पोस्ट ऑफिस की हर योजना में नहीं मिलता 80C का बेनेफिट! टैक्स सेविंग के लिए इन स्कीम्स में करें निवेश

कई लोग समझते हैं कि पोस्ट ऑफिस की सभी छोटी बचत योजनाओं में निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. लेकिन ये धारणा सही नहीं है.

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पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स आम निवेशकों के बीच काफी पॉपुलर हैं. केंद्र सरकार की गारंटी के कारण मिलने वाली सुरक्षा और फिक्स्ड रिटर्न के अलावा टैक्स सेविंग भी इस लोकप्रियता की वजह है.

हर छोटी बचत योजना पर नहीं मिलता 80C का लाभ

कई लोग समझते हैं कि पोस्ट ऑफिस की सभी छोटी बचत योजनाओं में निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. लेकिन ये धारणा सही नहीं है. पोस्ट ऑफिस की कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनमें निवेश करने पर टैक्स की बचत नहीं होती. उनकी चर्चा हम पहले कर चुके हैं.

लेकिन अगर आप टैक्स बचाने के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो आपको पोस्ट ऑफिस की ऐसी योजनाओं पर गौर करना चाहिए, जिनमें निवेश करने पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है. यहां हम कुछ ऐसी ही अहम योजनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं.

पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)

पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) में जमा रकम पर आयकर अधिनियम के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है. यानी इसमें हर साल 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स में छूट मिलती है. पीपीएफ अकाउंट में जमा रकम पर अभी 7.1% की दर से सालाना कंपाउंडिंग ब्याज मिलता है. इस स्कीम में जमा होने वाले ब्याज का भुगतान मैच्योरिटी के समय ही होता है और पूरी रकम टैक्स-फ्री होती है. PPF का लॉक इन पीरियड 15 साल का होता है. यह कुछ ऐसी गिनी-चुनी स्कीम में शामिल है, जिन पर टैक्स के लिहाज से EEE बेनिफिट मिलता है.

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) योजना के तहत 10 साल से कम उम्र की बेटियों के नाम से खाता खोला जा सकता है. इस पर फिलहाल 8.2% की सालाना दर से ब्याज मिल रहा है, जो लघु बचत योजनाओं में सबसे अधिक है.

इस स्कीम में हर साल कम से कम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं. ब्याज का भुगतान मैच्योरिटी के समय किया जाता है. 18 साल की उम्र के बाद लड़की अपने सुकन्या समृद्धि योजना के खाते को खुद ऑपरेट कर सकती है.

खाता खोलने के 21 साल बाद या 18 साल की उम्र के बाद बेटी की शादी होने पर स्कीम मैच्योर होती है. लेकिन शादी की तारीख के महीने के भीतर या 3 महीने के बाद खाता बंद करने की इजाजत नहीं है.

इस स्कीम में भी EEE टैक्स बेनिफिट मिलता है. यानी सेक्शन 80सी के तहत साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये के डिपॉजिट पर टैक्स छूट मिलती है और जमा रकम पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स फ्री होते हैं.

सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम (SCSS)

60 साल या उससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति इस योजना में निवेश कर सकता है. इसके अलावा ऐसे रिटायर सिविलियन यानी गैर-सैनिक कर्मचारी भी इस योजना में खाता खोल सकते हैं, जिनकी उम्र 55 से अधिक लेकिन 60 साल से कम है.

रिटायर्ड डिफेंस कर्मचारी 50 साल से 60 साल की उम्र के बीच भी यह स्कीम ज्वाइन कर सकते हैं. लेकिन इन दोनों कैटेगरी के कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट बेनिफिट प्राप्त होने के 1 महीने के भीतर इस स्कीम में निवेश करना जरूरी है. स्कीम में कम से कम 1000 रुपये और अधिकतम 30 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं.

मैच्योरिटी पीरियड 5 साल है, लेकिन मैच्योरिटी के 1 साल के भीतर इस खाते को और 3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. ऐसे खातों पर मैच्योरिटी के वक्त लागू रेट के हिसाब से ही ब्याज मिलेगा.

इस योजना के तहत किए गए निवेश पर आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है, लेकिन एक वित्त वर्ष के दौरान ब्याज से होने वाली आमदनी 50,000 रुपये से अधिक होने पर टैक्स लगता है.

पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (TD)

पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट का दूसरा नाम पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग्स टाइम डिपॉजिट अकाउंट है. इस स्कीम के तहत 1 साल, 2 साल, 3 साल या 5 साल के लिए पैसे जमा किए जा सकते हैं. इस स्कीम पर मिलने वाली ब्याज दर की सरकार हर 3 महीने बाद समीक्षा करती है.

फिलहाल 1 साल के डिपॉजिट पर 6.9%, 2 साल पर 7.0%, 3 साल की जमा पर 7.1% और 5 साल के टाइम डिपॉजिट पर 7.5 % ब्याज दिया जा रहा है. न्यूनतम निवेश 1000 रुपये है, जबकि मैक्सिमम इनवेस्टमेंट की कोई सीमा तय नहीं है. हर साल के अंत में ब्याज की रकम का भुगतान कर दिया जाता है. अगर ब्याज को देय तिथि के बाद भी TD खाते से निकाला नहीं जाए, तो उस पर अतिरिक्त ब्याज नहीं मिलता है.

निवेशक ब्याज की रकम सीधे अपने सेविंग अकाउंट में जमा करने के लिए एप्लीकेशन दे सकते हैं. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत साल में 1.5 लाख रुपये तक के डिपॉजिट पर टैक्स में छूट सिर्फ 5 साल के TD पर मिलती है. लेकिन ब्याज पर नियमों के मुताबिक टैक्स देना होता है.

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) में कम से कम 1000 रुपये की रकम जमा की जा सकती है. अधिकतम निवेश की कोई सीमा तय नहीं है. NSC पर मौजूदा ब्याज दर 7.7% (सालाना कंपाउंड) है. ब्याज का भुगतान मैच्योरिटी पर ही किया जाता है. मैच्योरिटी पीरियड 5 साल है. साल में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है.

NSC की एक खास बात यह है कि बैंकों या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से लोन लेने के लिए इसका इस्तेमाल सिक्योरिटी के तौर पर किया जा सकता है. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री नहीं है, लेकिन टैक्स की देनदारी मैच्योरिटी के समय ब्याज का भुगतान होने के साल में ही मानी जाती है.

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