जिलिंगो की अंकिती बोस ने को-फाउंडर, पूर्व-COO पर लगाया यौन उत्पीड़न और जान को खतरे का आरोप, FIR दर्ज

आठ पन्नों की FIR में जिलिंगो की पूर्व प्रमुख ने ध्रुव कपूर और आदि वैद्य पर मानसिक उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.

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जिलिंगो (Zilingo) की को-फाउंडर और पूर्व चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) अंकिती बोस (Ankiti Bose) ने मंगलवार को कंपनी के को-फाउंडर और चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर ध्रुव कपूर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर आदि वैद्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की. इसके बाद मुंबई में एक FIR रजिस्टर की गई है.

मई 2022 में पद से हटाया गया था

NDTV Profit ने 8 पन्नों की इस रिपोर्ट को देखा है, जिसमें जिलिंगो की पूर्व प्रमुख ने ध्रुव कपूर और आदि वैद्य पर मानसिक उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. ये आरोप मार्च 2021 से अक्टूबर 2023 तक की अवधि को लेकर लगाए गए हैं.

बोस को मई 2022 में वित्तीय अनियमितताओं के चलते शीर्ष पद से हटाया गया था. मुंबई के बोरीवली ईस्ट में कस्तूरबा मार्ग पुलिस स्टेशन में सेक्शन 354-A और 354-D के तहत FIR दर्ज कराई गई है. ये सेक्शन स्टॉकिंग और यौन उत्पीड़न से जुड़े हैं. FIR के मुताबिक मार्च 2021 में कपूर और वैद्य ने बोस से CEO के पद पर बने रहने के बदले यौन संबंधों की मांग की थी.

जान का खतरा बताया

उन्होंने कपूर और वैद्य पर ऑनलाइन अपमानजनक पोस्ट्स करने का भी आरोप लगाया. उनका कहना है कि उन्हें जान का खतरा है इसलिए उन्होंने शिकायत दर्ज की. इसके अलावा FIR के मुताबिक कपूर और वैद्य पर तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करके और जानबूझकर जरूरी दस्तावेज और जानकारी छिपाकर कंपनी के निवेशकों के सामने बोस को बदनाम करने का भी आरोप है.

बोस ने FIR को फाइल करने में हुई देरी के पीछे सिंगापुर में नई नौकरी को वजह बताया. इसकी वजह से मुंबई आकर आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं करा पाईं थीं. लॉ फर्म सिंघानिया एंड कंपनी में मैनेजिंग पार्टनर प्रदीप कुमार जैन ने इस बात की पुष्टि की है कि उनके क्लाइंट बोस ने FIR दर्ज कराई थी.

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NDTV प्रॉफिट के सवालों के जवाब में कपूर और वैद्य ने कहा कि बोस के आरोप निराधार, झूठे और दुर्भावनापूर्ण हैं.

कपूर ने कहा कि जांच से पहले ही उसकी गलत हरकतें साबित हो चुकी हैं, जिसके आधार पर उसे कंपनी से निकाल दिया गया. ऐसा लगता है कि ये बदला लेने के व्यवहार के अलावा और कुछ नहीं है. जिलिंगो में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान, मैंने अंकिती के गलत आचरण की बोर्ड की जांच में सहायता करके, पेशेवर रिश्तों को बढ़ावा देकर और नैतिक उत्पाद बनाने की कोशिश करके करके अपनी ईमानदारी बरकरार रखी.

वैद्य ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अंकिती बोस की ओर से मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार और झूठे हैं. ऐसा लगता है कि ये और कुछ नहीं बल्कि मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और मुझे परेशान करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से किया गया है.'

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