S&P ग्लोबल ने अप्रैल महीने के लिए HSBC सर्विसेज PMI आंकड़े जारी किए. मार्च में 61.2 के मुकाबले अप्रैल में ये 60.8 पर रही. हालांकि, रिपोर्ट पर नजर डालें तो नए बिजनेस और आउटपुट के दम पर ये बीते 14 साल के उच्चतम स्तर पर बरकरार है. घरेलू डिमांड में तेजी आ रही है, इसके साथ ही कंपनियों को दुनिया के दूसरे इलाकों से बिजनेस मिल रहा है जो कि सितंबर 2014 के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दूसरा सबसे तेज उछाल है.
सर्वे में हिस्सा लेने वालों के मुताबिक, इस बार इकोनॉमिक परिस्थितियों में बढ़ोतरी रही. मजबूत डिमांड और न्यू यॉर्क में बढ़ते इनटेक से भी सपोर्ट मिला. सर्वे में शामिल किए जाने सभी 4 मानकों के मुताबिक, बिजनेस में तेजी नजर आई है, जिसमें फाइनेंस और इंश्योरेंस में बढ़त सबसे ज्यादा रही.
कंपोजिट PMI मार्च में 61.8 के मुकाबले अप्रैल में 61.5 पर रही. लेकिन ये भी 14 साल के उच्चतम स्तरों पर है.
HSBC के चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी (Pranjul Bhandari) ने कहा, 'भारत की सर्विस एक्टिविटी में अप्रैल महीने में थोड़ी नरमी नजर आई. लेकिन नए ऑर्डर्स के चलते इसमें घरेलू डिमांड में तेजी रही. वहीं, नए एक्सपोर्ट ऑर्डर्स में बढ़त नजर आई और मार्च के मुकाबले ये कुछ ज्यादा रहे. नए ऑर्डर्स मिलने से कंपनियों ने अपने स्टाफ में बढ़ोतरी की, हालांकि लोगों की नौकरी देने की ग्रोथ में हल्की सुस्ती रही'.
वस्तुएं और श्रम की कीमतों में बढ़ोतरी से जुड़ी रिपोर्ट के अलावा ऑपरेटिंग खर्च में अप्रैल के दौरान तेजी रही. मार्च में ओवरऑल महंगाई कम थी, लेकिन लॉन्ग-रन एवरेज के मुताबिक रही. बढ़ती अंडरलाइंग डिमांड के चलते सर्विस प्रोवाइडर्स ने बढ़ती कीमतों का कुछ हिस्सा क्लाइंट्स के खाते में डाला.