Retirement Planning: 30 की उम्र में 1 लाख रुपये सैलरी, NPS में निवेश से रिटायरमेंट को कैसे बनाएं टेंशन फ्री

समय रहते रिटायरमेंट की प्लानिंग करना और ऐसा करते समय महंगाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. रिटायरमेंट की प्लानिंग करते समय इंफ्लेशन पर गौर करना कितना जरूरी है

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National Pension System Calculator: जनवरी 2024 में रिटेल महंगाई दर 5.1% रही और फरवरी में भी इसी के आसपास थी, इसका मतलब हुआ कि महंगाई के बढ़ने की रफ्तार 5% के आसपास बनी हुई है.

यानी खाने पीने से लेकर जरूरत की तमाम चीजों पर हमारा खर्च साल-दर-साल लगभग 5% बढ़ता जा रहा है. अगर आने वाले 20-25 साल के दौरान महंगाई इसी हिसाब से बढ़ती रही तो आज जिस काम पर 1 लाख रुपये खर्च होते हैं, तब 3 लाख रुपये खर्च करने पड़ेंगे.

ऐसे में समय रहते रिटायरमेंट की प्लानिंग करना और ऐसा करते समय महंगाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. रिटायरमेंट की प्लानिंग करते समय इंफ्लेशन पर गौर करना कितना जरूरी है, इसे हम आगे एक उदाहरण की मदद से समझने की कोशिश करेंगे.

महंगाई को मात देने के लिए कहां लगाएं पैसे

30 साल के पवन (काल्पनिक नाम) एक सजग निवेशक हैं और सही वक्त पर अपने रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग करना चाहते हैं. अभी उनका एक महीने का वेतन 1 लाख रुपये है. उनका अनुमान है कि रिटायरमेंट के बाद उनके कुछ खर्च या जिम्मेदारियां कुछ कम होने के आसार रहेंगे.

फिर भी रिटायरमेंट के बाद वे कम से कम 1.25 लाख रुपये महीने का इंतजाम करना चाहते हैं. जब उन्होंने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह ली तो उसने केंद्र सरकार की पेंशन स्कीम नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश करने की सलाह दी. यह ऐसी पेंशन स्कीम है, जिससे रिटायरमेंट के बाद पेंशन और एकमुश्त रकम का इंतजाम हो सकता है.

एकमुश्त रकम को बेहतर योजनाओं में निवेश कर पेंशन के अलावा अलग से भी नियमित इनकम हासिल की जा सकती है.

रिटायरमेंट के लिए क्यों बेहतर है NPS

रिटायरमेंट की प्लानिंग कर रहे लोगों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS एक बेहतर विकल्प है. NPS केंद्र सरकार की एक सोशल सिक्‍योरिटी पहल है. नेशनल पेंशन स्‍कीम के तहत निवेश शुरू करने की उम्र 18 साल है. इसमें कोई भी भारतीय नागरिक (सरकारी कर्मचारी या निजी सेक्टर का कर्मचारी) निवेश शुरू कर सकता है. NRI भी इसके लिए योग्य हैं.

NPS में अकाउंट खोलने के बाद कम से कम 20 साल तक या 60 साल की उम्र तक कंट्रीब्यूट करना होता है. अगर NPS की रिटर्न हिस्ट्री देखें तो अब तक इसने 9% से 12% तक सालाना रिटर्न दिया है.

रिटायरमेंट के बाद निकासी के नियम

मौजूदा नियमों के तहत NPS सब्सक्राइबर्स रिटायरमेंट के बाद अपने कुल कॉर्पस की 60% तक रकम एकमुश्त निकाल सकते हैं. जबकि बाकी 40% फंड पेंशन के लिए एन्युटी खरीदने में लगाना जरूरी है. हालांकि अपनी जरूरत के हिसाब से इससे ज्यादा रकम भी एन्युटी खरीदने पर खर्च की जा सकती है.

NPS की नई गाइडलाइन के तहत अगर कुल कॉर्पस 5 लाख रुपये या उससे कम है तो, सब्सक्राइबर्स एन्युटी प्लान खरीदे बिना पूरी रकम भी निकाल सकते हैं. ये निकासी टैक्स-फ्री है. अब हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि इस स्कीम में हर महीने 15 हजार रुपये का निवेश किया जाए, तो 30 साल में कितना बड़ा कॉर्पस बनाया जा सकता है.

यानी 30 साल तक हर महीने 15,000 रुपये निवेश करने पर 10% सालाना रिटर्न के हिसाब से 30 साल बाद कुल कॉर्पस करीब 3.42 करोड़ रुपये होगा. रिटायरमेंट के बाद आपको इस फंड का इस्तेमाल करके पेंशन के लिए एन्युटी खरीदनी होगी. ऊपर दिए उदाहरण में हम 45% एकमुश्त निकासी और 55% रकम एन्युटी में निवेश के हिसाब से कैलकुलेशन करके देखते हैं कि इससे कितनी पेंशन मिल सकती है.

यानी कुल कॉर्पस का 55% एन्युटी प्लान में निवेश करने पर अगर सालाना अनुमानित रिटर्न 8% मानें तो 1.88 करोड़ रुपये के निवेश पर हर महीने 1.25 लाख रुपये की पेंशन मिल सकती है. इसके अलावा NPS में जमा बाकी 45% यानी 1.54 करोड़ रुपये की रकम एकमुश्त मिल जाएगी, जिसे बेहतर रिटर्न के लिए किसी और एसेट में निवेश किया जा सकता है.

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