ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला फेड अब खत्म करेगा: एंड्र्यू हॉलैंड

'अमेरिका के 16वें सबसे बड़े बैंक सिलिकॉन वैली बैंक का डूबना, फेड के फैसले पर असर डालेगा, भले ही महंगाई दर अब भी अनुमानों से ऊपर ही क्यों न हो'
BQP Hindiमोहम्मद हामिद
Last Updated On  15 March 2023, 11:40 AMPublished On   15 March 2023, 11:40 AM
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कुछ दिन पहले तक ये चर्चा थी कि फेडरल रिजर्व अपनी मार्च की पॉलिसी में ब्याज दरों को थोड़ा और ज्यादा तेजी से बढ़ाएगा, फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने भी अपने बयानों में कुछ ऐसे ही संकेत दिए थे, लेकिन जबसे अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक संकट हुआ है, हालात और विचार दोनों ही बदल गए हैं.

'ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला अब खत्म होगा'

एवेन्यू कैपिटल अल्टरनेट स्ट्र्रैटेजीज के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर एंड्र्यू हॉलैंड का कहना है कि सिलिकॉन वैली बैंक डूबने की वजह से इसका असर दूसरे बैंकों पर न पड़े, इसलिए अमेरिका में फेड का ब्याज दरें बढ़ाने का सिलसिला अब खत्म होने को है.

एंड्र्यू हॉलैंड ने BQ प्राइम के नीरज शाह के साथ बातचीत में कहा कि - फेड के पास विकल्प होगा कि वो इक्विटी में निवेशकों को थोड़ी राहत दे या फिर ब्याज दरें 25 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ाकर स्थिति का जायजा ले. हॉलैंड ने उम्मीद जताई कि फेड ब्याज दरों को घटाने की बजाय इसको 'होल्ड' करेगा. इससे महंगाई नीचे आएगी और इमर्जिंग मार्केट्स से ग्रोथ भी लौटेगी.

सिलिकॉन वैली बैंक डूबने का असर होगा

अमेरिका के 16वें सबसे बड़े बैंक सिलिकॉन वैली बैंक का डूबना, फेड के फैसले पर असर डालेगा, भले ही महंगाई दर अब भी अनुमानों से ऊपर ही क्यों न हो. जब ज्यादातर स्टार्टअप्स और टेक ग्राहकों ने अपने डिपॉजिट निकाल लिए तो बैंक को FDIC रिसीवरशिप में डाल दिया गया. जब अमेरिकी सेंट्रल बैंक ने महंगाई को काबू में करने के लिए ब्याज दरें बढ़ाईं तो इसको डेट सिक्योरिटीज में बहुत घाटा हुआ.

इस अमेरिकी बैंकिंग संकट का भारत पर कितना असर होगा, इस पर एंड्र्यू हॉलैंड का कहना है कि भारतीय बैंकिंग सेक्टर पर ज्यादा खतरा नहीं है क्योंकि इसने अपनी बैलेंसशीट को बिल्कुल क्लीन रखा हुआ है. उन्होंने कहा कि बॉन्ड मार्केट में आई गिरावट को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है, जब इंटरेस्ट रेट साइकिल आएगा तो चीजें समय के साथ पलट जाएंगी. हालांकि उन्होंने कहा कि दुनिया भर में सेंटीमेंट्स को थोड़ा ठहराव आने तक रुकना चाहिए.

उन्होंने कहा कि - 'भारत का रिजर्व बैंक फेड पर नजर बनाए हुए है, लेकिन ये भी हो सकता है कि RBI फेड से अलग कोई फैसला ले, ऐसा अनुमान है कि रिजर्व बैंक भी गिरती ग्रोथ और आशावादी प्राइवेट कैपेक्स साइकिल को देखते हुए ब्याज दरों को 'होल्ड' करे.'

मुख्य थीम

हॉलैंड ने कहा कि - जब ब्याज दरें स्थिर हो जाएंगी, तब अमेरिका में ग्रोथ में भी सुधार देखने को मिलेगा, इससे इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) सेक्टर को मदद मिलने की उम्मीद है. टेक में एक मजबूत ग्रोथ देखने को मिलेगी, खासतौर पर आर्टिफिशियल इंटेंलीजेंस एप्लीकेशन वाले सेक्शन में जैसे कि ChatGPT.

हॉलैंड को घरेलू खपत को लेकर भी काफी आशावान हैं. उन्होंने कहा कि फास्ट फूड, तम्बाकू और स्पिरिट्स कंपनियों में भी मार्जिन प्रेशर के बावजूद अच्छी ग्रोथ दिखने की उम्मीद है. हॉलैंड के मुताबिक सर्विस सेक्टर में होटल्स, एयरलाइंस को भी फायदा पहुंचने की उम्मीद है.

एंड्र्यू हॉलैंड का पूरा इंटरव्यू यहां देखें

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