SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) ने सोमवार को T+0 सेटलमेंट के बारे में बताते हुए कि ये व्यवस्था 28 मार्च से लागू हो सकती है. यानी खरीदने के दिन ही अकाउंट में शेयर आ जाएंगे और शेयर बेचने के बाद बाजार बंद होते ही अकाउंट में पैसे आ जाएंगे.
महिला पत्रकारों से बातचीत करते समय SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा कि इस महीने के अंत तक वैकल्पिक आधार पर T+0 सेटलमेंट आ जाएगा. उन्होंने इसके लिए 28 मार्च की संभावित तारीख दी है.
क्या होता है T+0 सेटलमेंट?
T+0 सेटलमेंट में T को ट्रांजैक्शन की तरह समझा जाता है. इसे पूरा होने में लगने वाले दिन को +1, +2 या +3 की तरह लिखा जाता है.
T+0 का मतलब है किसी तारीख T को ट्रांजैक्शन किया गया और ये सेटलमेंट +0 दिन में पूरा हो गया. यानी कि शेयर खरीदने या बेचने का ट्रांजैक्शन जिस दिन किया गया, उसी दिन आपके डीमैट अकाउंट में शेयर आ गए, या फिर आपके डीमैट अकाउंट में पैसे आ गए.
T+1 से T+0 का सफर
27 जनवरी 2023 को BSE और NSE T+1 सेटलमेंट पर शिफ्ट हो गए थे. यानी कि ट्रांजैक्शन होने के अगले दिन अकाउंट में पैसे या शेयर आ जाते थे. चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा देश बन गया था, जहां T+1 सेटलमेंट शुरू हुआ था.
T+0 का क्या फायदा?
समय की बचत. T+1 से T+0 पर शिफ्ट करने पर सेटलमेंट साइकिल छोटा हो जाएगा और शेयरों लेन-देन भी जल्दी से किए जा सकेंगे. अगर कोई कंपनी बोनस का ऐलान करती है या फिर डिविडेंड देती है, तो ये सारी प्रक्रियाएं आपके अकाउंट में 1 दिन बाद दिखती थीं, वो अब उसी दिन बाजार बंद होने के बाद नजर आने लगेंगी.