एशियन पेंट्स (Asian Paints) के शेयर तीन साल पहले के स्तर पर पहुंच गए हैं. दूसरे शब्दों में उन्होंने इस अवधि के दौरान कोई रिटर्न नहीं मिला है. हालांकि गहराई से देखने पर पता चलता है कि इनमें 40% तक की तेजी देखने को मिली थी, लेकिन बाद में खपत घटने से नुकसान हुआ. एशियन पेंट्स के शेयरों (Shares) में पिछले तीन सालों के दौरान तेजी और गिरावट के बाद देखी गई है. इसमें लागातर उतार-चढ़ाव आया है.
NDTV Profit की ओर से एक स्टडी में दिखा है कि अगर किसी निवेशक ने अप्रैल 2021 में शेयर खरीदे और सितंबर 2021 में रिकॉर्ड के करीब पहुंचने पर उन्हें बेच दिया और फिर उसकी रणनीति को दोहराया तो उसका निवेश दोगुना हो जाता.
आइए देखते हैं कि कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन उसके नेट प्रॉफिट के मुकाबले कैसा रहा है.
जब हम FY14–21 के दौरान मार्केट कैपिटलाइजेशन और अर्निंग्स में ग्रोथ को देखते हैं तो ये देखा जा सकता है कि शेयर की कीमत अर्निंग्स से बेहतर रही है. हालांकि FY21-24 के दौरान मार्केट कैप और प्रॉफिट की ग्रोथ में तालमेल रहा.
वैल्युएशन में गिरावट
एशियन पेंट्स मौजूदा समय पर करीब 10 साल की एवरेज वैल्युएशन के करीब है. ये सितंबर 2020 के बाद सबसे कम स्तर है. इससे पहले ये सितंबर 2022 में 113 गुना PE रहा था. इसके मार्केट कैप और नए प्रॉफिट ग्रोथ के मेल से वैल्युएशन में गिरावट का संकेत मिलता है.
कंपनी की अर्निंग्स अच्छी रही
ब्लूमबर्ग के नौ विश्लेषकों के अनुमान से पता चलता है कि मार्च 2024 में खत्म चौथी तिमाही में एशियन पेंट्स की नेट इनकम ग्रोथ 9.07% रही है. हालांकि कंपनी पिछले तीन साल में आखिरी तिमाही में कंपनी की अर्निंग्स चार में से तीन बार पॉजिटिव रही है. सिर्फ 2020 में ही कोरोना की वजह से खपत घटने से गिरावट आई थी.
ब्रोकरेजेज ने बदला अनुमान
ग्रासिम इंडस्ट्रीज के पेंट्स बिजनेस में उतरने की वजह से ब्रोकरेजेज ने पेंट्स इंडस्ट्री के लिए अपने अनुमान में बदलाव किया है. जेफरीज के मुताबिक कंपनी का सेक्टर में आक्रामक रवैये की वजह से इंडस्ट्री की दूसरी कंपनियों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है.
कंपनी के शेयर सोमवार को 0.33% की तेजी के साथ 2,893 रुपय़े पर बंद हुए. ब्लूमबर्ग डेटा के मुताबिक कंपनी को ट्रैक करने वाले 38 विश्लेषकों में से 10 ने खरीदारी, 12 ने होल्ड और 16 ने बिक्री की सलाह दी.