एक अच्छी खबर आई है. देश में 10 लाख से ज्यादा कमाने वाले टैक्सपेयर्स की संख्या बढ़ गई है. वित्त मंत्रालय ने आंकड़े जारी कर बताया है कि 10 लाख रुपये से ज्यादा कमाने वाले टैक्सपेयर्स की संख्या वित्त वर्ष 2015 के 5.6% से बढ़कर वित्त वर्ष 2021 में 12.8% हो गई है. वित्त मंत्रालय ने ये जानकारी, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में दी है.
वित्त मंत्रालय ने टैक्सपेयर्स के आय वर्ग और उनकी कैटेगरी यानी कॉरपोरेट और पर्सनल टैक्सपेयर्स की संख्या और उनसे हुए कलेक्शन के आंकड़े दिए हैं. ये आंकड़े वित्त वर्ष 2015 से वित्त वर्ष 2021 तक के हैं.
0-5 लाख की कमाई वाले टैक्सपेयर्स
0-5 लाख रुपये की आय वर्ग में टैक्सपेयर्स की संख्या में वृद्धि देखी गई है, लेकिन कुल टैक्सपेयर्स के प्रतिशत के रूप में इसका अनुपात FY15 के 81% से घटकर FY21 में 65% हो गया है.
5-10 लाख की कमाई वाले टैक्सपेयर्स
5-10 लाख रुपये की सालाना आय की कैटेगरी में टैक्सपेयर्स की संख्या FY15 में 13% से बढ़कर FY21 में 22% हो गई है.
10 लाख से ज्यादा कमाई वाले टैक्सपेयर्स
10 लाख रुपये सालाना से अधिक आय वाले टैक्सपेयर्स की संख्या FY15 के 5.6% से बढ़कर FY21 में 12.8% हो गई है. वित्त वर्ष 2020 और 2021 के बीच इस श्रेणी में सबसे बड़ी सालाना ग्रोथ देखने को मिली.
0-5 लाख रुपये के दायरे में टैक्सपेयर्स की संख्या में बढ़ोतरी को बढ़ते टैक्स कलेक्शन के रूप में नहीं देखा जा सकता है. जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले 6 साल की अवधि में 0-5 लाख रुपये के इनकम स्लैब में दाखिल किए गए टैक्स रिटर्न की संख्या में वृद्धि हुई है और ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि अधिक से अधिक लोगों को टैक्स स्लैब के दायरे में लाया गया है.अमरपाल चड्ढा, टैक्स पार्टनर, EY
बजट में पर्सनल इनकम टैक्स में हुए बदलावों का असर अभी देखा जाना बाकी है क्योंकि ये व्यवस्था 1 अप्रैल, 2023 से यानी FY24 में लागू होगी.
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बजट के दिन BQ Prime से बात करते हुए कहा कि नए ऐलानों के पहले, पुराने टैक्स सिस्टम से नए टैक्स सिस्टम में जाने वाले लोगों की संख्या ज्यादा नहीं थी. वहीं कॉरपोरेट टैक्स सिस्टम में देखें तो नए कॉरपोरेट टैक्स सिस्टम को अपनाने वाले कॉरपोरेट्स की संख्या ज्यादा है. कॉरपोरेट टैक्स का करीब 61% हिस्सा, बिना छूट वाले 22% के टैक्स वाले नए टैक्स सिस्टम से आ रहा है.
आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022 में कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन बढ़कर 7.12 लाख करोड़ रुपये हो गया है.