जल्द ही देश से बाहर रहने वाले भारतीय मतदाताओं को भी देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में आसानी से शामिल होने का मौका मिल सकता है. प्रवासी भारतीय वोटर के लिए चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर सरकार विचार कर रही है. राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि ऐसे मतदाताओं के लिए इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट सिस्टम की सुविधा पर विदेश मंत्रालय से बातचीत चल रही है.
किरेन रिजिजू ने ये भी कहा कि इस साल 1 जनवरी तक ओवरसीज वोटर्स की कुल संख्या 1.15 लाख से अधिक थी.
उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग के प्रस्ताव के कार्यान्वयन में शामिल तार्किक चुनौतियों को दूर करने के लिए विदेश मंत्रालय के साथ इस मामले पर चर्चा की जा रही है. चुनाव आयोग ने ओवरसीज वोटर के वोट देने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए चुनाव संचालन नियमावली, 1961 के नियम में संशोधन का प्रस्ताव सरकार को दिया है.
चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, अब तक ओवरसीज वोटर को फोटो पहचान पत्र जारी नहीं किया जाता है, उन्हें मतदान केंद्र पर पासपोर्ट दिखाने के बाद मतदान करने की अनुमति दी जाती है. चुनाव आयोग ने बताया था कि ओवरसीज वोटर को भारत में आकर वोट करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है.
किरेन रिजजू ने ये भी बताया कि चुनाव आयोग की सिफारिश पर, प्रवासी भारतीय मतदाताओं को उनके मताधिकार के इस्तेमाल में मदद करने के लिए सरकार ने 'रिप्रजेंटशन ऑफ पीपल (अमेंडमेंट) 2018 विधेयक को लोक सभा से पारित करा लिया था. हालांकि, राज्य सभा से इसका पास होना अभी बाकी है.