12 घंटे, 6 मशीनें, झारखंड में 30 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी बरामद, ED की काउंटिंग जारी

आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के यहां काम करने वाले एक शख्स के घर से नकदी का ये पहाड़ बरामद हुआ है.

Source: NDTV

झारखंड के रांची में माहौल कुछ बदला-बदला सा है. एक घर से प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate, ED) को इतनी नकदी मिली है, कि नोट गिनने के लिए 6 कैश काउंटिंग मशीन लानी पड़ी हैं. इतनी काउंटिंग के चलते मशीनें खराब हो गई हैं. बीते 12 घंटे में अब तक 30 करोड़ रुपये तक की काउंटिंग हो गई है. काउंटिंग अभी भी जारी है.

कहां से मिला पैसा?

मामला झारखंड की राजधानी रांची का है. झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम (Alamgir Alam) के निजी सचिव संजीव लाल (Sanjiv Lal) के यहां काम करने वाले एक शख्स के घर से नकदी का ये पहाड़ बरामद हुआ है.

झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम (Virendra Ram) से जुड़े 6 ठिकानों की जांच करने गई ED को एक ठिकाने पर जांच करने पर ये मिला. वीरेंद्र राम को सरकारी स्कीम में अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया गया था.

लोकसभा चुनाव के ठीक पहले झारखंड में ये पैसे की बरामदगी राजनीतिक उथल-पुथल मचा रही है. BJP ने कांग्रेस के मंत्री को निशाना बनाते हुए कांग्रेस पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में चुनाव प्रचार करते हुए इस रेड का जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'पड़ोसी प्रदेश झारखंड में नोटों का पहाड़ बरामद हुआ है. अब आप बताइए, अगर मैं चोरी रोकता हूं, उनके लूटे पैसे को रोकता हूं, तो वो लोग मुझे गाली नहीं देंगे क्या? इन गालियों के बाद भी, क्या मुझे ये सब नहीं करना चाहिए? क्या मुझे आपका पैसा नहीं बचाना चाहिए?'.

BJP की प्रतिक्रिया

झारखंड BJP अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने कहा कि अगर इतना पैसा मंत्री के सेक्रेटरी के यहां काम करने वाले के घर से मिल रहा है, 'तो मंत्री के घर से कितना पैसा मिलेगा? वो आरोप लगाते हैं कि ED उन्हें परेशान कर रही है. मैं कल्पना सोरेन और सरकार को बताना चाहता हूं कि आपको आलमगीर आलम को मंत्री पद से हटा देना चाहिए'. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद सक्रिय राजनीति में एंट्री की है.

वहीं, आलमगीर आलम ने कहा है कि ED को जांच पूरी करने के पहले किसी को किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए. उन्होंने बताया कि संजीव लाल ने इसके पहले भी 2 पूर्व मंत्रियों के यहां पर बतौर सचिव काम किया है. उन्होंने कहा, 'संजीव लाल सरकारी कर्मचारी हैं. वो मेरे निजी सचिव हैं., संजीव लाल ने इसके पहले भी 2 पूर्व मंत्रियों के निजी सचिव रह चुके हैं. हम आमतौर पर अनुभव के आधार पर निजी सचिव को अपॉइंट करते हैं. ED की जांच पूरी किए जाने से पहले इस मामले पर टिप्पणी करना उचित नहीं है'.

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