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क्रेडिट, डेबिट कार्ड से विदेश में पेमेंट पर नहीं लगेगा 20% TCS! जानिए वित्त मंत्रालय ने क्या कहा

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि एक वित्त वर्ष में 7 लाख रुपये तक के इंटरनेशनल डेबिट या क्रेडिट कार्ड पर किए गए भुगतान को 20% के TCS (Tax Collected at Source) से बाहर रखा जाएगा.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी07:55 PM IST, 19 May 2023NDTV Profit हिंदी
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अब आप विदेश में आराम से घूम फिर सकते हैं और शॉपिंग भी कर सकते हैं, क्योंकि इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से पेमेंट पर आपको 1 जुलाई से 20% TCS नहीं देना होगा. दरअसल, बीते कुछ दिनों से सुर्खियों और विवादों में रहने के बाद अब वित्त मंत्रालय की ओर से इस पर सफाई जारी हुई है.

20% TCS पर सरकार की सफाई

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि एक वित्त वर्ष में 7 लाख रुपये तक के इंटरनेशनल डेबिट या क्रेडिट कार्ड पर किए गए भुगतान को 20% के TCS (Tax Collected at Source) से बाहर रखा जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 में इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड से विदेश में किए गए पेमेंट को LRS स्कीम में लाने का ऐलान किया था.

वित्त मंत्रालय ने 16 मई को फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट (चालू खाता लेनदेन) (संशोधन) नियम, 2023 को नोटिफाई किया था. जिसमें इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स को भी LRS में शामिल किया गया. इसके पहले विदेशों में इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड के जरिए किए गए पेमेंट्स को LRS लिमिट में शामिल नहीं किया गया था.

7 लाख रुपये तक के पेमेंट पर छूट

दरअसल, 1 जुलाई से लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) को लागू करने का ऐलान किया गया था, जिससे इस बात की चिंता जताई रही थी कि इससे हर छोटे-मोटे ट्रांजैक्शन पर 20% TCS लगाया जाएगा. सरकार ने किसी भी तरह के प्रोसीजरल कंफ्यूजन से बचने के लिए साफ किया है कि किसी व्यक्ति के द्वारा एक साल में 7 लाख रुपये तक के विदेश में किए गए पेमेंट को LRS की सीमा से बाहर रखा जाएगा, यानी उस पर 20% TCS नहीं लगेगा.

यहां नोट करने वाली ये भी है कि डेबिट कार्ड पहले से ही LRS स्कीम में शामिल था, लेकिन क्रेडिट कार्ड 16 मई के नोटिफिकेशन के बाद शामिल किया गया. लेकिन वित्त मंत्रालय की आज की सफाई के बाद, क्रेडिट और डेबिट कार्ड को एक बराबर लाकर खड़ा कर दिया गया है.

नियम 7 क्या है?

फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट (करेंट अकाउंट ट्रांजैक्शन्स) रूल्स, 2000 का नियम 7 दो दशक पहले पेश किया गया था. इसका मकसद विदेशी मुद्रा में क्रेडिट कार्ड्स के इस्तेमाल को बढ़ावा देना था. इसके तहत, विदेश में भुगतान के लिए ग्लोबल क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) से बाहर कर दिया गया था.

LRS के तहत अलग-अलग इस्तेमाल के लिए विदेश में 2.5 लाख डॉलर प्रति व्यक्ति तक खर्च की इजाजत मिलती है. इनमें शिक्षा, मेडिकल खर्च और निवेश भी शामिल होता है. इस नियम के तहत, ग्लोबल क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल से ये 2.5 लाख डॉलर की सीमा हट गई थी. तो, इसे कैलकुलेशन में शामिल करने की जरूरत नहीं होती थी. लेकिन 16 जुलाई के नोटिफिकेशन के बाद इसे कैलकुलेशन में शामिल कर लिया, जिसके बाद से ही इसे लेकर चिंताएं जताई जाने लगीं.

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