क्या होता है 'जेनोफोबिक', जिस पर बाइडेन ने चीन से कर दी भारत की तुलना!

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने एक कार्यक्रम के दौरान भारत, जापान, रूस और चीन को जेनोफोबिक देश बता दिया.

Source: Twitter/POTUS

'युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका (USA) अप्रावसियों का स्वागत करने वाला देश है'. व्हाइट हाउस का ये बयान तब आया है, जब राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने अपने क्वाड (QUAD) पार्टनर्स में जापान और भारत की तुलना अपने दुश्मन देशों रूस और चीन से कर दी. अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक कार्यक्रम के दौरान भारत, जापान, रूस और चीन को जेनोफोबिक देश (Xenophobic Nations) बता दिया.

क्या होता है जेनोफोबिक?

जेनोफोबिक देश का आशय ऐसे देशों से है, जो अप्रवासियों को अपने देश में नहीं आने देना चाहते.

व्हाइट हाउस ने कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति अपने चुनाव प्रचार के दौरान फंड जुटाने से जुड़े एक कार्यक्रम में एक सवाल का जवाब देते हुए 'बड़े संदर्भ में' बात कर रहे थे.

गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए जीन-पियरे ने कहा, 'वो एक बड़े संदर्भ में बात कर रहे थे. हमारे सहयोगी और पार्टनर्स इसे बखूबी समझते हैं और वो जानते हैं कि राष्ट्रपति जी उनका कितना सम्मान करते हैं'.

व्हाइट हाउस का स्पष्टीकरण

उन्होंने कहा, 'बाइडेन एक व्यापक जवाब दे रहे थे. किसी देश के बारे में बात करना और ये भी बताना कि अप्रवासियों का होने उनके लिए कितना जरूरी है और ये कैसे देश को मजबूत बनाता है. और राष्ट्रपति जी इस बारे में ही बात कर रहे थे'.

जीन-पियरे ने कहा, 'ये हमारे दूसरे देशों के संबंधों के साथ जुड़ा है. निश्चित रूप से, हमारे जापान और भारत के साथ मजबूत संबंध हैं. और अगर आप बीते 3 साल में देखें, तो राष्ट्रपति जी ने इन दोनों देशों के साथ कूटनीतिक संबंधों पर फोकस किया है'.

व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी ने कहा, 'वो ये कह रहे थे कि देश के तौर पर हम कैसे हैं. वो अप्रवासियों के देश के होने का महत्त्व बता रहे थे. खासकर कि अप्रवासियों पर किए गए ऐसे हमले, जो हमने हाल ही में देखे हैं'.

जीन-पियरे ने कहा, 'ये हमारे लिए याद रखने लायक है कि हमारा देश अप्रवासियों का है. मैं ये बता रही हूं कि वो किस बारे में बात कर रहे थे और उन टिप्पणियों के जरिए वो क्या जता रहे थे. एक अप्रवासियों का देश होना हमें मजबूत बनाता है. इस बात को लेकर स्पष्ट होना बहुत जरूरी है'.

प्रेसिडेंट बाइडेन ने क्या कहा?

बुधवार फंड जुटाने के कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा, 'ये चुनाव आजादी, अमेरिका और गणतंत्र के लिए है. इनके लिए मुझे आपकी जरूरत है. आप जानते हैं कि देश की इकोनॉमी आपके और आपके जैसे कई लोगों की वजह से चल रही है. क्यों? क्योंकि हम अप्रवासियों का स्वागत करते हैं'. 'हम इसमें गहराई से सोचते हैं और पता लगाते हैं. चीन की इकोनॉमी इतनी बुरी दशा से क्यों गुजर रही है? जापान को क्या दिक्कतें आ रही हैं? रूस और भारत क्यों हैं दिक्कतें? क्योंकि ये जेनोफोबिक हैं. इन्हें अप्रवासी नहीं चाहिए', बाइडेन ने कहा.

भारत और जापान QUAD के सदस्य हैं. इन दोनों देशों के साथ अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया साथ मिलकर स्ट्रेटेजी सिक्योरिटी डायलॉग बनाते हैं.

बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी को बीते साल आमंत्रित किया था. वहीं, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा अप्रैल महीने में व्हाइट हाउस का दौरा किया था.

बाइडेन को इन बयानों के बाद विरोधियों और अप्रवासियों के मुद्दे पर रिपब्लिकन पार्टी से आलोचना झेलनी पड़ रही है. अमेरिका में हर महीने कुछ सौ और हजार की संख्या में अप्रवासी आते रहते हैं.

अप्रवासी का मुद्दा 5 नवंबर को होने वाले चुनाव का हॉट टॉपिक बन गया है. इस चुनाव में जो बाइडेन और डोनॉल्ड ट्रंप से मुकाबला करेंगे.

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