HSBC India Services PMI मार्च में बढ़कर 61.2 हो गया है. गुरुवार को जारी स्टेटमेंट के मुताबिक, इसमें फरवरी की तुलना में 0.6 का इजाफा हुआ है.
फरवरी में इंडिया सर्विसेज PMI 60.6 था. ये बीते साढ़े तेरह साल में दूसरी सबसे मजबूत ग्रोथ है. बता दें 50 के ऊपर PMI को एक्सपेंशन माना जाता है.
सितंबर, 2014 में जबसे एक्सपोर्ट बिजनेस सीरीज शुरू हुई है, मार्च 2024 में ये अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पर है. फाइनेंस और इंश्योरेंस ने ग्रोथ रैंकिंग्स में टॉप किया है.
सर्विसेज डिमांड बढ़ने की वजह
सर्विसेज में ये बढ़त मजबूत मांग, बेहतर कार्यकुशता और पॉजिटिव सेल्स डेवलपमेंट्स के चलते आई है. मार्च में कंपनियों ने बताया कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्त्रोतों से भारतीय सर्विसेज के लिए अच्छी मांग आ रही है, जिसके चलते नए ऑर्डर्स बढ़े हैं.
इनपुट इंफ्लेशन बढ़ा, सेल प्राइस में इजाफा
महंगे होते लेबर और मटेरियल कॉस्ट की रिपोर्ट्स के बीच सर्विसेज फर्म्स का ओवरऑल खर्च बढ़ा है. इनपुट प्राइस इंफ्लेशन की दर फरवरी और लॉन्ग टर्म एवरेज की तुलना में मार्च में बढ़ी है.
कुलमिलाकर इनपुट कॉस्ट के बढ़ते दबाव के दौरान ही मांग में बढ़ोतरी के चलते कंपनियों की सेल प्राइस में इजाफा हुआ है. इनपुट कॉस्ट इंफ्लेशन की सबसे ज्यादा दर कंज्यूमर सर्विसेज में देखी गई, जबकि फाइनेंस और इंश्योरेंस सेलिंग प्राइसेज में सबसे ऊपर रहे.
सर्विस प्रोवाइडर्स ने मार्च में अतिरिक्त स्टाफ की भर्ती भी की. नवंबर 2022 के बाद से ये सर्विसेज डिमांड बढ़ने की वजह रोजगार में सबसे ज्यादा वृद्धि है.