SEBI ने शुक्रवार को एमके कॉमोट्रेड (Emkay Commotrade) का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया. एमके कॉमोट्रेड पर ये आरोप था कि उसने अपने क्लाइंट्स को नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (NSEL) पर अवैध 'पेयर्ड कॉन्ट्रैक्ट्स' (Paired Contracts) में ट्रेड करने दिया.

SEBI ने अपने नोटिस में कहा है कि एमके कॉमोट्रेड ने अपने क्लाइंट्स को 'पेयर्ड कॉन्ट्रैक्ट्स' में ट्रेड करने की परमिशन दी जिससे उसके क्लाइंट्स को एक ऐसे प्रोडक्ट में ट्रेड करने का रिस्क उठाना पड़ा जिसका कोई रेगुलेटरी अप्रूवल नहीं था. ऐसे में कंपनी के सिक्योरिटीज मार्केट इंटरमीडियरी के तौर पर काम करने पर शंका होती है.

रिपोर्ट में आगे कहा गया, 'ब्रोकर के एक्शन, सिक्योरिटीज मार्केट के हित में नहीं थे और इसलिए एमके कॉमोट्रेड को सिक्योरिटीज मार्केट के ब्रोकर के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के योग्य नहीं माना जा सकता है.'

रेगुलेटर ने अपने लेटर में ये भी कहा है कि ब्रोकर को अपने मौजूदा क्लाइंट्स को उनके सिक्योरिटीज और फंड्स को 15 दिन के अंदर ट्रांसफर करने की सुविधा देनी चाहिए. अगर ऐसा होता है कि कोई क्लाइंट अपने फंड और सिक्योरिटीज ट्रांसफर नहीं कर पाते हैं तो ऐसा ब्रोकर खुद उनके सिक्योरिटीज और फंड को 15 दिन के अंदर दूसरे ब्रोकर को ट्रांसफर करेगा.

आपको बता दें कि सितंबर 2009 में NSEL ने 'पेयर्ड कॉन्ट्रैक्ट्स' का कॉन्सेप्ट लॉन्च किया था. इस स्कीम में कोई भी ट्रेडर एक ही कमोडिटी को 2 अलग-अलग कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए अलग-अलग कीमतों पर खरीद और बेच सकता था. SEBI की इस रिपोर्ट के मुताबिक NSEL पर हुए 'पेयर्ड कॉन्ट्रैक्ट्स' के ट्रेड की वजह से निवेशकों और ट्रेडर्स को करीब 5,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.

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