SEBI ने JM फाइनेंशियल (JM Financial) पर डेट सिक्योरिटीज (Debt Securities) के पब्लिक इश्यू के लिए लीड मैनेजर के तौर पर नया काम लेने से रोक लगा दी है. ये एक हफ्ते में किसी फाइनेंशियल रेगुलेटर द्वारा उसके खिलाफ दूसरा सख्त एक्शन है. मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए JM फाइनेंशियल को ऑर्डर की तारीख से 60 दिन के लिए अपना काम करने की इजाजत दी गई है. गुरुवार को जारी एक अंतरिम आदेश ये जानकारी मिली.
क्यों लिया गया एक्शन?
मार्केट रेगुलेटर ने 19 अक्टूबर को खुले और 30 अक्टूबर को बंद हुए नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर की जांच की. रेगुलेटर के मुताबिक बेस इश्यू साइज 200 करोड़ रुपये था और ग्रीनशू ऑप्शन 800 करोड़ रुपये का था. SEBI ने जारी करने वाले का नाम नहीं लिया.
SEBI के आदेश में दी गई डिटेल्स से सिर्फ एक इश्यू ने ही मेल खाया वो NCD था जो पीरामल एंटरप्राइजेज का है. इश्यू के जरिए 533 करोड़ रुपये जुटाए गए और ये 7 नवंबर को लिस्ट हुआ था. SEBI ने अपने आदेश में इश्यू करने वाले का नाम नहीं लिया.
SEBI ने जांच के बाद लिया फैसला
पीरामल एंटरप्राइजेज ने NDTV Profit की ओर से ईमेल के जरिए पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने गुरुवार को साल 2023 के दौरान नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स के पब्लिक इश्यू को लेकर जांच खत्म की. ये एक्शन उसके बाद ही लिया गया है. जांच में JM फाइनेंशियल की लीड मैनेजर के तौर पर भूमिका का पता चला.
रेगुलेटर ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि जांच में पाया गया कि एक मामले में बड़ी संख्या में इंडीविजुअल इन्वेस्टर्स ने लिस्टिंग के दिन ही उन्हें आवंटित हुईं सिक्योरिटीज को बेच दिया. SEBI के एक्शन से पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने JM फाइनेंशियल पर शेयरों और डिबेंचर्स के बदले लोन देने से रोक लगा दी थी. दोनों रेगुलेटर्स भारतीय बाजार में शेयर्स को गिरवी रखकर सौदे करने पर आपसी सहयोग से एक्शन ले रहे हैं.