यूजर्स को कार्ड नेटवर्क चुनाव का विकल्प देने से RuPay के लिए कितना बड़ा मौका?

हाल ही में RBI ने कार्ड प्रोवाइडर कंपनियों को ग्राहकों को नेटवर्क चुनने का विकल्प देने का निर्देश दिया है. ये बदलाव 6 सितंबर से दिखाई देगा.

Source: NDTV Profit हिंदी

देश के RuPay (रुपे) कार्ड नेटवर्क को RBI के एक निर्देश से बूस्ट मिल सकता है. हाल ही में बैंक रेगुलेटर RBI ने कार्ड कंपनियों को निर्देश दिया है कि वो ग्राहकों को अपनी पसंद के नेटवर्क का क्रेडिट कार्ड चुनने का विकल्प दिया जाए. ये बदलाव 6 सितंबर से दिखाई देगा.

बुधवार को जारी किए गए सर्कुलर में, बैंकिंग रेगुलेटर ने कहा कि नए कस्टमर्स को बैंक विकल्प उपलब्ध कराएंगे और मौजूदा क्रेडिट कार्डहोल्डर्स भी कार्ड रिन्यू कराते वक्त इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि, ये नियम केवल 10 लाख एक्टिव क्रेडिट कार्ड उपभोक्ताओं तक सीमित है.

SBI कार्ड के CEO व पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर विजय जसूजा (Vijay Jasuja) ने कहा, 'अगर आप रुपे को आगे बढ़ाएंगे, तो इन ट्रांजैक्शंस से होने वाली कमाई देश में ही रहेगी. शुरुआत में, ग्लोबल लेवल पर रुपे को स्वीकार किए जाने में समस्या थी'.

रुपे क्रेडिट कार्ड किसी भी PoS, ATM या ई-कॉमर्स वेबसाइट में इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके पेमेंट नेटवर्क में डिस्कवर फाइनेंशियल सर्विसेज, यूनियनपे, JCB, डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल शामिल हैं.

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वीजा (VISA) के पास ज्यादा मर्चेंट लोकेशंस हैं, और इसके पेमेंट नेटवर्क्स में डिस्कवर फाइनेंशियल सर्विसेज, JCB और डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल शामिल हैं.

मल्टीप्लाई के CEO व फाउंडर अंकुश दीक्षित (Ankush Dixit) ने NDTV Profit से बातचीत में कहा, 'रुपे के पास ग्लोबल डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है. इसलिए अगर कहीं पार्टनर्स कार्ड उपलब्ध हैं, वहां पर रुपे कार्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है'.

उन्होंने आगे कहा, 'रुपे कार्डहोल्डर्स यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए भी ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. आज भारतीयों के लिए 7 देशों में UPI उपलब्ध है. इनमें श्रीलंका, मॉरीशस, फ्रांस, UAE, सिंगापुर, भूटान और नेपाल शामिल हैं'.

दीक्षित ने कहा, 'NPCI और RBI, दोनों ही UPI ट्रांजैक्शंस के भारी वॉल्यूम को कैश करना चाहते हैं. इनसे होने वाले ट्रांजैक्शंस क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से कहीं ज्यादा किए जाते हैं'. वे आगे कहते हैं, 'मुझे लगता है उन्होंने विचारवश वीजा और मास्टरकार्ड (Mastercard) को UPI के लिए मंजूरी नहीं दी है और ये आगे भी कुछ समय तक नहीं होने वाला है क्योंकि वे रुपे को लीड लेने देना चाहते हैं'.

हालांकि, रुपे के लिए भी ये सफर आसान नहीं होने वाला है. वीजा और मास्टरकार्ड होल्डर्स को आकर्षित करने के लिए रुपे को हाई-एंड ब्रांड्स और सर्विसेज के साथ पार्टनरशिप करनी होगी, जिससे रुपे को कंपटीशन के आधार पर मुनाफा हो सके.

कस्टमर्स के लिए फायदे का सौदा

बैंक बाजार के CEO आदिल शेट्टी (Adhil Shetty) का मानना है कि बैंक बदलाव के लिए तैयार करते हैं और कस्टमर उसे जीत मानता है.

रुपे को यहां पर बढ़त मिलेगी. रुपे नेटवर्क के साथ वो कस्टमर्स भी जुड़ना चाहेंगे, जिनको UPI की इंटरऑपरेबिलिटी का भी लाभ मिलेगा.

उन्होंने कहा, 'ये मर्चेंट्स, कार्ड इश्यूअर्स और कस्टमर्स सभी के हाथ घी में होने वाली बात है. देश में करीब 5 करोड़ मर्चेंट्स हैं जिनके पास केवल QR कोड है, न कोई PoS है और अब वे रुपे कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं'.

लेकिन यहां पर एक चीज जानने वाली है.

दीक्षित कहते हैं कि एक कार्ड नेटवर्क से दूसरे कार्ड नेटवर्क में जाना इस बात पर निर्भर करेगा कि यूजर को कहां ज्यादा फायदा मिल रहा है.

RBI ने कंज्यूमर्स को चुनने की सुविधा दे दी है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि कस्टमर रुपे कार्ड पर शिफ्ट होकर वीजा या मास्टरकार्ड के प्रीमियम फायदे का भी लाभ ले पाएगा. मान लीजिए कि बैंक ऑफ बड़ौदा के लिए कम खर्च करने वाले लोगों के लिए वीजा या मास्टरकार्ड लॉन्च करना महंगा पड़ेगा.

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बैंकों ने लागत बढ़ाई

अधिकतर बैंकों के लिए, वीजा, मास्टरकार्ड और रुपे जैसे कई कार्ड नेटवर्क को साथ लेकर पहले ही व्यवस्था कर रखी है. RBI के मासिक आंकड़ों पर नजर डालें, तो HDFC बैंक, SBI कार्ड, ICICI बैंक और एक्सिस बैंक, ये 4 बैंक कुल मार्केट शेयर में 70% हिस्सेदारी रखते हैं.

इनके टाइ-अप भी कई सारे कार्ड्स को कवर नहीं करते.

जैसे कि एक्सिस बैंक के पास रुपे पर केवल को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड उपलब्ध है, जिसमें उसने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के साथ पार्टनरशिप की है. HDFC बैंक के 4 को-ब्रांडेड कार्ड और रुपे के साथ 2 सामान्य क्रेडिट कार्ड हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा की रुपे नेटवर्क के साथ क्रेडिट कार्ड ऑफरिंग है.

RBL बैंक की भी वीजा और मास्टरकार्ड के साथ अरेंजमेंट्स हैं. एक शख्स से मिली जानकारी के मुताबिक, RBL बैंक आने वाले 2 महीने में रुपे क्रेडिट कार्ड को भी लॉन्च करने वाला है. हालांकि, इससे बढ़ी हुई ऑपरेशनल कॉस्ट और कॉम्प्लेक्स इंप्लिमेंटेशन चैलेंज के साथ काम करना चुनौती भरा हो जाएगा.

एक शख्स से मिली जानकारी के मुताबिक, RBI सर्कुलर में दी गई जरूरतों को पूरा करना टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कुछ चुनौती भरा हो सकता है, वहीं अपने कस्टमर्स को ये बात समझाना भी मुश्किल भरा हो सकता है.

RBI के इस निर्देश के साथ ही लेंडर्स बैंक रेगुलेटर से कार्ड वेरिएंट्स के कई नेटवर्क पर काम करने को लेकर स्पष्टता मांग रहे हैं. इसके साथ ही मौजूदा को-ब्रांडेड पार्टनरशिप पर भी स्पष्टता मांगी जा रही है, जो कुछ विशेष नेटवर्क तक सीमित है.

जसूजा कहते हैं, RBI की गाइडलाइंस के मुताबिक रुपे नेटवर्क को प्रोत्साहन मिलता नजर आ रहा है, आने वाले कुछ समय में कोई विदेशी बैंक रुपे क्रेडिट कार्ड के साथ वेंचर बना सकता है. इसके साथ ही, भारत में क्रेडिट कार्ड बिजनेस में काम करने वालों को रुपे कार्ड के अरेंजमेंट्स को जोड़ने को कहा जा सकता है. उन्होंने कहा, 'जितना दिखाई दे रहा है, रुपे के लिए उससे ज्यादा फायदा है'.

RBI के डेटा के मुताबिक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक इकलौता ऐसा लेंडर है, जो जनवरी तक RBI के परव्यू के दायरे में आता है.

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