इंडिजीन लिमिटेड (Indegene Ltd.) का IPO रिटेल निवेशकों के लिए खुल गया है. कंपनी का ये IPO कुल 1,841.76 करोड़ रुपये का है. IPO का प्राइस बैंड 430-452 रुपये/ शेयर का रखा गया है.
पहले दिन ये इश्यू पूरा भर गया था. गैर-संस्थागत निवेशकों का हिस्सा (NIIS) 1.4 गुना सब्सक्राइब हो चुका है. रिटेल निवेशकों का हिस्सा 86% भरा है. हालांकि QIBs की तरफ से इश्यू को अभी कोई खास रिस्पॉन्स नहीं मिला है.
जरूरी जानकारी
इश्यू की अवधि: 6 मई से 8 मई
प्राइस बैंड: 430-452 रुपये/ शेयर
लॉट साइज: 33 शेयर
कुल इश्यू साइज: 1,841.76 करोड़ रुपये
OFS और फ्रेश इश्यू का मिक्स
इंडिजीन का आने वाला IPO फ्रेश इश्यू और ऑफर फॉर सेल (OFS) का मिक्स होगा. कंपनी इसमें 760 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू जारी करेगी और ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए 2.39 करोड़ यानी 1,041.76 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर बाजार में बेचेगी. कुल मिलाकर कंपनी IPO के जरिए 1,841.76 करोड़ रुपये जुटाएगी.
कोटक महिंद्रा कैपिटल, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, JP मॉर्गन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज इंडिया IPO के बुक रनिंग लीड मैनेजर्स (BRLM) हैं. शेयर की लिस्टिंग दोनों स्टॉक एक्सचेंज BSE और NSE पर होगी.
क्या करती है कंपनी?
इंडिजीन लिमिटेड एक डिजिटल फर्स्ट कमर्शियलाइजेशन फोकस्ड कंपनी है, जो फार्मास्यूटिकल, इमर्जिंग बायोटेक और मेडिकल डिवाइस कंपनियों को प्रोडक्ट, मार्केट में लॉन्चिंग और सेल्स बढ़ाने के लिए डेवलप करती है.
कंपनी का पूरा काम लाइफ साइंसेज कंपनियों को कमर्शियल, मेडिकल, रेगुलेटरी और रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए सॉल्यूशंस उपलब्ध कराना है.
कंपनी क्लीनिकल डेटा और इन्फॉर्मेशन को स्ट्रक्चर्ड कॉन्टेंट और एनालिटिक्स-रेडी डेटा सेट्स में बदलने में मदद करती है. ये साइंटिफिक, मेडिकल और प्रोमोशनल कंटेंट भी तैयार करती है.
इसके साथ ही, कंपनी क्लीनिकल ट्रायल्स के लिए मरीजों के रिक्रूटमेंट को बढ़ाने और फिजीशियन और मरीजों के लिए पर्सनलाइज्ड ओमनीचैनल एक्सपीरिएंस मुहैया कराती है.
कंपनी के बिजनेस को 4 भाग में बांट सकते हैं
एंटरप्राइज कमर्शियल सॉल्यूशंस
ओम्नीचैनल एक्टिवेशन
एंटरप्राइज मेडिकल सॉल्यूशंस
एंटरप्राइज क्लीनिकल सॉल्यूशंस एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज
कंपनी पर रिस्क
कंपनी का बिजनेस लाइफ साइंस इंडस्ट्री पर टिका है. इस इंडस्ट्री से जुड़े फैक्टर्स में बदलाव कंपनी को प्रभावित कर सकते हैं.
कंपनी का अधिकतर रेवेन्यू उसकी सब्सिडियरी से आता है. किसी सब्सिडियरी का ऑपरेशन बाधित होने से कंपनी के बिजनेस, वित्तीय स्थिति और ओवरऑल कामकाज पर पड़ेगा.
लाइफ साइंस ऑपरेशंस में कंपटीशन कहीं ज्यादा है. इसलिए इसके भविष्य के बारे में अभी कुछ हिसाब लगाना चुनौती भरा होगा.