Women's Day 2023: बाप-दादाओं से विरासत में नहीं, अपने दम पर बनाई पहचान, आज दुनिया सलाम करती है

देश की 5 मशहूर महिला उद्यमियों की कहानी, जिन्होंने तमाम अड़चनों के बावजूद वो मुकाम हासिल किया, जिस पर पुरुषवादी समाज अपना हक समझता रहा है.
BQP HindiBQ डेस्क
Last Updated On  08 March 2023, 12:55 PMPublished On   18 November 2022, 7:31 PM
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हाउस ऑफ द ड्रैगन के किंग ने अपनी राजकुमारी को आयरन थ्रोन का वारिस बनाया तो ज्यादातर लोगों को ये फैसला हज़म नहीं हुआ. मशहूर टीवी सीरीज़ की ये कहानी भले ही मनगढ़ंत हो, लेकिन पुरुषवादी मानसिकता की सच्ची झलक इसमें जरूर है. देश-दुनिया के कारोबारी साम्राज्य भी सदियों तक इसी सोच पर चलते रहे हैं, जहां बेटे ही वारिस बनते आए, बेटियां नहीं, लेकिन कुछ बेटियां ऐसी भी हैं, जिन्होंने अपना बिजनेस एम्पायर खुद खड़ा किया और अपने बनाए सिंहासन पर शान से बैठी हैं. हम आज बात करेंगे भारत की कुछ ऐसी ही मशहूर बेटियों की.

1. शहनाज़ हुसैन, फाउंडर, शहनाज़ हर्बल्स

देश की महिला उद्यमियों की पहली जेनरेशन में शामिल शहनाज़ हुसैन की दास्तान इतनी दिलचस्प है कि उसे चंद लफ्जों में समेटना मुश्किल है. उनके पिता जस्टिस नासिर उल्लाह बेग इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे, दादा समीउल्लाह बेग हैदराबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और चाचा मिर्ज़ा हमीदुल्लाह बेग सुप्रीम कोर्ट के 15वें चीफ जस्टिस. ऐसे शिक्षित और प्रतिष्ठित परिवार से जुड़े होने के बावजूद उस दौर के रिवाज़ के मुताबिक शहनाज की शादी बेहद कम उम्र में हो गई. फिर भी उन्होंने तरक्की की राह नहीं छोड़ी. आयुर्वेद और कॉस्मेटोलॉजी की पढ़ाई करने के बाद 1971 में उन्होंने अपना पहला हर्बल क्लीनिक शुरू किया. उनके हर्बल ब्यूटी प्रोडक्ट्स जल्द ही बेहद लोकप्रिय हो गए. कहा जाता है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक उनके हर्बल ट्रीटमेंट्स की मुरीद थीं. आज दुनिया के करीब 138 देशों में उनके करीब 400 फ्रेंचाइज़ी हैं.

खास बात ये है कि शहनाज हुसैन ने दुनिया भर में अपने बिजनेस का विस्तार कॉमर्शियल एडवर्टाइजिंग के बिना किया. उनकी इस रणनीति को हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया और उन्हें इस पर बोलने के लिए बुलाया भी गया. शहनाज MIT, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में लेक्चर देने के अलावा ब्रिटिश संसद के दोनों सदनों को भी संबोधित कर चुकी हैं. 2006 में उन्हें भारत सरकार पद्मश्री से सम्मानित कर चुकी है.

2. किरण मजूमदार-शॉ, फाउंडर-CEO बायोकॉन

बायोकॉन की फाउंडर किरण मजूमदार शॉ ने जिस जमाने में बायोटेक्नॉलजी कंपनी की शुरुआत की, तब ज्यादातर लोगों ने इस सेक्टर का नाम भी नहीं सुना होगा. दिलचस्प बात ये है कि उन्होंने बायोकॉन की शुरुआत 1978 में किराए के एक मकान में बने गैराज से की थी. वो भी महज 10 हजार रुपये की रकम के साथ. तमाम संघर्षों और मुश्किलों का सामना करते हुए उन्होंने अपने इस बिजनेस को कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचाया और आज उनकी गिनती देश की सबसे बड़ी सेल्फमेड महिला कारोबारियों में होती है. फोर्ब्स की अमीरों की लिस्ट के मुताबिक उनकी मौजूदा नेटवर्थ करीब 3.3 अरब डॉलर यानी 27,154 करोड़ रुपये है. अपनी उपलब्धियों के लिए उन्हें 1989 में पद्मश्री और 2005 में पद्मभूषण से सम्मानित किया जा चुका है.

3. रितु कुमार, फैशन डिजाइनर, फाउंडर, रितु कुमार ब्रांड

मशहूर फैशन डिजाइनर रितु कुमार भी भारत की उन शुरुआती महिला उद्यमियों में शामिल हैं, जिनका नाम अपने आप में एक ब्रांड है. फैशन इंडस्ट्री में उनकी बेहद खास जगह है. रितु कुमार ने अपने काम की शुरुआत 1960 के दशक में दो छोटे टेबल और हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग के सामान के साथ कोलकाता में की थी. ब्राइडल वियर में खास पहचान बनाने वाली रितु कुमार ने देश के कई शहरों में अपने शोरूम खोलने के बाद 1990 के दशक में इंटरनेशनल मार्केट में कदम रखे और पेरिस, लंदन और न्यूयॉर्क में अपनी ब्रांच शुरू कीं. हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के खास प्रोजेक्ट “क्रिएटिंग इंमर्जिंग मार्केट्स” के तहत रितु कुमार को भी एक केस स्टडी के तौर पर शामिल किया गया है. 2013 में भारत सरकार उन्हें पद्मश्री से सम्मानित कर चुकी है. कुछ अनुमानों के मुताबिक रितु कुमार का सालाना टर्नओवर करीब 300 करोड़ रुपये है.

4. वंदना लूथरा, फाउंडर, VLCC

VLCC यानी वंदना लूथरा कर्ल्स एंड कर्व्स की फाउंडर वंदना लूथरा का नाम भारत की मशहूर महिला उद्यमियों की फेहरिस्त में बड़े सम्मान से लिया जाता है. क्वीन ऑफ वेलनेस कही जाने वाली वंदना लूथरा ने 1989 में अपने बिजनेस की शुरुआत एक ब्यूटी एंड स्लिमिंग सर्विस सेंटर से की थी. एक छोटे से बैंक लोन की मदद से शुरू हुए इनके कारोबार की नेटवर्थ अब 1200 करोड़ रुपये से ज्यादा है. दुनिया के 16 देशों के 165 शहरों में उनके 350 से ज्यादा सेंटर हैं. VLCC इंस्टीट्यूट ऑफ ब्यूटी एंड न्यूट्रीशन के नाम से वो वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भी चलाती हैं, जिसके भारत और नेपाल के 55 शहरों में 73 कैंपस हैं. पद्मश्री से सम्मानित वंदना को FICCI के सक्सेसफुल बिजनेस वुमन अवॉर्ड और राजीव गांधी वीमेन अचीवर अवॉर्ड समेत ढेरों पुरस्कार मिल चुके हैं.

5. फाल्गुनी नायर, को-फाउंडर, नायका (Nykaa)

फाल्गुनी नायर की कंपनी Nykaa के अक्टूबर 2021 में आए IPO ने देखते ही देखते उन्हें देश की सबसे रईस महिला उद्योगपतियों में शामिल कर दिया. इस IPO के जरिए कंपनी ने 5,352 करोड़ रुपये जुटाए. Nykaa का मौजूदा मार्केट कैप 45 हज़ार करोड़ रुपये से ज्यादा है, जिसकी 53% से ज्यादा हिस्सेदारी फाल्गुनी नायर के पास है. मुंबई के गुजराती परिवार में जन्मी फाल्गुनी ने IIM अहमदाबाद से MBA किया है. वे करीब 19 साल तक Kotak Mahindra Group से जुड़ी रहीं और मैनेजिंग डायरेक्टर के पद तक पहुंचीं. इसके बाद 2012 में उन्होंने Kotak Mahindra Group छोड़कर Nykaa की स्थापना की. उनकी इस कंपनी ने बेहद कम समय में ब्यूटी और वेलनेस प्रोडक्ट्स के प्रीमियर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के तौर पर खास पहचान बना ली है.

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लेखकBQ डेस्क
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