भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नॉन-बैंक पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स (PSOs) से भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से होने वाले किसी ज्यादा हाई वैल्यू या संदिग्ध ट्रांजैक्शन को ट्रैक करने के लिए कहा है. NDTV Profit की रिपोर्ट के मुताबिक 15 अप्रैल को एक चिट्ठी में रेगुलेटर ने PSOs को लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) को देखते हुए ये कहा.
RBI ने क्यों लिया ये फैसला?
RBI ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि चुनाव के दौरान पैसा ट्रांसफर करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का इस्तेमाल किया जा सकता है. RBI ने कहा कि फिर इस पैसे को वोटरों को प्रभावित करने या चुनावों में हिस्सा ले रहे उम्मीदवारों को फंड करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
रिजर्व बैंक ने चिट्ठी में कहा कि ECI की ओर से समय-समय पर जारी की जाने वाली गाइडलाइंस के मुताबिक उपयुक्त अथॉरिटीज या एजेंसियों को हाई वैल्यू या संदिग्ध ट्रांजैक्शन की जानकारी देने को कहा जा रहा है.
चुनाव आयोग को भी चिंता
इससे पहले चुनाव आयोग ने इस संबंध में चिंताएं जाहिर की थीं. उसने जरूरी होने पर उपयुक्त एक्शन लेने की भी सिफारिश की है. रेगुलेटर ने भारत में लोकसभा चुनाव शुरु होने से पहले 15 अप्रैल को ये चिट्ठी भेजी थी. इस बार लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे. चुनाव 19 अप्रैल को शुरु होकर 1 जून को खत्म होंगे.
चुनाव में वोटों की गिनती 4 जून 2024 को होगी. ब्लैक डॉट पब्लिक पॉलिसी एडवायजर्स के फाउंडर और प्रिंसिपल मंदार कागड़े ने कहा कि ये चुनाव आयोग की ओर से आचार सिंहता लागू होने के बाद कदम उठाया गया है.
हालांकि उन्होंने आगे कहा कि ये देखने वाली बात है कि चिट्ठी में संदिग्ध शब्द का इस्तेमाल किया गया है. यानी PSOs सिर्फ इसलिए ट्रांजैक्शंस को रिपोर्ट नहीं करेंगे क्योंकि उनकी वैल्यू ज्यादा है, वो देखेंगे कि ये ट्रांजैक्शंस संदिग्ध है या नहीं.