नकली दूध और मिल्क प्रॉडक्ट्स बेचने वालों पर नकेल कसने की तैयारी, FSSAI चलाएगा अभियान

इस राष्ट्रव्यापी अभियान में दूध के साथ ही खोआ, छेना, पनीर, घी, मक्खन, दही और आइसक्रीम जैसे मिल्क प्रॉडक्ट्स की जांच की जाएगी.

Source: Canva

देश में नकली दूध और मिल्क प्रॉडक्ट्स के धंधे पर अंकुश लगाने के लिए FSSAI यानी भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने देशव्यापी निगरानी का फैसला लिया है. FSSAI देशभर में हरेक राज्य के जिले और कस्बों तक नकली दूध और उत्पादों की निगरानी करेगा.

इस राष्ट्रव्यापी अभियान में दूध के साथ ही खोआ, छेना, पनीर, घी, मक्खन, दही और आइसक्रीम जैसे मिल्क प्रॉडक्ट्स की जांच की जाएगी. नकली प्रॉडक्ट या उनमें मिलावट पाए जाने पर FSSAI सख्त कार्रवाई करेगा.

क्या है इस अभियान का उद्देश्य?

FSSAI के इस देशव्यापी अभियान का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सही दूध और बिना मिलावट वाले मिल्क प्रॉडक्ट्स उपलब्ध कराना है. इस अभियान के जरिये किसी भी तरह की मिलावट को उजागर किया जाएगा ताकि मिलावटी केमिकल और नकली चीजों की रोकथाम हो सके. इसके साथ ही मिलावट करने वाले केंद्रों की पहचान कर उनके खिलाफ एक्शन लेना इस अभियान का उद्देश्य है.

भारतीय खानपान का अभिन्न हिस्सा है दूध

भारत में दूध और दूध के प्रॉडक्ट्स आम और खास, हर वर्ग के लोगों के खानपान का अभिन्न हिस्सा है. दूध में महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व और मैक्रोन्यूट्रिएंट होते हैं और इसलिए हर आयु वर्ग के लोग अपने दैनिक आहार में दूध या दूध से बने उत्पादों को शामिल करते हैं. देश में बदलती जीवनशैली और स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता के चलते दूध की मांग भी बढ़ी है और मांग के चलते दूध के दाम भी बढ़े हैं.

जरूरी है कि सही कीमत देने के बाद उपभोक्ता को सही दूध और प्रॉडक्ट्स भी मिले. लेकिन आए दिन कभी दूध में मिलावट की खबरें सामने आती रहती हैं तो कभी नकली खोआ, पनीर का बनाने के धंधे का भंडाफोड़ होता है. ऐसे में FSSAI ने इस बार देशव्यापी अभियान चलाने का फैसला लिया है.

Also Read: आखिर क्यों 100 साल पुराने ब्रैंड की 'हेल्थ' पर मंडरा रहा है संकट? समझिए Bournvita Controversy की पूरी कहानी

पहले भी हो चुके हैं कई राष्ट्रीय सर्वे

  • पिछले कुछ वर्षों में, FSSAI ने फूड प्रॉडक्ट्स पर कई 'पैन इंडिया सर्वे' किए हैं. वर्ष 2011 और 2016 में दूध को ही लेकर चलाए गए सर्वे में 1,791 और 1,663 नमूने लिए गए थे.

  • वहीं, 2018 में देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में राष्ट्रीय दुग्ध सुरक्षा और गुणवत्ता सर्वेक्षण आयोजित किया गया था.

  • तब 50,000 से अधिक आबादी वाले 1,103 कस्बों और शहरों में संगठित और असंगठित क्षेत्रों के दूध के कुल 6,432 सैंपल लिए गए थे. गुणवत्ता और सुरक्षा के मानकों पर सभी सैंपल की जांच की गई थी.

  • वर्ष 2020 में FSSAI ने त्योहारों के दौरान बाजार में बेचे जा रहे मिल्क प्रॉडक्ट्स और मिठाइयों की सुरक्षा और गुणवत्ता को लेकर अखिल भारतीय मिल्क प्रॉडक्ट्स सर्वे किया गया था.

  • इसमें देशभर के 542 जिलों में दूध से बनने वाली मिठाइयों और अन्य मिल्क प्रॉडक्ट्स के 2,801 सैंपल लिए गए थे.

  • पिछले साल (2022 में) जब मवेशियों में गांठदार त्वचा रोग (LSD) का प्रकोप फैला था, तब FSSAI ने 12 राज्यों में दूध के सैंपल का सर्वे किया था. सर्वे के दौरान चयनित 12 राज्यों में बेचा जाने वाला दूध काफी हद तक सुरक्षित है.

किन मानकों पर होती है नमूनों की जांच?

अब तक चलाए गए निगरानी अभियान और सर्वे में FSSAI ने सुरक्षा और गुणवत्ता के कई मानकों पर दूध और दूध से बने उत्पादों की जांच करता रहा है. जैसे, दूध में कीटनाशक अवशेषों (Pesticide Residues), भारी धातुओं (Heavy Metals), फसल प्रदूषकों (Crop Contaminants), मेलामाइन (Melamine) की मिलावट और सूक्ष्मजीवविज्ञानी मापदंडों (Microbiological Parameters) समेत कई मानकों पर जांच की जाती है.

FSSAI ने 2011 से अब तक दूध और दूध उत्पादों पर 5 बड़ा सर्वे किया है. वहीं फूड प्रॉडक्ट्स की सुरक्षा और गुणवत्ता की निगरानी करना जारी रखा है. किसी भी खाद्य संबंधी मुद्दों और उभरते नए खतरों की आशंका पर FSSAI समय-समय पर निगरानी और सर्वे की योजना बनाता है.

Also Read: विदेश घूमने पर भारतीयों ने किया जमकर खर्च, एक साल में हुआ डबल

जरूर पढ़ें
1 नेस्ले पर CCPA और बाल अधिकार संरक्षण आयोग हुआ सख्त, कहा- आरोपों की जांच करे FSSAI
2 बेबी फूड प्रोडक्ट्स पर बढ़ सकती है नेस्ले की मुश्किल; FSSAI ने शुरू की जांच, कंपनी ने दी सफाई
3 हेल्‍थ ड्रिंक्‍स के नाम पर सेहत से खिलवाड़! ई-कॉमर्स साइट्स को FSSAI ने दी हिदायत- सही कैटगरी में रखें प्रोडक्‍ट्स
4 नो गुड नाइट! 61% भारतीयों को 6 घंटे की एकमुश्त नींद भी नसीब नहीं: सर्वे