127 साल बाद गोदरेज परिवार में हुआ बंटवारा! किसको क्या मिला?

चचेरे भाई जमशेद और स्मिता को नॉन-लिस्टेड गोदरेज एंड बॉयस के साथ-साथ उसकी सहयोगी कंपनियां और एक विशाल लैंड बैंक मिलेगा.

Source: Godrej

देश में कुछ ही औद्योगिक घराने ऐसे हैं, जिनका नाम हम बचपन से सुनते आए हैं, जिनके वजूद की नींव देश की आजादी से पहले पड़ी थी और आज वो हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुके हैं. उन्हीं में से एक नाम है गोदरेज, 127 साल पुरानी ये कंपनी साबुन से लेकर रियल एस्टेट, हर जगह मौजूद है. भारत की सक्सेस स्टोरी का गोदरेज एक शानदार उदाहरण है, करीब 20 बिलियन डॉलर का गोदरेज साम्राज्य अब बंट रहा है.

गोदरेज ग्रुप को दो हिस्सों में बांटने पर सहमति

गोदरेज ग्रुप को दो हिस्सों में बांटने पर सहमति बन गई है. परिवार के मुखिया आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर गोदरेज को पांचों लिस्टेड कंपनियों का नियंत्रण मिला है, ये कंपनियां कंज्यूमर गुड्स, रियल एस्टेट, एग्रीकल्चर, केमिकल्स और फूड रिटेल बिजनेस से जुड़ी हैं. इन पांचों लिस्टेड कंपनियों की वैल्यू 2.4 लाख करोड़ रुपये है.

चचेरे भाई जमशेद और स्मिता को नॉन-लिस्टेड गोदरेज एंड बॉयस के साथ-साथ उसकी सहयोगी कंपनियां और एक विशाल लैंड बैंक मिलेगा. गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप के तहत आने वाली गोदरेज एंड बॉयस का बिजनेस एयरोस्पेस, एविएशन, डिफेंस, इंजन और मोटर्स, कंस्ट्रक्शन, फर्नीचर और सॉफ्टवेयर और IT समेत कई क्षेत्रों में है.

अगली पीढ़ी के बिजनेस लीडर्स नायरिका होल्कर, पिरोजशा दोनों ही आगे चलकर इन बिजनेसेज को संभालेंगे. आदि गोदरेज के बेटे पिरोजशा गोदरेज को समूह का एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट नियुक्त किया गया है. वो अगस्त 2026 में नादिर गोदरेज के बाद चेयरपर्सन का पद संभालेंगे.

इस फैमिली सेटलमेंट में कुल मिलाकर 26 सदस्य शामिल हैं. दोनों ही ग्रुप 'गोदरेज' ब्रैंड नाम का इस्तेमाल करना जारी रख सकते हैं, इसके लिए उन्हें किसी तरह का रायल्टी भुगतान नहीं करना होगा.

गोदरेज परिवार के दोनों गुटों के पास ऐतिहासिक रूप से ग्रुप के भीतर अलग-अलग कंपनियों के शेयर हैं और वे एक-दूसरे के बोर्ड में भी हैं. सही तरीके से बंटवारे की सूरत में उन्होंने अपने संबंधित बोर्ड पदों से इस्तीफा देने के बाद अपनी हिस्सेदारियों को ट्रांसफर करने का फैसला लिया है.

परिवार के कुछ सदस्यों के पास अभी भी दूसरे परिवार की कंपनियों में थोड़ी संख्या में शेयर हो सकते हैं, लेकिन मालिकों के रूप में उनके पास कोई स्पेशल विशेषाधिकार नहीं होंगे. इस समझौते से यह भी साफ हो गया है कि किसी भी ग्रुप की तरफ से किसी भी कंपनी के शेयरों को दूसरे ग्रुप की इजाजत के बिना कंपटीटर्स को ट्रांसफर नहीं किया जाएगा.

क्या होगा नया स्ट्रक्चर

गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप में जो लिस्टेड कंपनियां हैं उनके नाम हैं - गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड, गोदरेज प्रॉपर्टीज लिमिटेड, गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड और एस्टेक लाइफसाइंसेज लिमिटेड. इन पांचों कंपनियों का नियंत्रण चेयरपर्सन के रूप में नादिर गोदरेज अपने भाई आदि गोदरेज और परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर करेंगे. एग्रीमेंट के नतीजतन गोदरेज ग्रुप ने एस्टेक लाइफसाइंसेज के शे्यरधारकों से शेयर हासिल करने के लिए ओपन ऑफर की भी घोषणा की .

गोदरेज इंडस्ट्रीज के बाद दूसरी ओर, गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप में गोदरेज एंड बॉयस के साथ-साथ उसकी सहयोगी कंपनियां भी शामिल हैं, जो एप्लायंसेज, एयरोस्पेस, एविएशन, डिफेंस , एनर्जी, सुरक्षा, कंस्ट्रक्शन, हेल्थकेयर, फर्नीचर, IT और इंफ्रास्ट्रक्चर सहित कई बिजनेस चलाता है.

इन सब कारोबारों का नियंत्रण चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में जमशेद गोदरेज संभालेंगे. इसमें उनकी भतीजी नायरिका होलकर एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में साथ देंगी, परिवार भी इन बिजनेसेज के कामकाज को देखेगा.

जमीन का हिस्सा जमशेद और स्मिता के पास

जमशेद और स्मिता के हिस्से में गोदरेज एंड बॉयस के भूमि पार्सल भी आएंगे. जिसमें मुंबई के सब-अर्ब विक्रोली में 3,400 एकड़ से ज्यादा की जमीन शामिल है. जो परिवार की सबसे बड़ी संपत्ति है.

निजी स्वामित्व वाली गोदरेज एंड बॉयस ने मार्च 2023 को खत्म वित्त वर्ष में 14,796 करोड़ रुपये की आय दर्ज की है. जिससे 117 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. कंपनी के पास गोदरेज कंज्यूमर में 7.3% हिस्सेदारी और गोदरेज प्रॉपर्टीज में 3.8% हिस्सेदारी है, जिसकी कुल वैल्युएशन करीब 9,000 करोड़ रुपये है. स्मिता और जमशेद अपने शेयर आदि और नादिर को ट्रांसफर कर देंगे और इसी तरह आदि और नादिर गोदरेज एंड बॉयस में अपनी हिस्सेदारी जमशेद और स्मिता को बेच देंगे.

रेगुलेटर से मंजूरी मिलने के बाद गोदरेज ग्रुप की इन अलग अलग कंपनियों में परिवार की हिस्सेदारी फिर से तय की जाएगी.

गोदरेज के दोनों समूहों के बीच 6 साल का एक नॉन-कंपीट एग्रीमेंट भी किया गया है. यानी दोनों परिवार समूह बंटवारे के बाद 6 साल तक एक दूसरे के एक्सक्लूसिव बिजनेस नहीं करेंगे. 6 साल के बाद जब ये नॉन-कंपीट एग्रीमेंट खत्म हो जाएगा, तो दोनों ही परिवार एक दूसरे एक्सक्लूसिव बिजनेस को कर सकते हैं, लेकिन उसमें गोदरेज ब्रैंड का नाम का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. इसमें उनके कॉरपोरेट और संस्थाओं के नाम भी शामिल हैं.

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