हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने में कहीं आप भी तो यही गलती नहीं कर रहे?

अगर हेल्थ इंश्योरेंस को समय पर लिया जाए तो अस्पताल में होने वाले खर्चों पर अपनी बचत का एक बड़ा हिस्सा खर्च करने से बचा जा सकता है.
BQP HindiBQ डेस्क
Last Updated On  04 March 2023, 8:32 AMPublished On   04 March 2023, 8:32 AM
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हम सब जानते हैं कि स्वास्थ्य पर खर्च लगातार तेजी से बढ़ रहा है. आज के समय में मामूली बीमारियों के इलाज में लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं. ऐसे समय में हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी हो जाता है. लेकिन, इंश्योरेंस खरीदते वक्त हमें कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. कई बार हम पॉलिसी लेने के बाद पछताते हैं. इसलिए जरूरी है कि हेल्थ पॉलिसी को काफी सोच समझकर लिया जाए.

हेल्थ इंश्योरेंस फाइनेंशियल प्लानिंग का हिस्सा है

हेल्थ इंश्योरेंस ऐसी बीमा पॉलिसी होती है, जो किसी भी व्यक्ति की बीमारी के इलाज पर होने वाले खर्चों का भुगतान करती है. अस्पताल में भर्ती होने से लेकर, डॉक्टरों की फीस, टेस्ट और दवाइयों का खर्च जैसी सभी चीजों का भुगतान कंपनी करती है.

फाइनेंशियल प्लानर्स इस बात पर जोर देते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस आपके फाइनेंशियल प्लानिंग का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो कि किसी भी व्यक्ति को वेल्थ क्रिएशन के गोल में मदद करता है.

कैसी पॉलिसी चुननी चाहिए

अगर हेल्थ इंश्योरेंस को समय पर लिया जाए तो अस्पताल में होने वाले खर्चों पर अपनी बचत का एक बड़ा हिस्सा खर्च करने से बचा जा सकता है.

इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले आपको जोखिम का भी ध्यान रखना चाहिए. आपको ऐसी पॉलिसी चुननी चाहिए, जिसमें सब लिमिट कम हों. आमतौर पर ज्‍यादा सब लिमिट वाली पॉलिसी का प्रीमियम कम होता है. कम प्रीमियम के चक्‍कर में हम इन्‍हें ले लेते हैं, जब अस्‍पताल में बिल चुकाने की बात आती है, तब हमें गलती का एहसास होता है.

एक्सटर्नल कवर लेना हमेशा अच्छा होता है

हेल्थ पालिसी दो प्रकार की होती है. फैमिली फ्लोटर प्लान और व्यक्तिगत इंश्योरेंस प्लान. फैमिली फ्लोटर में पूरे परिवार को हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए कवर किया जाता है. वहीं, व्यक्तिगत इंश्योरेंस प्लान में सिर्फ एक व्यक्ति को कवर करता है. इस इंश्योरेंस के तहत आपको अस्पताल में भर्ती रहने तक का पूरा खर्च मिलता है.

अरविंद राव एंड एसोसिएट्स के को-फाउंडर अरविंद राव बताते हैं कि सैलरी क्लास के बहुत सारे लोग तर्क देते हैं कि उनके पास पहले से ही अपनी कंपनी का बीमा है तो उन्हें एक्सटर्नल कवर की क्या जरूरत है. उन्होंने इस बात का जवाब देते हुए कहा कि एक्सटर्नल कवर लेना हमेशा अच्छा होता है.

वेटिंग पीरियड क्या है

स्वास्थ्य बीमा खरीदते समय, विभिन्न बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड क्या है, यह समझने के लिए आपको पॉलिसी के दस्तावेजों को अवश्य पढ़ना चाहिए. आमतौर पर, जब कोई व्यक्ति स्टैंडअलोन कवर खरीदता है, तो पहले से वेटिंग पीरियड होता है. इसका मतलब ये है कि अगर किसी व्यक्ति को किसी ऐसी बीमारी के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट लेना है जो इस वक्त वेटिंग पीरियड में है, तो बीमा पॉलिसी लागत को कवर नहीं करेगी.

नो-क्लेम बोनस

बीमा कंपनियां एक निश्चित समय के लिए कोई क्लेम नहीं किए जाने पर स्वास्थ्य बीमा के खरीदार को बोनस या नो-क्लेम बोनस देती हैं. हेल्थ पॉलिसियां ऐसा प्रोविजन देती हैं जहां बीमा राशि तब बढ़ती है जब आप कोई क्लेम नहीं करते हैं.

पॉलिसी बाजार डॉट कॉम के बिजनेस हेड-(हेल्थ इंश्योरेंस) सिद्धार्थ सिंघल ने कहा, 'अगर पालिसी पर कोई क्लेम नहीं किया जाता है तो 10 लाख रुपये की पॉलिसी 70 लाख रुपये की बन सकती है.'

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