टिकटॉक (TikTok) पर अब अमेरिका में बैन होने का खतरा मंडरा रहा है. ब्लूमबर्ग में छपी खबर के मुताबकि - अमेरिकी सरकार ने इस वीडियो शेयरिंग ऐप के चाइनीज मालिक बाइटडांस (ByteDance) से साफ साफ कह दिया है कि अगर वो ये नहीं चाहता है कि अमेरिका में टिकटॉक पर बैन लगे, तो वो अपना हिस्सा बेचकर निकल जाए.
दरअसल, अमेरिकी अधिकारियों ने टिकटॉक ऐप को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था, इसी आधार पर इस ऐप को बैन करने की भी मांग उठी. इन अधिकारियों का कहना है कि टिकटॉक के पास जो भी यूजर डेटा हैं, अगर चीन की सरकार के हाथों में पड़ गए तो उसका गलत इस्तेमाल हो सकता है.
इस पर टिकटॉक के प्रवक्ता मॉरीन शहनहान ने एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि 'अगर राष्ट्रीय सुरक्षा ही मकसद है, तो विनिवेश इसका हल नहीं है, इसके मालिक बदल जाने से डेटा के प्रवाह या पहुंच पर कोई नया प्रतिबंध नहीं लगेगा. राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में चिंताओं को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका अमेरिकी यूजर्स डेटा और सिस्टम की पारदर्शी, यूएस-बेस्ड सुरक्षा के साथ मजबूत थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग, वेरिफिकेशन है, जिसे हम पहले से ही लागू कर रहे हैं.'
हालांकि पिछले साल कंपनी ने इस बात पर सहमति जताई थी कि वो अपनी योजनाओं में कई तरह के बदलाव करेगी, इसका नाम था प्रोजेक्ट टेक्सास. इस प्रस्ताव के तहत अमेरिका की दिग्गज कंपनी ओरेकल कॉर्प का यूजर्स डेटा की होस्टिंग, सॉफ्टवेयर रिव्यू और सरकार से मंजूर तीन सदस्यों का एक निगरानी बोर्ड की नियुक्ति शामिल है. कई कदम पहले से ही उठाए जा रहे हैं.
लेकिन अमेरिकी सरकार सिर्फ रिव्यू से संतुष्ट नहीं हुई, उसने कहा कि ये कदम सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए काफी नहीं हैं. अमेरिका इस कड़े रुख का जवाब चीन कैसे देता है, अब ये देखना बाकी है, क्योंकि अमेरिका जबरदस्ती टिकटॉक को बाइटडांस से अलग करना चाहता है, मगर टिकटॉक दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्टअप है, जिसकी वैल्यूएशन 200 बिलियन डॉलर के करीब है, जिसे चीन की हाई प्रोफाइल कंपनियों में शुमार किया जाता है.
पिछले हफ्ते व्हाइट हाउस ने उस बिल का जबरदस्त स्वागत किया, जिसे अमेरिकी सीनेट में पेश किया गया था. ये बिल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को बैन करने की इजाजत देता है, इस बिल का नाम है (bipartisan bill ) बाईपार्टिसन बिल. इसके पहले जनवरी में अमेरिकी सरकार ने सरकारी डिवाइसेज पर टिकटॉक को इंस्टॉल करने पर बैन लगा दिया था.
टिकटॉक का दावा है कि पूरी दुनिया में उसके 100 करोड़ से भी ज्यादा यूजर्स हैं. जिसमें 10 करोड़ यूजर्स तो अकेले अमेरिका में ही हैं. हालांकि भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया जैसे कई देशों ने टिकटॉक को अपने देश में बैन किया हुआ है.