कब बढ़ानी चाहिए क्रेडिट कार्ड की लिमिट, किन बातों का रखें ध्यान

अगर बिना किसी योजना के खर्च किया जाता है तो इससे थोड़ी मुश्किल आ सकती है. एक फीचर जिसका कई बैंक फायदा ले रहे हैं वो है अपने ग्राहकों को ज्यादा क्रेडिट लिमिट देना.

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क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के इस्तेमाल की सबसे अहम चीजों में से एक उसमें मौजूद क्रेडिट लिमिट होती है. जितनी ज्यादा लिमिट होगी, उतना कार्ड का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति के लिए बेहतर रहता है. इससे बड़े खर्च जैसे अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन टिकट (Air Ticket), होटल बुकिंग आदि करते समय विकल्पों की ओर देखने की जरूरत नहीं होती है.

अगर बिना किसी योजना के खर्च किया जाता है तो इससे थोड़ी मुश्किल आ सकती है. एक फीचर जिसका कई बैंक फायदा ले रहे हैं वो है अपने ग्राहकों को ज्यादा क्रेडिट लिमिट पेश करना. फैसला लेने से पहले अलग-अलग मापदंडों पर ऐसे ऑफर्स का विश्लेषण करना जरूरी है.

लिमिट और बढ़ोतरी

व्यक्ति को जिन चीजों का ध्यान रखना चाहिए उनमें से सबसे पहली है कि क्रेडिट कार्ड में मौजूदा सीमा और कितनी बढ़ोतरी ऑफर की जा रही है. अगर मौजूदा सीमा कम है और बढ़ोतरी अच्छी है तो ये एक बेहतर ऑफर हो सकता है. उदाहरण के लिए अगर मौजूदा सीमा 2 लाख रुपये है और इसे बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये किए जाने का ऑफर किया जा रहा है तो ये अच्छा इजाफा है. कई बार आंकड़ा सीमा से बस थोड़ा ही ज्यादा हो सकता है.

अगर मौजूदा सीमा 4.5 लाख रुपये है और इसे बढ़ाकर 5.25 लाख रुपये किया जा रहा है तो प्रतिशत में बढ़ोतरी ज्यादा नहीं दिखेगी लेकिन इससे कार्ड यूजर को मदद मिल सकती है क्योंकि इससे खर्च पांच लाख रुपये से ऊपर चला जाएगा. इससे आप कई कार्ड की जगह सिर्फ एक कार्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे. इसे कार्डधारक के नजरिए से देखना होगा कि वो उनकी जरूरतों के हिसाब से ठीक है या नहीं.

दस्तावेजों की जरूरत

ज्यादा क्रेडिट लिमिट का फायदा हासिल करने के लिए आगे प्रक्रिया को देखना होगा. सबसे अच्छी स्थिति होगी कि आपका बैंक बिना किसी अतिरिक्त जानकारी और इनकम प्रूफ के इसकी इजाजत दे. ये ऐसा कार्ड के इस्तेमाल और रिपेमेंट हिस्ट्री या कार्डधारक के साथ अपने संबंध के आधार पर भी कर सकते हैं.

इसमें कार्डधारक से किसी अतिरिक्त कोशिश की जरूरत नहीं है. दूसरी तरफ अगर इनकम प्रूफ और दूसरी डिटेल्स जैसे बहुत से दस्तावेज फाइल किए जाएं तो फैसला बेनेफिट्स और कोशिश पर आधारित होगा. अगर ज्यादा सीमा की अभी तुरंत कोई जरूरत नहीं है तो उसकी ओर आकर्षण कम हो सकता है.

लागत पर विचार भी जरूरी

किसी फैसले पर पहुंचने से पहले पूरे काम की लागत पर भी विचार कर लेना चाहिए. बहुत से मामलों में बैंक ज्यादा क्रेडिट लिमिट के लिए चार्ज नहीं करता और इसे बढ़ाने के लिए प्रक्रिया होती है. ये कार्ड इस्तेमाल करने वाले के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें कोई पैसा नहीं देना होता.

दूसरी तरफ अगर इसमें चार्ज शामिल होता है तो व्यक्ति को ये चेक करना होगा कि क्या ये लागत के मुताबिक सही है. बहुत से बैंक ऐसे अपग्रेड के लिए प्रोसेसिंग फीस लेते हैं. तो फैसला लेने से पहले चेक करना जरूरी है.

कुल मिलाकर क्या करना चाहिए

इस स्थिति का विश्लेषण करने का सबसे अच्छा तरीका ये होगा कि ऐसे ऑफर्स को जरूरत और लागत दोनों के नजरिए से देखें. अगर ज्यादा सीमा की जरूरत होगी तो फिर ऐसे ऑफर्स को नजरअंदाज किया जा सकता है. इसके अलावा ज्यादा सीमा को ज्यादा या लापरवाही से खर्च करने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इससे आपकी वित्तीय स्थिति पर बोझ पड़ सकता है.

अर्णव पंड्या

(लेखक Moneyeduschool के फाउंडर हैं)

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