CBI को झटका! इंटरपोल ने मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस हटाया, तो क्या चोकसी अब आजाद है?

मेहुल चोकसी के जनवरी 2018 में देश से फरार होने के करीब 10 महीने बाद इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था.

Source: mehulchoksi.com

भगोड़े मेहुल चोकसी को वापस देश लाने की भारत की कोशिशों को तगड़ा झटका लगा है. करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के आरोपी हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल के ‘रेड कॉर्नर नोटिस’ से हटा दिया गया है. फ्रांस के लियोन शहर स्थित इंटरपोल के हेडक्वाटर्स में चोकसी की ओर से दायर याचिका के आधार पर यह कदम उठाया गया है.

तो क्या मेहुल चोकसी अब आजाद है?

रेड कॉर्नर नोटिस हटने का मतलब ये हुआ कि अब मेहुल चोकसी एंटीगुआ के बाहर, पूरी दुनिया में कहीं भी घूम सकता है, उसे न तो गिरफ्तार किया जा सकता है और न ही उससे कोई पूछताछ हो सकती है. इंटरपोल सदस्य देश अपनी धरती के कानून के हिसाब से ये तय करेंगे कि मेहुल चोकसी को गिरफ्तार किया जाए या नहीं.

रेड कॉर्नर नोटिस को मेहुल चोकसी ने दी थी चुनौती

आपको बता दें, मेहुल चोकसी के जनवरी 2018 में देश से फरार होने के करीब 10 महीने बाद इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. देश छोड़ने के बाद चोकसी ने एंटीगुआ और बारबूडा की नागरिकता ली थी.

सूत्रों के मुताबिक चोकसी ने अपने खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की CBI की याचिका को चुनौती दी थी.

हालांकि, रेड कॉर्नर नोटिस वापस लेने को लेकर CBI की तरफ से कोई कमेंट या बयान नहीं जारी किया गया है. CBI ने पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी दोनों के खिलाफ अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की है.

हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के प्रवक्ता ने कहा कि रेड कॉर्नर नोटिस को हटाने के इंटरपोल के फैसले से एंटीगुआ में रहने के दौरान चोकसी के अपहरण के दावों को मजबूती मिली है. चोकसी ने दावा किया था कि उसका अपहरण भारतीय एजेंसियों ने किया था, लेकिन सरकार ने इस आरोप से इनकार किया था.

कैसे रद्द हुआ रेड कॉर्नर नोटिस

चोकसी ने CBI की एप्लीकेशन के जवाब में दलील दी थी कि भारत में जेलों के हालात बहुत खराब है. वहां उसे जान का खतरा हो सकता है. इस मामले पर इंटरपोल की 5 मेंबर्स की कमिटी ने सुनवाई की थी. इस लीगल कमिटी को यह अधिकार हासिल है कि वो किसी शख्स या आरोपी के खिलाफ रेड नोटिस को रद्द कर दे.

क्या है रेड कार्नर नोटिस

इंटरपोल के मुताबिक, रेड कॉर्नर नोटिस, दुनियाभर की लॉ एन्फोर्समेंट के नाम एक अपील होती है, जिसमें किसी व्यक्ति को खोजने या अस्थायी तौर पर गिरफ्तार करने की मांग होती है. रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के पीछे इंटरपोल का मुख्य उद्देश्य मेंबर्स कंट्री की पुलिस को सतर्क करना होता है ताकि संदिग्ध अपराधियों को पकड़ा जा सके. 195 देश इंटरपोल के मेंबर हैं. इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने पर संबधित व्यक्ति को अस्थायी तौर पर हिरासत में लिया जा सकता है, अस्थायी तौर पर ही गिरफ्तार किया जा सकता है.

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