ADVERTISEMENT

प्रॉपर्टी विवादों का 'आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस' से होगा निपटारा, UP RERA ने मंगवाए आवेदन

AI और मशीन लर्निंग शिकायतों की फाइलिंग उसकी छंटनी या केस की प्राथमिकता तय करने के साथ केस की ट्रैकिंग करने और नोटिफिकेशन भेजने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी11:09 AM IST, 17 May 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML) जैसी नई टेक्नोलॉजी की जरूरत अब अदालतों तक पहुंच चुकी है. अदालतों में प्रॉपर्टी विवादों का निपटारा करने के लिए अब AI का इस्तेमाल किया जाएगा. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की मदद से ई-कोर्ट्स की अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए UP RERA ने आवेदन मंगाए हैं.

UP RERA ने आधिकारिक बयान में जानकारी दी कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) शिकायतों की फाइलिंग उसकी छंटनी या केस की प्राथमिकता तय करने के साथ केस की ट्रैकिंग करने और नोटिफिकेशन भेजने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं.

ई-कोर्ट को इंटेलीजेंट बनाएंगे AI, ML और NLP

UP RERA ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), मशीन लर्निंंग (ML) और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) की मदद से स्मार्ट कोर्ट के सिस्टम की डिजाइनिंग, डेवलपमेंट और इंप्लिमेंटेशन पर काम किया जाएगा. इससे बेहतरीन क्षमता वाला सुरक्षित और समझदार सिस्टम तैयार होगा जो लोगों की कंप्लेंट का जल्दी निपटारा कर सके.

क्यों पड़ी AI बेस्ड सिस्टम की जरूरत?

टेक्नोलॉजी आने वाली दुनिया का दरवाजा है. तेजी से बढ़ती आबादी के साथ हमें ऐसी ही किसी चीज की जरूरत है, जो हमारी दिक्कतों का जल्दी से जल्दी निपटारा कर सके. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) उसमें ही हमारी मदद कर रहा है. UP RERA ने कहा, चाहे बिग डेटा हो, मशीन लर्निंग, नेचुरल नेटवर्किंग, पैटर्न पहचानना, सेल्फ लर्निंग, अनुमान लगाना, डेटा साइंस और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) में इंसान से ज्यादा तेज और स्मार्ट कंप्यूटर सिस्टम हमारी मदद कर रहे हैं.

सुनवाई को शेड्यूल करने से लेकर केस की लिस्ट तैयार करने तक या फिर किसी डॉक्यूमेंट को खोजने से लेकर उसको तैयार करने तक, मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग एल्गोरिदम हमारी मदद कर सकते हैं.

कई दूसरे बोरिंग काम भी कर सकता है सिस्टम

कंप्लेंट फाइल करने, फिल्टरिंग करने और केसेज की गंभीरता पर उनकी प्राथमिकता तय करने जैसे काम भी कर सकते हैं. केस की ट्रैकिंग करना भी इसमें शामिल है.

अखबारों में दिए विज्ञापन

UP RERA ने जानकारी दी कि उसने हिंदी और अंग्रेजी के दैनिक अखबारों में इसके लिए आवेदन निकाले हैं. EOI डॉक्यूमेंट्स को UP-RERA की वेबसाइट http://www.up-rera.in से डाउनलोड किया जा सकता है. आवदेन देने की अंतिम तारीख 26 मई 2023, दोपहर 3 बजे तक है. कंसल्टेंट चाहें तो ऑनलाइन फॉर्म भी भरकर जमा कर सकते हैं. जो कि वेबसाइट पर उपलब्ध है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT