Health Insurance: सिर्फ कंपनी कवरेज के भरोसे बैठना समझदारी नहीं, अलग से पॉलिसी लेना है जरूरी

अगर आपके के पास अपनी कंपनी का हेल्थ कवर नहीं होगा, तब भी इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस आपको प्रोटेक्ट करेगा.
BQP HindiBQ डेस्क
Last Updated On  11 March 2023, 8:00 AMPublished On   11 March 2023, 8:00 AM
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आज के दौर में हेल्थ इंश्योरेंस सभी के लिए जरूरी है. हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज किसी भी व्यक्ति के लिए एक बड़ी राहत है क्योंकि एक बीमारी का मतलब है आपकी जमा पूंजी साफ. ऐसे समय में हेल्थ इंश्योरेंस सुरक्षा कवच की तरह काम करता है.

इंडिविजुअल पॉलिसी का होना जरूरी

लेकिन, ज्यादातर सैलरीड क्लास के लोगों के पास पहले से ही अपनी कंपनी का बीमा होता है, हालांकि तब भी कंपनी के कवरेज के अलावा अलग से भी एक इंडिविजुअल बीमा भी होना चाहिए. क्योंकि जब आपके पास कंपनी का बीमा कवर नहीं होगा, तब इंडिविजुअल बीमा कवरेज आपके बहुत काम आएगा.

आपको ऐसे बहुत से मामले मिल जाएंगे, जब अचानक ही कंपनी का स्वास्थ्य बीमा कवर नहीं रहता है और जरूरत पड़ने पर फंसा हुआ महसूस करते हैं. आज के समय में ऐसे लोगों की तादाद अच्छी खासी है जिनके पास हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है. ऐसा क्यों होता है आइए जानते हैं.

जॉब बदलने पर

हर इंसान बेहतर अवसर की तलाश में रहता है, जिसकी वजह से जॉब बदलता रहता है. इसके कारण हेल्थ पालिसी पर भी असर पड़ता है. हर कंपनी की अलग-अलग हेल्थ पालिसी होती है. कहीं उसे पॉलिसी का लाभ मिलता है तो कहीं नहीं मिल पाता है.

जो लोग नौकरी करते हैं, उन्हें कंपनी की तरफ से ही उनके और उनके परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी उपलब्ध कराई जाती है. जब आप अपना जॉब चेंज करते हैं तब दिक्कत आती है ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस को छोड़ना पड़ता है.

जॉब के बीच गैप

अगर आप एक कंपनी से दूसरी कंपनी में जा रहे हैं. दोनों के रिलीविंग और ज्वाइनिंग डेट में अंतर होता है तो उस दौरान आपको हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का फायदा नहीं मिलेगा.

इस दौरान कोई घटना आपके साथ हो गई तो उसका भार आपको खुद ही उठाना होगा. ये आपके जीवन भर की फाइनेंशियल प्लानिंग को चौपट कर सकता है. ऐसे समय में ये जरूरी हो जाता है कि आपके पास अपनी खुद कि हेल्थ पॉलिसी हो.

टेकओवर

आए दिन कॉर्पोरेट सेक्टर में एक कंपनी दूसरे कंपनी का टेकओवर करती है. इसके कारण एक झटके में कर्मचारी के लिए पूरी स्थिति बदल जाती है. ऐसे में इंडिविजुअल हेल्थ पालिसी की वैल्यू बढ़ जाती है.

कंपनी ने कोई बदलाव किया

कई बार ऐसा भी होता है कंपनी हेल्थ केवरेज की शर्तों में कुछ परिस्थितियों में बदलाव कर देती है. ऐसे में कई बार आपको वो फायदे नहीं मिल पाते हैं, जो आपको पहले मिल रहे थे. ऐसे में कर्मचारी भी कुछ नहीं कर सकता है क्योंकि ये कॉर्पोरेट फैसले होते हैं, किसी एक कर्मचारी के लिए नहीं होता है. ऐसे समय में कर्मचारी का अपनी लिया हुआ हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज ही काम आता है.

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