Jaypee Infratech: क्या नोएडा के हजारों घर खरीदारों का कई साल लंबा इंतजार खत्म हुआ!

इस योजना का तुरंत लागू किया जाना अब भी इस बात पर निर्भर है कि कुछ समय से इसका विरोध कर रही पार्टियां इसके खिलाफ कोई विरोध जताती हैं या नहीं.

Source: Jaypee Infratech website

आखिकार नोएडा के हजारों घर खरीदार अब राहत की सांस ले सकते हैं. करीब 6 साल के बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने मंगलवार को जेपी इंफ्राटेक (Jaypee Infratech Ltd.) इनसॉल्वेंसी में रिजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दे दी है.

साल 2009 में करीब 20,000 घर खरीदारों ने जेपी की नोएडा में बन रही टाउनशिप 'विश टाउन' में फ्लैट बुक किया था. उनका इंतजार 14 साल तक चला. अब उन घर खरीदारों, लेंडर्स और बोली जीतने वालों के लिए खुशी का मौका है.

जेपी इंफ्राटेक इनसॉल्वेंसी केस रिजर्व बैंक की ओर से इनसॉल्वेंसी कोर्ट में जून 2017 में भेजे गए 12 बड़े कॉर्पोरेट अकाउंट्स में से एक था. कभी स्टाफ की कमी की वजह से ट्रिब्यूनल में सुनवाई में देरी, संबंधित पार्टियों के चैलेंज और आखिरी वक्त पर फैसलों का पलटा जाना, मामले को 6 साल तक घसीटता रहा.

ये दूसरी बार है जबकि NCLT ने जेपी इंफ्राटेक के लिए एक सफल रिजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दी है. इसके पहले मार्च 2020 में NCLT ने सरकारी कंपनी NBCC के रिजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दी थी, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने नॉन कम्प्लायंट होने की वजह से मार्च 2021 में खारिज कर दिया.

इसके बाद फाइनेंशियल क्रेडिटर्स ने जून 2021 में 'सुरक्षा रियल्टी' रिजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दी, NBCC के साथ एक तगड़ी बोली प्रक्रिया के बाद अब ये नई योजना अमल में लाई जा रही है.

इस योजना का तुरंत लागू किया जाना अब भी इस बात पर निर्भर है कि कुछ समय से इसका विरोध कर रही पार्टियां इसके खिलाफ कोई विरोध जताती हैं या नहीं.

शुरुआती विरोधकर्ताओं में ICICI बैंक और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण शामिल हैं. जेपी इंफ्राटेक के ओरिजिनल प्रमोटर मनोज गौड़ ने भी रिजोल्यूशन प्लान का विरोध किया था.

जबकि ICICI बैंक के पास 304 करोड़ रुपये का क्लेम है, जिसके बदले में उसे योजना में 218 करोड़ रुपये के लैंड पार्सल मिलेंगे. YEIDA के पास 6,000 करोड़ रुपये से ऊपर के क्लेम हैं, जिसके बदले उसे केवल 20 लाख रुपये ही मिलेंगे. दोनों ने रिजोल्यूशन प्लान में इन आवंटनों का विरोध किया था, लेकिन उनकी इन आपत्तियों को NCLT ने खारिज कर दिया था.

इस देश में किसी भी और इनसॉल्वेंसी मामले की तरह, इस मामले के भी सुप्रीम कोर्ट में ही जाकर खत्म होने की उम्मीद है. ये एक और मुश्किल साबित हो सकती है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले NBCC की योजना को खारिज कर दिया था जिसे लेंडर्स और निचली अदालतों ने सही करार दिया था.

अगर कोई इस प्लान को लेकर कोई बड़ा विरोध नहीं होता है तो, आगे जो गुंजाइंश बनेगी वो इस तरह है:

  • अगले एक सप्ताह के अंदर, सुरक्षा रियल्टी और रिजोल्यूशन प्रोफेशनल अनुज जैन लागू योजना की निगरानी करने के लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन करेंगे.

  • कमेटी में घर खरीदारों और अन्य वित्तीय लेनदारों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.

  • आवासीय इकाइयों को चरणबद्ध तरीके से चार साल में पूरा किया जाएगा.

  • कमेटी को वास्तविक निर्माण कार्य के लिए नई बाहरी एजेंसी नियुक्त करने की जरूरत होगी, अबतक इस प्रोजेक्ट का प्रबंधन रिजोल्यूशन प्रोफेशनल कर रहा था, जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड वो काम कर रहा था.

  • घर खरीदारों को पेनल्टी का भुगतान और वित्तीय लेनदारों को लैंड पार्सल देना अगले कुछ सालों में शुरू कर दिया जाएगा

कुल मिलाकर ये, रिजोल्यूशन प्लान के सफल तरीके से पूरा होने का रिस्क अब सामने आएगा.

सुनिश्चित करने के लिए, रिजोल्यूशन एप्लीकेंट को दूसरे प्रोजेक्ट्स में भी कामयाबी मिली हो. सुरक्षा रियल्टी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक कंपनी के नाम पर 12 रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स हैं, जिनमें से सात पूरी हो चुकी हैं, ये सभी प्रोजेक्ट मुंबई में हैं.

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