एयरटेल हो या जियो, चुनाव के बाद बढ़ने वाला है आपके मोबाइल का बिल!

टैरिफ में बढ़ोतरी का फैसला जून-जुलाई तक लिया जा सकता है. टेलीकॉम कंपनियां 2-3 किस्‍तों में टैरिफ बढ़ा सकती हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट.

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आम चुनाव के बाद आपका मोबाइल खर्च बढ़ने वाला है. कॉलिंग से लेकर इंटरनेट पैक तक, सबकुछ महंगा होने वाला है. टेलीकॉम कंपनियां अलग-अलग प्‍लान्‍स का टैरिफ बढ़ाने जा रही है. ब्रोकरेज फर्म एंटीक स्‍टॉक ब्रोकिंग (Antique Stock Broking) ने अपनी एनालिसिस रिपोर्ट में बताया है कि टैरिफ 15 से 17% तक महंगा हो सकता है.

टैरिफ में बढ़ोतरी का फैसला जून-जुलाई तक लिया जा सकता है. देश में 19 अप्रैल से 1 जून के बीच 7 चरणों में वोटिंग होने वाली है, जबकि 4 जून को काउंटिंग के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे.

रिपोर्ट के मुताबिक, देश की टॉप-2 टेलीकॉम कंपनी जियो (Jio) और एयरटेल (Airtel) अपने प्रीमियम यूजर्स को अनलिमिटेड डेटा देना बंद कर सकती हैं. 5G इंटरनेट सर्विस के लिए, 4G के मुकाबले 5 से 10% तक ज्यादा चार्ज भी वसूला जा सकता है.

2-3 बार में बढ़ सकता है टैरिफ

ब्रोकरेज के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियां 2-3 किस्‍तों में टैरिफ बढ़ा सकती हैं. देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल, प्रति यूजर औसत कमाई (ARPU) को मौजूदा 208 रुपये से बढ़ा कर FY27 के अंत तक 286 रुपये तक ले जा सकती है.

इसमें टैरिफ बढ़ोतरी के लिए 55 रुपये, जबकि 2G से 4G में अपग्रेडेशन के लिए 10 रुपये का चार्ज देना पड़ सकता है. इसके अलावा हाई डेटा प्लान (4G और 5G) में अपग्रेडेशन और पोस्टपेड डिलीवरी में 14 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है. इससे पहले दिसंबर 2021 में टैरिफ में करीब 20% बढ़ोतरी की गई थी.

जियो-एयरटेल के वारे-न्‍यारे

टॉप-2 कंपनियां एयरटेल और जियो ने पिछले करीब 5.5 वर्षों में लगातार वोडाफोन-आइडिया (Vodafone-Idea) और सरकारी कंपनी BSNL के ग्राहक छीने हैं. इससे टेलीकॉम मार्केट में दोनों टॉप कंपनियों की धाक बढ़ी है.

रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि भारती का कंज्‍यूमर बेस सालाना 2% की दर से बढ़ेगा, जबकि इंडस्‍ट्री की सालाना ग्रोथ रेट 1% है. आने वाले 3 वर्षों में सुनील मित्तल की अगुवाई वाली एयरटेल (Airtel) का वित्तीय प्रदर्शन काफी अच्छा रहने वाला है.

भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने वित्त वर्ष 2024 से 2026 के बीच करीब 75,000 करोड़ रुपये का कैपेक्‍स प्‍लान किया है, जिसमें 5G रोलआउट भी शामिल है.

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वोडाफोन-आइडिया की हालत

वोडाफोन-आइडिया वित्तीय संकट से जूझ रही है. टेलीकॉम मार्केट में कंपनी का रेवेन्यू सितंबर 2018 के 37.2% से घटकर दिसंबर 2023 में लगभग आधे (19.3%) पर आ गया है.

इस अवधि के दौरान एयरटेल का मार्केट शेयर 29.4% से बढ़कर 33% (वर्तमान में 32.97%) हो गई है. जबकि जियो (Jio) की हिस्सेदारी 21.6% से बढ़कर 39.7% (वर्तमान में 40.14%) हो गया है.

ताजा अपडेट ये है कि वोडाफोन-आइडिया 20,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए FPO यानी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर लेकर आने वाली है. इसके लिए 10 रुपये/शेयर का फ्लोर प्राइस तय किया गया है.

जानकारों के मुताबिक आदित्य बिड़ला ग्रुप का टेलीकॉम ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया FPO के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश करेगा.

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