भारत ने गुरुवार को विश्व व्यापार संगठन (WTO) की डिस्प्यूट सेटलमेंट बॉडी के उस फैसले के खिलाफ अपील दाखिल कर दी है, जिसमें भारत की ओर से इंफॉर्मेशन कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी (ICT) प्रोडक्ट्स के साथ-साथ मोबाइल फोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेट्स पर टैरिफ (Import Duty) लगाने के खिलाफ फैसला दिया था.
मई में भी भारत ने इसी तरह की रिपोर्ट के खिलाफ अपील की थी, तब जापान ने इसकी शुरुआत की थी.
17 अप्रैल को WTO की डिस्प्यूट सेटलमेंट बॉडी की ओर से इंफॉर्मेशन कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स पर भारत के टैरिफ को लेकर यूरोपियन यूनियन, चीनी ताइपे और जापान की शिकायतों के बाद तीन पैनल रिपोर्ट्स जारी की गईं थीं. पैनल की रिपोर्ट ने फैसला सुनाया कि कुछ IT प्रोडक्ट्स पर भारत की इंपोर्ट ड्यूटी विश्व व्यापार नियमों के मुताबिक नहीं हैं.
ट्रेड बॉडी की ओर से दी गई ताजा जानकारी के मुताबिक यूरोपियन यूनियन के खिलाफ भारत की दूसरी अपील 14 दिसंबर को WTO सदस्यों को भेजी गई थी.
NDTV प्रॉफिट ने पहले बताया था कि 2019 में यूरोपियन यूनियन, जापान और ताइवान की ओर से शुरू किए गए मामलों में 17 अप्रैल को WTO के डिस्प्यूट सेटलमेंट पैनल ने जब भारत के खिलाफ फैसला सुनाया था, तब भारत भी इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है.
भारत का तर्क ये है कि उसके टैरिफ 1997 में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एग्रीमेंट (ITA) का उल्लंघन नहीं करते हैं, जिस पर भारत ने दस्तखत किए हैं. साथ ही स्मार्टफोन जैसे कुछ प्रोडक्ट्स जिन पर ड्यूटी का विवाद है, उन्हें बाद में परिभाषित करके बताया गया था.
ये अपील ऐसे समय में आई है जब भारत प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के जरिए कुछ IT प्रोडक्ट्स पर यूरोपियन यूनियन के साथ WTO के इंपोर्ट ड्यूटी विवाद हल करने की उम्मीद कर रहा था, जिस पर अभी बातचीत चल रही है.
8 मई, 2021 को पोर्तो, पुर्तगाल में भारतीय और यूरोपियन यूनियन नेताओं की ओर से की गई घोषणा के बाद, भारत-EU-FTA वार्ता औपचारिक रूप से 17 जून, 2022 को फिर से शुरू हुई.
सरकार की ओर से मिले आंकड़ों के मुताबिक, छठे दौर की बातचीत 16 और 27 अक्टूबर के बीच हुई, जिसके दौरान दोनों पक्षों ने सामान, सरकारी खरीद, व्यापार और स्थिरता, ऊर्जा और कच्चे माल, तकनीकी बाधाओं और उत्पत्ति के नियमों (Rules of origin) पर विस्तार से चर्चा की.
डिस्प्यूट सेटलमेंट बॉडी की रिपोर्ट पर अपील अब WTO की एपीलेट बॉडी के पाले में है, जो कि फिलहाल काम ही नहीं कर रही है. क्योंकि एपीलेट बॉडी में नए जजों की नियुक्ति को अमेरिका जैसे कुछ देशों ने रोक दिया है. इससे पैनल रिपोर्ट पर की गई अपील ठंडे बस्ते में चली गई है.
WTO ने अपनी वेबसाइट पर भारत की अपील की जानकारी देते हुए एक रिलीज में बताया है कि एपीलेट बॉडी की रिक्तियों को भरने के बारे में WTO सदस्यों के बीच सहमति की कमी को देखते हुए, अपीलों के निपटारे के लिए फिलहाल कोई एपीलेट बॉडी डिवीजन मौजूद नहीं है.