मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) की पार्टी को संसदीय चुनाव में जबरदस्त जीत मिली है. प्रॉविजनल आंकड़ों के मुताबिक उनकी पार्टी पीपल्स नेशनल कांग्रेस (PNC) 93 सीटों वाली संसद में दो तिहाई से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब रही है. मालदीव में रविवार को वोट डाले गए थे.
अब तक 86 सीटों पर नतीजे घोषित हुए हैं, इनमें से PNC 66 पर जीत चुकी है. नतीजों पर अंतिम मुहर लगने में करीब एक हफ्ता तक लग सकता है. मई की शुरुआत से मालदीव में नई संसद का कार्यकाल शुरू हो जाएगा.
इससे पहले PNC और उसकी सहयोगी पार्टी के पास संसद में महज 8 सीटें ही थीं, जिसके चलते राष्ट्रपति चुने जाने के बावजूद मुइज्जू के फैसलों को लागू होने में दिक्कत आती थी.
भारत समर्थक MDP की करारी हार
इस बीच मुख्य विपक्षी दल और संसद में अब तक बहुमत रखने वाली MDP (Maldivian Democratic Party) बड़ी हार की तरफ बढ़ रही है. पार्टी अब तक के नतीजों में महज दर्जन भर सीटें ही जीतती नजर आ रही है.
हाल में मुइज्जू चीन की मदद से विवादास्पद रिक्लेम्ड लैंड पर हजारों अपार्टमेंट बनाने की योजना के चलते विवादों में घिरे थे. दरअसल रिक्लेम्ड लैंड पर निर्माण और भारतीय सैनिकों की वापसी उनके चुनावी वायदे भी थे. लेकिन पर्यावरण पर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता इसे पर्यावरण के लिए खतरा बता रहे हैं.
भारत विरोधी रवैया
मुइज्जू को चीन समर्थक माना जाता है. उनकी नीतियां अक्सर भारत विरोधी होती हैं. राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने भारतीय सैनिकों को भी मालदीव छोड़ने का निर्देश दिया था.
दरअसल भारत के 89 सैनिक वहां एक निगरानी एयरक्रॉफ्ट को ऑपरेट करने के लिए तैनात थे, जिसे भारत ने मालदीव को अपनी बड़ी समुद्री सीमा पर नजर बनाए रखने के लिए उपहार में दिया था.
संसद में अपना बहुमत खोने वाले MDP पारंपरिक तौर पर भारत समर्थक रही है. मोहम्मद सॉलेह की MDP, मोहम्मद मुइज्जू की विदेश नीति बदलने का जमकर विरोध कर रही है. पार्टी ने मुइज्जू की कई नीतियों को संसद में रोकने की भी कोशिश की. यहां तक कि कैबिनेट में मुइज्जू के तीन प्रतिनिधियों की नियुक्ति भी संसद ने रोक दी थी. मुइज्जू के कई खर्च प्रस्ताव को भी संसद ने गिरा दिया था.