चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस (TMC), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीन लिया है. चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया है. आम आदमी पार्टी का चुनाव चिह्न 'झाड़ू' बना रहेगा. दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी बहुमत और एक बड़े वोट शेयर के साथ सत्ता में है. वहीं, गोवा विधानसभा चुनाव में भी उसे 6.77% वोट मिले थे.
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए इसे एक चमत्कार बताया है.
पिछले हफ्ते, कर्नाटक हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग को 13 अप्रैल तक आम आदमी पार्टी (आप) की राष्ट्रीय पार्टी की स्थिति के बारे में उचित आदेश जारी करने का निर्देश दिया था.
उधर, चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी और शरद पवार की पार्टियों को जोर का झटका दिया है. आयोग ने जुलाई 2019 में TMC, NCP और CPI को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें उनसे ये बताने के लिए कहा गया था कि उस वर्ष लोकसभा चुनावों में उनके प्रदर्शन के बाद उनकी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा क्यों नहीं रद्द कर दिया जाना चाहिए.
इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में तीनों पार्टियों के लिए ये एक बड़े राजनीतिक झटके के तौर पर देखा जा रहा है.
TMC ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वो इस फैसले को चुनौती देने के लिए कानूनी विकल्पों का सहारा लेगी.
अगर किसी दल को 4 राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा प्राप्त है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है.
अगर कोई दल 3 राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 3% सीटें जीतता है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है.
अगर कोई पार्टी 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव में 4 राज्यों में 6% वोट हासिल करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी माना जाता है.
अगर कोई भी पार्टी इन तीनों शर्तों में से किसी एक शर्त को पूरा करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है.
स्टार प्रचारकों की लिस्ट में 40 लोगों के नाम दे सकती है पार्टी.
चुनाव के दौरान दूरदर्शन और आकाशवाणी पर प्रचार के लिए ज्यादा समय मिलेगा.
EVM में बैलट मशीन पर उम्मीदवारों के नामों के क्रम में बतौर राष्ट्रीय पार्टी, उम्मीदवारों को प्राथमिकता मिलेगी.
चुनाव आयोग की तरफ से बुलाई गई राजनीतिक दलों की हर बैठक के लिए निमंत्रण मिलेगा.