T+0 सेटलमेंट लागू, केवल इन 25 शेयरों में होगा सेटलमेंट

SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने पहले ही कहा था कि वैकल्पिक आधार पर T+0 सेटलमेंट NSE व BSE के लिए आ जाएगा.

Source: NDTV Profit

चर्चा में रहा बहुप्रतीक्षित T+0 सेटलमेंट आज यानी 28 मार्च से लागू हो गया. कैपिटल मार्केट सेगमेंट का हिस्सा T+0 सेटलमेंट लागू होने के बाद बाजार बंद होने के बाद ही आपके अकाउंट में पैसे आ जाएंगे. इसे समझाने के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं.

T+0 सेटलमेंट के जरिए शेयर बेचने पर पैसे या पैसे के बदले शेयर आपके अकाउंट में उस ही दिन आ जाएंगे. इसके पहले जब आप शेयर बेचते थे, तो पैसे अकाउंट से जाने के बाद अगले दिन अकाउंट में आते थे. वहीं, शेयर खरीदने पर भी अगले दिन वो आपके डीमैट अकाउंट में दिखते थे.

कितने देर के लिए नियम?

T+0 को लागू करने के साथ इसकी टाइमिंग बाजार खुलने यानी 9:15 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक रहेगी. वहीं, क्लाइंट मोड पर मॉडिफिकेशन का विकल्प दोपहर 1:45 बजे तक रहेगा.

25 शेयरों को मिली मंजूरी

NSE और BSE ने बीते दिन उन 25 शेयरों की लिस्ट जारी की थी, जिन्हें T+0 सेटलमेंट के लिए मंजूरी मिली है.

क्या होता है T+0 सेटलमेंट?

T+0 सेटलमेंट में T को ट्रांजैक्शन की तरह समझा जाता है. इसे पूरा होने में लगने वाले दिन को +1, +2 या +3 की तरह लिखा जाता है.

T+0 का मतलब है किसी तारीख T को ट्रांजैक्शन किया गया और ये सेटलमेंट +0 दिन में पूरा हो गया. यानी कि शेयर खरीदने या बेचने का ट्रांजैक्शन जिस दिन किया गया, उसी दिन आपके डीमैट अकाउंट में शेयर आ गए, या फिर आपके अकाउंट में पैसे आ गए.

T+0 सेटलमेंट की जरूरी बातें

  • T+0 सेटलमेंट साइकिल वैकल्पिक आधार पर होगा

  • सभी निवेशक T+0 सेटलमेंट साइकिल में हिस्सा लेने के लिए योग्य होंगे

  • T+0 सेशन सुबह 9:15 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक रहेगा

  • T+0 का इस्तेमाल इंडेक्स कैलकुलेशन के लिए नहीं होगा

पहले ही किया था जिक्र

11 मार्च को, SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) ने महिला पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि T+0 की व्यवस्था 28 मार्च से लागू हो सकती है. यानी खरीदने के दिन ही अकाउंट में शेयर आ जाएंगे और शेयर बेचने के बाद बाजार बंद होते ही अकाउंट में पैसे आ जाएंगे.

T+1 से T+0 का सफर

27 जनवरी 2023 को BSE और NSE T+1 सेटलमेंट पर शिफ्ट हो गए थे. यानी कि ट्रांजैक्शन होने के अगले दिन अकाउंट में पैसे या शेयर आ जाते थे. चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा देश बन गया था, जहां T+1 सेटलमेंट शुरू हुआ था.

T+0 का क्या फायदा?

समय की बचत. T+1 से T+0 पर शिफ्ट करने पर सेटलमेंट साइकिल छोटा हो जाएगा और शेयरों लेन-देन भी जल्दी से किए जा सकेंगे. अगर कोई कंपनी बोनस का ऐलान करती है या फिर डिविडेंड देती है, तो ये सारी प्रक्रियाएं आपके अकाउंट में 1 दिन बाद दिखती थीं, वो अब उसी दिन बाजार बंद होने के बाद नजर आने लगेंगी.

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