कैपिटल फूड्स (Capital Foods) के डिस्ट्रिब्यूटर्स के पास काम कर रहे हजारों लोगों को अपनी नौकरी जाने का डर सता रहा है. जनवरी में जब टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (Tata Consumer Products) ने कैपिटल फूड्स का अधिग्रहण किया था, तब से ही कैपिटल फूड्स के डिस्ट्रिब्यूटर्स में ये डर बैठ गया है. FMCG डिस्ट्रिब्यूटर्स की सबसे बड़ी बॉडी ने इसकी जानकारी दी.
13 अप्रैल को भारतीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य Dnyaneshwar Mulay को लिखे गए पत्र में ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रिब्यूटर्स फेडरेशन (AICPDF) ने टाटा ग्रुप पर कैपिटल फूड्स के 3,000 डिस्ट्रिब्यूटर्स के साथ कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने का आरोप लगाया है.
NDTV Profit की ओर से देखे गए एक पत्र में AICPDF प्रेसिडेंट धैर्यशील पाटिल (Dhariyashil Patil) ने लिखा, 'इसका नतीजा ये हुआ है कि सेल्स स्टाफ और डिलीवरी में बेरोजगारों का आंकड़ा बढ़कर 70,000 हो गया है'. उन्होंने लिखा, 'मार्केट क्रेडिट, अधूरे क्लेम से लोगों को आर्थिक स्तर पर झटका लगा है, जिससे लोगों की जिंदगी प्रभावित हो रही है'.
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इस विषय पर टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (TCPL) ने NDTV Profit को जवाब देने से मना कर दिया.
जनवरी में TCPL ने चरणबद्ध तरीके से कैपिटल फूड्स के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी. कैपिटल फूड्स के प्रोडक्ट्स में चिंग्स सीक्रेट और स्मिथ एंड जोन्स शामिल हैं. ये अधिग्रहण कंपनी की स्ट्रैटेजी के साथ मेल खाता है. कंपनी इसके जरिए फूड और बेवरेज स्पेस में अपनी पहुंच को बढ़ा सकती है. कंपनी ने इस अधिग्रहण करने के बाद ऑर्गनाइजेशन में रीस्ट्रक्चरिंग की, जिस कारण वर्कफोर्स में कमी लानी पड़ी होगी.
पाटिल ने आरोप लगाया कि TCPL ने जिस तरह से छंटनी की है, वो स्टैंडर्ड इंडस्ट्री प्रैक्टिस की तुलना में 'अनुचित' है. उन्होंने लिखा, 'जब 2018 में HUL ने ग्लोक्सोस्मिथक्लाइन कंज्यूमर (GSK) से हॉर्लिक्स का अधिग्रहण किया था, तो उन्होंने अधिकतर डिस्ट्रिब्यूटर्स को साथ रखा था. ठीक इसी तरह की प्रैक्टिस दूसरी कंपनियां भी रखती हैं. टाटा को भी डिस्ट्रिब्यूटर्स को सही एग्जिट देनी चाहिए'.
AICPDF ने TCPL चेयरपर्सन एन चंद्रशेखरन को इस मामले में बात करने की कोशिश की है, लेकिन फिलहाल उन्हें जवाब का इंतजार है.
4 लाख डिस्ट्रिब्यूटर्स और स्टॉकिस्ट्स का प्रतिनिधित्व करने वाले AICPDF ने कमीशन को इस मामले पर हस्तक्षेप करने और दूसरे एडवरसिटीज से डिस्ट्रिब्यूटर्स के अधिकारों को बचाने की मांग की है. उसने NHRC को 'सही' और 'सरल' ट्रांजिशन की मांग की है.
AICPDF ने कहा, 'मल्टीनेशनल कंपनियों की ओर से एग्रेसिव एक्शन और दूसरी कंपनियों के टेकओवर करते समय ये भूल जाती हैं कि सभी डिस्ट्रिब्यूटर्स ने उस ब्रांड को तैयार करने में अपना कितना योगदान दिया है, जितना वो आज हैं'.