डॉलर के मुकाबले रुपये में रिकॉर्ड कमजोरी आई है. आज यानी मंगलवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83.51 रुपये पर खुला, ये रुपये का अब तक का रिकॉर्ड निचला स्तर है.
हालांकि गिरावट यहीं नहीं थमी, रुपया शुरुआती कारोबार में 83.53 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर तक फिसल गया, दोपहर बाद रुपये ने 83.54 रुपये का नया रिकॉर्ड लो बनाया. इसके पहले 10 नवंबर 2023 को रुपया 83.50 के निचले स्तर तक पहुंचा था.
क्यों आई रुपये में गिरावट?
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स के ट्रेजरी हेड और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनिल भंसाली (Anil Bhansali) के मुताबिक, ' मिडिल-ईस्ट में बढ़ते तनाव और अमेरिकी यील्ड में तेजी से फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPIs) के डॉलर खरीदने के चलते रुपए में इतनी गिरावट आई है. इस पर नजर रखनी होगी कि रुपये की इस गिरावट को देखते हुए RBI क्या कदम उठाता है'.
शिन्हन बैंक (Shinhan Bank) के वाइस प्रेसिडेंट कुनाल सोधानी (Kunal Sodhani) ने कहा, 'मार्च में US रिटेल बिक्री अनुमान से ज्यादा रही. US डॉलर और बॉन्ड यील्ड में तेजी दिखी. मध्य पूर्व में बढ़ रहे संकट के चलते US डॉलर हमेशा की तरह सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट के तौर पर नजर आया. USDINR के लिए, 83.40 का सपोर्ट है और 83.70 का रेसिस्टेंस है'.
CR फॉरेक्स में मैनेजिंग डायरेक्टर अमित पाबरी (Amit Pabari) के मुताबिक, 'ग्लोबल अनिश्चितताओं के स्थिर होने पर, फंडामेंटल इकोनॉमिक फैक्टर करेंसी पर ज्यादा प्रभाव डालते हैं'.
मैक्लाई फाइनेंशियल सर्विसेज के डायरेक्टर रितेश भंसाली के मुताबिक, भारतीय रुपया 83.40 से 83.60 रुपये के बीच रहने की उम्मीद है. एक्सपोर्टर्स को मौजूदा स्तर पर किस्तों मेंहेज लेने की सलाह दी जाती है और इंपोर्टर्स को लंबी अवधि हेज लेने के लिए निचले स्तरों का इंतजार करने की सलाह दी जाती है.