देश की दिग्गज FMCG कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (Hindustan Unilever Ltd.) ने अपने 'हेल्थ फूड ड्रिंक्स' को 'फंक्शनल न्यूट्रीशन ड्रिंक्स' की कैटेगरी में बदल दिया है. सरकार ने हाल ही में पैकेज्ड सामान बेचने वाली कंपनियों पर भ्रामक प्रचार के चलते ऐसी कंपनियों पर निगरानी बढ़ाई है.
अपने प्रोडक्ट में ज्यादा शुगर होने के लिहाज से 'हेल्दी' का दावा करना कंपनी के लिए चिंता भरा हो सकता है. कंपनी ने इन्वेस्टर प्रेजेंटेशन में बताया कि वो अपने पैक पर प्रोडक्ट के फायदे और न्यूट्रीशन साइंस की जानकारी दे रही है. इसके साथ ही, कंज्यूमर्स को फूड और बेवरेज के कंजप्शन के बारे में जानकारी दी जा सकती है.
ज्यादा शुगर होने के चलते हॉर्लिक्स और बूस्ट की ओनर कंपनी को सोशल मीडिया पर विवाद गहराने पर अपनी बिक्री में असर होता फिलहाल नजर नहीं आ रहा है.
मार्च तिमाही में हॉर्लिक्स और बूस्ट की हाई सिंगल डिजिट ग्रोथ रही थी जिसमें प्राइसिंग और वॉल्यूम ग्रोथ, दोनों की ही भागीदारी रही थी. फंक्शनल न्यूट्रीशन कैटेगरी में वैल्यू और वॉल्यूम के लिहाज से HUL का मार्केट शेयर भी बढ़ा था. हॉर्लिक्स का टर्नओवर 2,000 करोड़ रुपये और बूस्ट का टर्नओवर 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने 10 अप्रैल को सभी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को बॉर्नविटा, हॉर्लिक्स, प्रोटीनएक्स जैसे हेल्थ ड्रिंक को इस कैटेगरी से निकालने का निर्देश जारी किया था. मंत्रालय ने केंद्र की ओर से जारी की गई फूड एंड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स के कानूनों के मुताबिक प्रोडक्ट का 'हेल्थ ड्रिंक' होना जरूरी है.
ऐसे प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां अपने प्रोडक्ट को 'हेल्दी' कहकर नहीं बेच सकतीं. हालांकि, अगर किसी प्रचार में इन प्रोडक्ट्स को 'हेल्दी' बताया गया है, तो उन्हें ये प्रचार वापस लेना होगा. रेगुलेटरी की ओर से इन बदलावों के बाद HUL ने अपने प्रोडक्ट की ब्रांडिंग में बदलाव का फैसला किया है.
कंपनी के CEO रोहित जावा ने बढ़ती पब्लिक स्क्रूटनी के बीच अपने ब्रांड का बचाव करते हुए कहा कि हॉर्लिक्स की एक सर्विंग में 1 टीस्पून से कम शुगर मौजूद है.
असलियत में, HUL इंडस्ट्री के दूसरे ब्रांड्स के मुकाबले हॉर्लिक्स और बूस्ट में कम शुगर का इस्तेमाल करती है. जावा ने कहा, 'हॉर्लिक्स की टैगलाइन है, 'टॉलर, स्ट्रॉन्गर, शार्पर' जो कि विज्ञान पर आधारित है और कंपनी पूरी तरह से FSSAI गाइडलाइंस का पालन करती है'.
मैनेजमेंट ने कहा, 'HUL के एडल्ट न्यूट्रीशन पोर्टफोलियो में शुगर नहीं है. वहीं, बच्चों के न्यूट्रीशन पोर्टफोलियो में कुछ शुगर का इस्तेमाल किया गया है, जो यूनिलीवर के स्टैंडर्ड्स के मुताबिक है.' मैनेजमेंट ने कहा, 'फंक्शनल न्यूट्रीशन ड्रिंक्स कैटेगरी समुदाय की प्रोटीन और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी को पूरा करते हैं'.
HUL का सबसे पहला फोकस अपनी पहुंच बढ़ाना और प्रीमियम सेगमेंट में अपनी पहुंच को बेहतर करना है. फिलहाल, ये 600 करोड़ रुपये का है. HUL के मुताबिक, 'हॉर्लिक्स की मजबूत ब्रांड रिकॉल है और ये जेनेरेशनल प्रोडक्ट है. इसका फोकस अपनी प्रासंगिकता को बरकरार रखने पर है'.
HUL अपने यूजर्स के लिए इस्तेमाल को बढ़ाने और मुनाफे पर फोकस कर रही है. घर-घर जाकर 4-5 करोड़ प्रोडक्ट की सैंपलिंग की गई है, जिससे प्रोडक्ट की पहुंच बढ़ रही है.