AU Small Finance Bank: RBI ने बैंक की तेज रफ्तार ग्रोथ पर जताई चिंता— BQ Exclusive

फरवरी 2022 में पहली बैठक के दौरान, बैंक को बताया गया था कि उसकी ग्रोथ, सिस्टम में दूसरे बैंकों के हिसाब से नहीं है. बैंक से कहा गया था कि वो अपनी ग्रोथ को कम करने पर काम करें;

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AU Small Finance Bank: पिछले साल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने AU स्मॉल फाइनेंस बैंक (AU Small Finance Bank) के तेजी से बढ़ते हुए एडवांसेज (Advances) को लेकर इसके मैनेजमेंट को दो बार मीटिंग के लिए बुलाया था, मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने ये बताया.

वैसे तो RBI सीधे तौर पर बैंकों की ग्रोथ को मैनेज नहीं करता है, लेकिन जब एक बैंक की ग्रोथ बाकी इंडस्ट्री और स्मॉल फाइनेंस बैंकों की ग्रोथ से मेल नहीं खाती है, तब उसके पास ये अधिकार होता है कि वो बैंकों के साथ जुड़े और इसको देखे. ये बात मामले की जानकारी रखने वाले दो में से एक व्यक्ति ने कही.

इस शख्स ने बताया कि AU स्मॉल फाइनेंस बैंक के साथ बैठकों का फोकस ये था कि उनकी ऊंची ग्रोथ, उनके कोर सेगमेंट की 'ग्रोथ एब्जॉर्पशन कैपेसिटी' के मुताबिक होनी चाहिए.

फरवरी 2022 में पहली बैठक के दौरान, बैंक को बताया गया था कि उसकी ग्रोथ, सिस्टम में दूसरे बैंकों के हिसाब से नहीं है. बैंक से कहा गया था कि वो अपनी ग्रोथ को कम करने पर काम करें क्योंकि रेगुलेटर ग्रोथ की रफ्तार को लेकर सहज नहीं था.

AU स्मॉल फाइनेंस बैंक और रिजर्व बैंक को भेजे गए सवालों के जवाब अभी तक नहीं आए हैं.

मामले की जानकारी रखने वाले शख्स ने बताया कि रिजर्व बैंक की चिंता सिर्फ आंकड़ों को लेकर नहीं है, बल्कि ये भी है कि क्या ग्रोथ को हासिल करने के लिए ऊंचे इंसेटिव्स दिए गए, साथ ही अंडरराइटिंग स्टैंडर्ड, रिस्क मैनेजमेंट और रिक्स मॉडल के कमजोर पड़ने को लेकर भी है.

मार्च 2022 को खत्म साल में, AU स्मॉल फाइनेंस बैंक का आउटस्टैंडिंग एडवांसेज सालाना आधार पर 33% बढ़कर 46,095 करोड़ रुपये हो गया था. बैंक की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, एक बार फिर अप्रैल-जून 2022 की तिमाही में एडवांसेज में साल-दर-साल 43% की ग्रोथ हुई थी और दूसरी तिमाही में भी आउटस्टैंडिंग लोन 44% बढ़े थे.

लोन डिस्बर्समेंट के मामले में, बैंक ने वित्त वर्ष 2022 में 25,407 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 23 की पहली तीन तिमाहियों में 8,445 करोड़ रुपये, 8,065 करोड़ रुपये और 10,012 करोड़ रुपये के लोन डिस्बर्स किए.

मामले की जानकारी रखने वाले व्यक्ति ने बताया कि - सेंट्रल बैंक ने जब देखा कि बैंक के ग्रोथ के आंकड़े केंद्रीय बैंक की एडवाइजरी से मेल नहीं खा रहे हैं तब, रिजर्व बैंक के एक सीनियर अधिकारी ने अगस्त में बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO को फोन किया और अपनी नाराजगी दोहराई कि गाइडेंस देने के बावजूद उस पर ध्यान नहीं दिया गया.

अगस्त के बाद, केंद्रीय बैंक ने AU स्मॉल फाइनेंस बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के प्रमुख सदस्यों के साथ सीधे बातचीत की, न केवल ग्रोथ को लेकर बल्कि शाखा स्तर पर ऊंचे एट्रीशन लेवल (नौकर छोड़कर जाने वालों की दर) को लेकर भी चर्चा की, जो कि फ्रंट फेसिंग स्टाफ के लिए रखे गए ऊंचे लक्ष्यों से मेल खाता था. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि बैंक में कुछ प्रमुख भूमिकाओं वाले लोगों के नौकरी छोड़ने को लेकर भी चिंता जताई गई थी.

मामले की जानकारी रखने वाले शख्स ने बताया कि - अगस्त की बैठक के बाद, बैंक ने RBI की सुपरवाइजरी यूनिट के मुताबिक कंप्लायंस में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया. बाद में, बैंक ने रेगुलेटर को कम ग्रोथ टारगेट्स को लेकर एक रिवाइज्ड बिजनेस प्लान भी सौंपा, जिसमें रिस्क कम करने की बात कही गई थी. शख्स ने बताया कि रिजर्व बैंक महीने-दर-महीने के आधार पर बैंक के डेटा की निगरानी कर रहा है, ये सुनिश्चित करने के लिए कि मैनेजमेंट प्रतिबद्धताओं को पूरा किया जा रहा है या नहीं.

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